INDIA IN OLYMPICS: ओलंपिक के इतिहास में भारत ने अब तक जीते हैं कुल इतने मेडल…………….यहां देखें सभी विजेताओं की पूरी लिस्ट

पहला मॉडर्न ओलंपिक खेल 1896 में ग्रीस की राजधानी एथेंस में हुआ था। इसके बाद दूसरा संस्करण 1900 में आयोजित हुआ, जिसमें भारतीय दल ने हिस्सा लिया था।ऐसे में भारत ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेने वाले सबसे पुराने देशों में से एक है।आगामी 26 जुलाई से शुरू होने वाले पेरिस ओलंपिक में भारत के 110 से अधिक खिलाड़ी हिस्सा लेंगे।इस बीच ओलंपिक इतिहास में भारत द्वारा जीते गए सभी पदक विजेताओं के बारे में जानते हैं।

भारत ने जीते हैं अब तक कुल 35 पदक 

100 साल से पुराने ओलंपिक इतिहास में भारत ने कुल 35 पदक जीते हैं, जिसमें 10 स्वर्ण, 9 रजत और 16 कांस्य शामिल हैं।पदक के लिहाज से भारत के लिए सबसे उपयोगी खेल हॉकी रहा है। दिलचस्प रूप से भारत ने 10 स्वर्ण में से 8 सिर्फ पुरुष हॉकी में ही जीते हैं।इसके अलावा मुक्केबाजी, कुश्ती, टेनिस, बैडमिंटन, निशानेबाजी, एथलेटिक्स और भारोत्तोलन में भारत ने पदक जीतने में सफलता हासिल की है।

पेरिस ओलंपिक 1900 में नॉर्मन प्रिचर्ड ने जीते थे ऐतिहासिक पदक 

भारत ने पहली बार 1900 में पेरिस ओलंपिक में भाग लिया, जिसमें नॉर्मन प्रिचर्ड ने एथलेटिक्स में 2 रजत पदक (पुरुषों की 200 मीटर और पुरुषों की 200 मीटर बाधा दौड़) जीते थे।वह ओलंपिक में भारत के पहले पदक विजेता बने थे। इसके साथ ही भारत ओलंपिक पदक जीतने वाला पहला एशियाई देश बन गया था।प्रिचर्ड देश के लिए एक से अधिक ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय (ब्रिटिश-भारतीय) एथलीट थे।

स्वतंत्र भारत के पहले व्यक्तिगत पदक विजेता बने केडी जाधव

1952 में हुए ओलंपिक में भारत को पहला व्यक्तिगत ओलंपिक पदक मिला था जब खसाबा दादासाहेब जाधव ने कुश्ती में इतिहास रचा था।पहले उन्हें टीम में नहीं चुना गया था और बाद में पटियाला के महाराजा के कहने पर उन्हें टीम में जगह मिली थी।कांस्य पदक जीतने वाले जाधव को दोबारा ओलंपिक में खेलने का मौका नहीं मिल सका और वह महाराष्ट्र पुलिस में नौकरी करने लगे थे।

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पुरुष हॉकी में भारत ने जीते कुल 12 पदक

जहां तक ​​टीम खेल का सवाल है, भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने ओलंपिक में 12 पदक (स्वर्ण-8, रजत-1 और कांस्य-3) जीते हैं।इस बीच भारतीय हॉकी दल ने 1928 से 1956 के बीच ओलंपिक में लगातार 6 स्वर्ण पदक जीतकर कीर्तिमान स्थापित किया था।पिछले टोक्यो ओलंपिक में भी भारतीय हॉकी टीम ने कांस्य पदक पर कब्जा जमाया था।टोक्यो में कांस्य पदक के लिए मुकाबले में भारतीय पुरुष टीम ने जर्मनी को 5-4 से हराया था।

लिएंडर पेस ने जीता है टेनिस का पहला और इकलौता पदक 

हॉकी को लेकर काफी जोश में रहने वाले देश को टेनिस में रुचि दिलाने का काम लिएंडर पेस ने किया। 1996 अटलांटा ओलंपिक में पेस ने सेमीफाइनल में जगह बनाई थी और वहां उन्हें आंद्रे अगासी के खिलाफ हार झेलनी पड़ी थी।पेस द्वारा जीता गया कांस्य पदक भारत का पहला और इकलौता ओलंपिक पदक है जो टेनिस से आया है।लगातार 3 ओलंपिक से खाली हाथ लौटने के बाद यह पदक आया था।

भारोत्तोलन में कर्णम मल्लेश्वरी और मीराबाई चानू ने जीते हैं पदक

कर्णम मल्लेश्वरी ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं। उन्होंने 2000 ओलंपिक में भारोत्तोलन में कांस्य पदक जीता था। अपने इवेंट में उन्होंने 240 किलो का भार उठाया था।मीराबाई चानू ने भारोत्तोलन में रजत पदक जीतने के साथ ही टोक्यो ओलंपिक में भारत का खाता खोला था।बता दें कि इन दोनों के अलावा कोई अन्य भारोत्तोलन में कोई अन्य पदक नहीं जीत सके हैं।

इन निशानेबाजों ने जीते हैं पदक

राज्यवर्धन सिंह राठौर निशानेबाजी में रजत पदक जीतने वाले पहले भारतीय हैं। वह व्यक्तिगत रजत पदक जीतने वाले भी पहले भारतीय हैं। उन्होंने 2004 में यह उपलब्धि हासिल की थी।2012 ओलंपिक में गगन नारंग ने कांस्य और विजय कुमार ने रजत जीता था।विजय ने रेपिड फायर पिस्टल 25 मीटर में रजत पदक अपने नाम किया था। वहीं, 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में नारंग ने कांस्य पदक पर निशाना साधा था।

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अभिनव बिंद्रा व्यक्तिगत स्वर्ण पदक वाले पहले भारतीय बने 

2008 में बीजिंग में हुए ओलंपिक में अभिनव बिंद्रा ने निशानेबाजी में स्वर्ण पदक जीता था। वह भारत के लिए व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण जीतने वाले पहले खिलाड़ी बने थे।

सुशील कुमार ने कुश्ती में जीते 2 पदक 

2008 में सुशील कुमार ने कुश्ती में भारत के लिए कांस्य पदक जीता था। वह पुरुषों की 66 किग्रा वर्ग में पहले दौर में हार गए लेकिन रेपेचेज के जरिए आगे बढ़ गए।भारतीय पहलवान ने कांस्य पदक के मुकाबले में लियोनिद स्पिरिडोनोव को 3:1 से हराया था।सुशील ने 2012 में और बेहतर प्रदर्शन करते हुए रजत पदक अपने नाम किया था। वह स्वतंत्र भारत में 2 पदक जीतने वाले पहले खिलाड़ी बने थे।

 

कुश्ती में इन पहलवानों ने भी जीते पदक

2012 में पुरुषों के 60 किग्रा भारवर्ग में योगेश्वर ने कांस्य पदक जीता था। उन्होंने उत्तर कोरिया के री जोंग-म्योंग को हराया था।2016 में साक्षी मलिक ने 58 किलोग्राम भार वर्ग में कांस्य पदक पर अपना कब्जा जमाया था। साक्षी ने कांस्य पदक के लिए मुकाबले में तत्कालीन एशियाई चैंपियन ऐसुलु टाइनीबेकोवा को 8-5 से हराया था।2020 में रवि कुमार दहिया ने 57 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती में रजत और बजरंग ने 65 किग्रा में कांस्य पदक जीता था।

बैडमिंटन में पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनीं थी साइना नेहवाल 

लंदन ओलंपिक 2012 में साइना नेहवाल ने महिला एकल बैडमिंटन में कांस्य पदक जीतकर लंदन खेलों में इतिहास रच दिया था। वांग शिन के चोटिल होने के कारण उन्हें कांस्य पदक मिला था। यह बैडमिंटन में भारत का पहला पदक था।

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बैडमिंटन में 2 पदक जीतकर पीवी सिंधु ने रचा इतिहास 

पीवी सिंधु ने रियो ओलंपिक 2016 में महिला एकल बैडमिंटन स्पर्धा में रजत पदक जीता था।वह ओलंपिक का फाइनल खेलने वाली पहली भारतीय शटलर बनीं थी। वह ओलंपिक पदक जीतने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय भी थीं।सिंधु फाइनल में शीर्ष वरीयता प्राप्त स्पेन की कैरोलिना मारिन से 3 गेम तक चले मुकाबले में हार गईं थी। इसके बाद टोक्यो ओलंपिक 2020 में उन्होंने कांस्य पदक हासिल किया था। भा

नीरज चोपड़ा ने जीता ऐतिहासिक स्वर्ण 

टोक्यो ओलंपिक के खत्म होने से एक दिन पहले भारत के लिए एक ऐतिहासिक दिन आया था।भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने भारत के इतिहास में सिर्फ दूसरा व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर का भाला फेंकते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया था।चोपड़ा ने भारत को स्वतंत्रता (1947) के बाद एथलेटिक्स में पहला पदक भी दिलाया। पेरिस ओलंपिक में भी उनसे उम्मीदें रहने वाली हैं।

भारत के इन मुक्केबाजों ने जीते हैं पदक

इस सदी से पहले तक भारत के पास मुक्केबाजी में एक भी ओलंपिक पदक नहीं था। 2008 में विजेंदर सिंह ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज बने थे। उन्होंने कांस्य पदक जीता था।उनके अलावा कोई अन्य पुरुष मुक्केबाज कभी पदक नहीं जीत पाया।मैरी कॉम ने लंदन में खेले गए 2012 ओलंपिक में 51 किग्रा भारवर्ग में प्रतिस्पर्धा करते हुए कांस्य पदक पर कब्जा जमाया था।लवलीना बोरगोहेन ने 2020 के टोक्यो खेलों में कांस्य पदक जीता था।


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