October 13, 2024 6:41 am

PANCHANG: 09 सितम्बर 2024 का पंचांग……….इस दिन मनाई जाएगी राधा अष्टमी………….पंचांग पढ़कर करें दिन की शुरुआत

पंचांग का दर्शन, अध्ययन व मनन आवश्यक है। शुभ व अशुभ समय का ज्ञान भी इसी से होता है। अभिजीत मुहूर्त का समय सबसे बेहतर होता है। इस शुभ समय में कोई भी कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय और काल की सटीक गणना की जाती है।

पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास और पक्ष आदि की जानकारी देते हैं।

आज भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष की षष्ठी है। आज विशाखा नक्षत्र है। आज सोमवार है। आज राहुकाल 07:16 से 08:49 तक हैं। इस समय कोई भी शुभ कार्य करने से परहेज करें।

आज का पंचांग (अंबिकापुर)

दिनांक09 सितम्बर 2024
दिवससोमवार
माहभाद्रपद
पक्षशुक्ल
तिथिषष्ठी
सूर्योदय05:43:05
सूर्यास्त18:05:21
करणतैतुल
नक्षत्रविशाखा
सूर्य राशिसिंह
चन्द्र राशितुला

मुहूर्त (अंबिकापुर)

शुभ मुहूर्त- अभिजीत 11:29 से 12:19 तक
राहुकाल 07:16 से 08:49 तक

भादों माह में राधा-कृष्ण की पूजा करने से परिवार में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है। इस माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को जहां जन्माष्टमी होती है, वहीं शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा अष्टमी मनाई जाती है। इन दोनों तिथियों पर राधा कृष्ण की पूजा का विधान है। हिंदू धर्म में राधा और कृष्ण की जोड़ी को प्रेम का प्रतीक माना जाता है। उनकी आराधना करने से प्रेम जीवन में खुशियों का वास होता है। इस साल 11 सितंबर 2024 को राधा अष्टमी मनाई जाएगी। इस दिन प्रीति योग बन रहा है, जो रात 11 बजकर 54 मिनट पर समाप्त होगा। इस दौरान ज्येष्ठा नक्षत्र का संयोग भी बन रहा है, जो सभी के लिए लाभदायक होने वाला है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो लोग जन्माष्टमी का उपवास रखते हैं, उन्हें राधा अष्टमी पर भी व्रत रखना चाहिए। ऐसा करने से कृष्ण जन्माष्टमी के व्रत का भी संपूर्ण फल मिलता है। इस दिन व्रत के साथ-साथ लाडली राधा की पूजा संपूर्ण विधि से करनी चाहिए। इस दौरान उनकी आरती करने से मनचाहे परिणामों की प्राप्ति होती हैं। ऐसे में आइए राधा रानी की आरती के बारे में जानते हैं।

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श्री राधा रानी जी की आरती

श्री राधारानी की आरती
आरती राधाजी की कीजै।

कृष्ण संग जो कर निवासा, कृष्ण करे जिन पर विश्वासा।

आरती वृषभानु लली की कीजै। आरती

कृष्णचन्द्र की करी सहाई, मुंह में आनि रूप दिखाई।

उस शक्ति की आरती कीजै। आरती

नंद पुत्र से प्रीति बढ़ाई, यमुना तट पर रास रचाई।

आरती रास रसाई की कीजै। आरती

प्रेम राह जिनसे बतलाई, निर्गुण भक्ति नहीं अपनाई।

आरती राधाजी की कीजै। आरती

दुनिया की जो रक्षा करती, भक्तजनों के दुख सब हरती।

आरती दु:ख हरणीजी की कीजै। आरती

दुनिया की जो जननी कहावे, निज पुत्रों की धीर बंधावे।

आरती जगत माता की कीजै। आरती

निज पुत्रों के काज संवारे, रनवीरा के कष्ट निवारे।

आरती विश्वमाता की कीजै। आरती राधाजी की कीजै ।

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