PANCHANG: 31 जुलाई 2024 का पंचांग……आज है सावन की पहली एकादशी………….जानिए महत्व और पूजाविधि………पंचांग पढ़कर करें दिन की शुरुआत

पंचांग का दर्शन, अध्ययन व मनन आवश्यक है। शुभ व अशुभ समय का ज्ञान भी इसी से होता है। अभिजीत मुहूर्त का समय सबसे बेहतर होता है। इस शुभ समय में कोई भी कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय और काल की सटीक गणना की जाती है।

पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास और पक्ष आदि की जानकारी देते हैं।

आज श्रावण माह कृष्ण पक्ष की एकादशी है। आज रोहिणी नक्षत्र है। आज बुधवार है। आज राहुकाल 12:03 से 13:42 तक हैं। इस समय कोई भी शुभ कार्य करने से परहेज करें।

आज का पंचांग (अंबिकापुर)

दिनांक31 जुलाई 2024
दिवसबुधवार
माहश्रावण
पक्षकृष्ण
तिथिएकादशी
सूर्योदय05:28:43
सूर्यास्त18:38:13
करणबालव
नक्षत्ररोहिणी
सूर्य राशिकर्क
चन्द्र राशिवृषभ

मुहूर्त (अंबिकापुर)

शुभ मुहूर्त- अभिजीत आज अभिजीत नहीं है।
राहुकाल 12:03 से 13:42 तक

आज सावन की पहली एकादशी है । प्रत्येक माह में दो एकादशी व्रत पड़ते हैं। सावन माह में भी कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की एकदशी व्रत रहते हैं। श्रावण मास में के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी के नाम से जाना जाता है। सावन माह में पड़ने वाली एकादशी तिथि की कई विशेषताएं होती हैं। कामिका एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता तुलसी की भी विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस व्रत को करने से भगवान विष्णु हर मनोकामना पूरी करते हैं। मान्यताओं के अनुसार कामिका एकादशी का व्रत रखने वाले जातक को जीवन में किए गए समस्त पाप कर्मों से मुक्ति मिलती है और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है, साथ ही व्यक्ति के जीवन में धन धान्य की कमी नहीं होती है। आइए इस लेख में कामिका एकादशी के बारे में विस्तार से जानते हैं। 

इसे भी पढ़ें:  IND vs SL: भारत ने सुपर ओवर में जीता मैच.............सूर्यकुमार यादव ने पहली गेंद पर लगाया चौका............जीती 3-0 से सीरीज

शिव के प्रिय श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी जिसे कामिका एकादशी के नाम से जाना जाता है,शास्त्रों में इसका बहुत महत्व बताया गया है। यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित होती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 30 जुलाई 2024, को शाम 04 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी और इस तिथि का समापन आज 31 जुलाई 2024 को दोपहर 03 बजकर 55 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार  कामिका एकादशी का व्रत 31 जुलाई 2024 को रखा जाएगा।

कामिका एकादशी का महत्व

पदम पुराण के अनुसार जो मनुष्य शिव के प्रिय श्रावण मास में भगवान श्रीधर का पूजन करता है उसके द्वारा गंधर्वों और नागों सहित सम्पूर्ण देवताओं की पूजा हो जाती है। यह एकादशी स्वर्गलोक तथा महान पुण्यफल प्रदान करने वाली है। जो मनुष्य श्रद्धा के साथ इसकी महिमा का श्रवण करता है वह सब पापों से मुक्त हो श्री विष्णु लोक में जाता है। विशेष रूप से, इस दिन तुलसी के पत्ते का प्रयोग करने से व्रत का महत्व और भी बढ़ जाता है। कामिका एकादशी के व्रत के दौरान किए गए दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है, जिससे व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है और उसके जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति के मन, वचन और कर्म की शुद्धि होती है और उसे भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।

कामिका एकादशी तिथि


कामिका एकादशी की शुरुआत: 30 जुलाई 2024 को शाम 04 बजकर 44 मिनट से
कामिका एकादशी का समापन: 31 जुलाई 2024 को शाम 03 बजकर 55 मिनट पर

इसे भी पढ़ें:  SURGUJA: कलेक्टर श्री भोसकर का उदयपुर का औचक दौरा..................बालक छात्रावास डांडगांव में हॉस्टल अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस

कामिका एकादशी व्रत पारण

कामिका एकादशी व्रत का पारण समय: 01 अगस्त 2024 को सुबह 5 बजकर 42 से 8 बजकर 24 मिनट तक।

कामिका एकादशी की पूजा विधि


इस दिन प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र को गंगाजल से शुद्ध करें। पूजा स्थल को साफ कर एक चौकी पर पीला वस्त्र बिछाएं और उस पर भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। धूप, दीप, फूल, चंदन, अक्षत और नैवेद्य आदि से भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करें। पूजा में तुलसी पत्र का विशेष महत्व है, इसलिए तुलसी के पत्तों का उपयोग अवश्य करें। इसके बाद, विष्णु सहस्रनाम, भगवद गीता का पाठ करें और विष्णु मंत्रों का जाप करें। “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप विशेष रूप से लाभकारी होता है। दिनभर निराहार रहकर भगवान विष्णु का स्मरण करें और सत्कर्म करें।

शाम को पुनः भगवान विष्णु की आरती करें और फलाहार ग्रहण करें। रात्रि में जागरण कर विष्णु भजन-कीर्तन करें। अगले दिन द्वादशी को ब्राह्मणों को भोजन कराकर व्रत का पारण करें।भगवान कृष्ण ने कहा है कि- ‘कामिका एकादशी के दिन जो व्यक्ति भगवान के सामने  घी अथवा तिल के तेल काअखंड दीपक जलाता है उसके पुण्यों की गिनती चित्रगुप्त भी नहीं कर पाते हैं।’जो लोग किसी कारण से एकादशी व्रत नहीं कर पाते हैं, उन्हें भी एकादशी के दिन खानपान एवं व्यवहार में पूर्ण संयम का पालन करना चाहिए। एकादशी के दिन चावल खाना भी वर्जित है।

मंत्र

यहां कुछ विष्णु मंत्र दिए गए हैं जिन्हें कामिका एकादशी के दिन जप कर पुण्य अर्जित कर  सकते हैं।

इसे भी पढ़ें:  PARIS OLYMPICS 2024: पेरिस ओलंपिक में आज भारत के खिलाड़ी इन खेलों में खेलते हुए नजर आएंगे..............बैडमिंटन में ये भारतीय शटलर पेश करेंगे चुनौती

विष्णु गायत्री मंत्र

“ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्”

नारायण मंत्र

“ॐ नारायणाय नमः”
अच्युतानंद गोविंद मंत्र
“अच्युतानंद गोविंद माधव शत कीर्तनं वासुदेव हृषीकेश”
अष्टाक्षर मंत्र:
“ॐ नमो नारायणाय”

‘इस लेख में निहित जानकारी को विभिन्न माध्यमों से संग्रहित कर आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।’

इस वेबसाइट पर निःशुल्क प्रकाशन के लिए ambikapurcity@gmail.com पर आप प्रेस विज्ञप्ति भेज सकते है।


क्या आपने इसे पढ़ा:

error: Content is protected !!