PANCHANG: 31 अगस्त 2024 का पंचांग……….कब है ऋषि पंचमी?…………..इस बार बन रहे 2 शुभ योग………….पंचांग पढ़कर करें दिन की शुरुआत
पंचांग का दर्शन, अध्ययन व मनन आवश्यक है। शुभ व अशुभ समय का ज्ञान भी इसी से होता है। अभिजीत मुहूर्त का समय सबसे बेहतर होता है। इस शुभ समय में कोई भी कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय और काल की सटीक गणना की जाती है।
पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास और पक्ष आदि की जानकारी देते हैं।
आज भाद्रपद माह कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी है। आज पुष्य नक्षत्र है। आज शनिवार है। आज राहुकाल 15:08 से 16:43 तक हैं। इस समय कोई भी शुभ कार्य करने से परहेज करें।
आज का पंचांग (अंबिकापुर)
दिनांक | 31 अगस्त 2024 |
दिवस | शनिवार |
माह | भाद्रपद |
पक्ष | कृष्ण |
तिथि | त्रयोदशी |
सूर्योदय | 05:40:16 |
सूर्यास्त | 18:14:11 |
करण | गर |
नक्षत्र | पुष्य |
सूर्य राशि | सिंह |
चन्द्र राशि | कर्क |
मुहूर्त (अंबिकापुर)
शुभ मुहूर्त- अभिजीत | 11:32 से 12:22 तक |
राहुकाल | 08:49 से 10:23 तक |
ऋषि पंचमी का व्रत हर साल भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मनाया जाता है। यह व्रत महिलाओं के लिए बहुत ही खास है। ऐसी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति ऋषि पंचमी का व्रत रखने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और वह जन्म मरण के चक्र से मुक्त हो जाता है। इस दिन ऋषियों की पूजा की जाती है। साथ ही इस व्रत को करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। महिलाओं के लिए यह व्रत काफी महत्वपूर्ण माना है। ऐसा माना जाता है कि मासिक धर्म के दौरान रसोई या खाना बनाने का काम करने से रजस्वला दोष लग सकता है। ऐसे में ऋषि पंचमी के व्रत द्वारा इस दोष से मुक्ति पाई जा सकती है। आइए जानते है ऋषि पंचमी की तिथि, पूजा मुहूर्त,मंत्र और महत्व के बारे में।
ऋषि पंचमी 2024
- पंचमी तिथि आरंभ: 7 सितम्बर 2024, सायं 05:37 पर
- पंचमी तिथि समाप्त: 8 सितम्बर 2024 को सायं 07:58 पर
- उदया तिथि के आधार पर ऋषि पंचमी 8 सितंबर 2024, रविवार को मनाई जाएगी।
ऋषि पंचमी पूजा मुहूर्त
- प्रातः 11:03 से दोपहर 01:34 तक ।
- ऋषि पंचमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 04:31 से 05:17 तक।
- ऋषि पंचमी का शुभ मुहूर्त या अभिजीत मुहूर्त: प्रातः 11:53 से दोपहर12:43 तक
ऋषि पंचमी 2024 शुभ योग
इस वर्ष ऋषि पंचमी के दिन दो शुभ योग बन रहे हैं। सबसे पहले इंद्र योग का प्रशिक्षण दिया जाता है, जो सुबह से देर शाम तक और 12:05 बजे तक है। वहीं रवि योग दोपहर 3:31 बजे से अगले दिन 9 सितंबर सुबह 6:31 बजे तक रहेगा। रवि योग सभी प्रकार के दोष को दूर करने की क्षमता रखता है क्योंकि यह सूर्य के प्रभाव को अधिक ध्यान में रखता है। ऋषि पंचमी पर स्वाति और विशाखा नक्षत्र है। स्वाति नक्षत्र सुबह से 15:31 बजे तक रहेगा।
ऋषि पंचमी पूजा विधि
- सुबह घर की सफाई करने के बाद सप्त ऋषियों के साथ देवी अरुंधति की मूर्ति स्थापित करें।
- पूजा शुरू करने से पहले पूरे घर में गंगा जल छिड़कें।
- फिर अगरबत्ती या धूप जला लें।
- फिर सप्त ऋषियों की तस्वीर के सामने जल से भरा हुआ कलश रख दें।
- फिर सप्त ऋषियों को धूप-दीप दिखाएं और पीले रंग के फल-फूल के साथ-साथ पीली मिठाइयां भी चढ़ाएं।
- फिर सप्त ऋषियों से अपनी गलतियों को क्षमा करने के लिए प्रार्थना करें।
- उसके बाद ऋषि पंचमी की कथा का श्रवण करें । .
- इसके बाद सप्त ऋषियों की आरती करें और सभी लोगों को प्रसाद बांटें।
- जब पूजा समाप्त हो जाए तो घर के बड़ों के पैर छूएं और उनका आशीर्वाद लें।
ऋषि पंचमी 2024 पूजा मंत्र
कश्यपोत्रिर्भरद्वाजो विश्वामित्रोथ गौतमः जमदग्निर्वसिष्ठश्च सप्तैते ऋषयः स्मृताः दहंतु पापं सर्व गृह्नन्त्वर्ध्यं नमो नमः॥