PANCHANG: 30 नवंबर 2023 का पंचांग………कब है विवाह पंचमी?…….. जानें, शुभ मुहूर्त, योग एवं धार्मिक महत्व……….पंचांग पढ़कर करें दिन की शुरुआत

पंचांग का दर्शन, अध्ययन व मनन आवश्यक है। शुभ व अशुभ समय का ज्ञान भी इसी से होता है। अभिजीत मुहूर्त का समय सबसे बेहतर होता है। इस शुभ समय में कोई भी कार्य प्रारंभ कर सकते हैं।

आज मार्गशीर्ष माह कृष्ण पक्ष की तृतीया है व आद्रा नक्षत्र है। आज गुरुवार है। आज राहुकाल 13:07 से 14:28 तक हैं। इस समय कोई भी शुभ कार्य करने से परहेज करें।

आज का पंचांग (अंबिकापुर)

दिनांक30 नवंबर 2023
दिवसगुरुवार
माहमार्गशीर्ष
पक्षकृष्ण पक्ष
तिथितृतीया
सूर्योदय06:21:50
सूर्यास्त17:09:32
करणविष्टिभद्र
नक्षत्रआद्रा
सूर्य राशिवृश्चिक
चन्द्र राशिमिथुन

मुहूर्त (अंबिकापुर)

शुभ मुहूर्त- अभिजीत 11:24 से 12:07 तक
राहुकाल 13:07 से 14:28 तक

हर वर्ष मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी मनाई जाती है। तदनुसार, इस वर्ष 17 दिसंबर को विवाह पंचमी है। शास्त्रों में निहित है कि त्रेता युग में मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम और माता जानकी परिणय सूत्र में बंधे थे। उस समय से हर वर्ष अगहन माह में विवाह पंचमी मनाई जाती है। महाकवि गोस्वामी तुलसीदास जी ने अपनी रचना श्रीरामचरितमानस में राम विवाह का विस्तार से वर्णन किया है। इस शुभ अवसर पर मिथिला समेत देश भर में राम विवाह का आयोजन किया जाता है। इस दिन भगवान श्रीराम और माता जानकी की पूजा करने से दांपत्य जीवन में मधुरता और निकटता आती है। साथ ही घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है। आइए, शुभ मुहूर्त, योग एवं धार्मिक महत्व जानते हैं-

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शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, अगहन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि संध्याकाल 08 बजे से शुरू होगी और अगले दिन यानी 17 दिसंबर को संध्याकाल 05 बजकर 53 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। अतः 17 दिसंबर को विवाह पंचमी मनाई जाएगी। चूंकि, 16 दिसंबर को सूर्य मकर राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करेंगे। अतः विवाह पंचमी खरमास में मनाई जाएगी। इसके लिए विवाह समेत अन्य मांगलिक कार्य इस दिन नहीं किए जाएंगे।

योग

ज्योतिषियों की मानें तो विवाह पंचमी के दिन हर्षण योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण दिन भर है। आसान शब्दों में कहें तो 18 दिसंबर को देर रात 12 बजकर 36 मिनट तक हर्षण योग है। इस योग में भगवान श्रीराम और माता जानकी की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी। साथ ही इस दिन बालव और कौलव करण का भी निर्माण हो रहा है। ज्योतिष दोनों करणों को शुभ मानते हैं।

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