PANCHANG: 29 अक्टूबर 2024 का पंचांग………धनतेरस आज……….इस शुभ योग में करें खरीदारी……….पंचांग पढ़कर करें दिन की शुरुआत

पंचांग का दर्शन, अध्ययन व मनन आवश्यक है। शुभ व अशुभ समय का ज्ञान भी इसी से होता है। अभिजीत मुहूर्त का समय सबसे बेहतर होता है। इस शुभ समय में कोई भी कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय और काल की सटीक गणना की जाती है।

पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास और पक्ष आदि की जानकारी देते हैं।

आज कार्तिक माह कृष्ण पक्ष की द्वादशी है सुबह 10:31 के बाद त्रयोदशी लग जाएगी । आज उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र है। आज मंगलवार है। आज राहुकाल 14:30 से 15:55 तक हैं। इस समय कोई भी शुभ कार्य करने से परहेज करें।

आज का पंचांग (अंबिकापुर)

दिनांक29 अक्टूबर 2024
दिवसमंगलवार
माहकार्तिक
पक्षकृष्ण
तिथिद्वादशी, सुबह 10:31 के बाद त्रयोदशी
सूर्योदय06:01:57
सूर्यास्त17:19:28
करणतैतुल
नक्षत्रउत्तर फाल्गुनी
सूर्य राशितुला
चन्द्र राशिकन्या

मुहूर्त (अंबिकापुर)

शुभ मुहूर्त- अभिजित 11:18 से 12:03 तक
राहुकाल 14:30 से 15:55 तक

हिंदू पंचांग के अनुसार धनतेरस का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस साल आज 29 अक्तूबर को धनतेरस का पर्व है। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर महाराज की पूजा की जाती हैं। इससे परिवार में खुशियां व सुख-समृद्धि बनी रहती हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार धनतेरस के दिन स्वास्थ्य के देवता भगवान धन्वंतरि की आराधना की जाती है। इस दिन धन्वंतरि भगवान ने समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश लेकर अवतार लिया था। हर साल की तरह इस बार भी धनतेरस का पर्व सभी के जीवन में खुशियों से भरा होने वाला है।

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ज्योतिष गणना के आधार पर इस साल धनतेरस की तिथि पर 100 साल बाद त्रिग्रही योग का निर्माण हो रहा है। इस दौरान उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का महासंयोग भी बनेगा। ऐसे में उपचार के देवता भगवान धन्वंतरि की पूजा करना बेहद लाभकारी साबित होगा। आइए इस दिन की पूजा विधि के बारे में जानते हैं।

धनतेरस पूजा विधि

  • धनतेरस के त्योहार पर सुबह ही स्नान कर लेना चाहिए। फिर स्वच्छ वस्त्रों को धारण कर लें।
  • अब आप घर की साफ-सफाई करें।
  • इस दौरान मंदिर की सफाई पर अधिक जोर दें। फिर सूर्य देव को जल अर्पित करें।
  • पूजा के लिए सबसे पहले चौकी लगाएं। उसपर लाल रंग का साफ वस्त्र बिछाएं।
  • अब मां लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और कुबेर जी की प्रतिमा को विराजमान करें।
  • इसके बाद दीपक जलाकर चंदन का तिलक लगाएं और आरती करें।
  • इस दौरान कुबेर जी के मंत्र ॐ ह्रीं कुबेराय नमः का 108 बार जप करें और धन्वंतरी स्तोत्र का पाठ करें।
  • अंत में फल समेत आदि चीजों का भोग लगाएं।
  • श्रद्धा अनुसार दान करें। इससे धन लाभ के योग बनते हैं।

धनतेरस 2024 शुभ मुहूर्त

धनतेरस पूजा मुहूर्त: सायं 06: 31 से रात्रि 08:13 तक
प्रदोष काल: सायं 05:38 से रात्रि 08:13 मिनट तक
वृषभ काल: सायं 06: 31 से रात्रि 09: 27 मिनट तक
ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 04: 48 से प्रातः 05:40 मिनट तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 01: 56 से 02: 40 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त: सायं 05:38 से 06: 04 मिनट तक

श्री भगवान धन्वंतरि जी की आरती

ॐ जय धन्वन्तरि देवा, स्वामी जय धन्वन्तरि जी देवा।
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा ॥
तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए।
देवासुर के संकट आकर दूर किए।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा॥
आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया।
सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा॥
भुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी।
आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा॥
तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे।
असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा॥
हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा।
वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा॥
धन्वंतरिजी की आरती जो कोई नर गावे।
रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे।।
स्वामी जय धन्वन्तरि देवा, ॐ जय धन्वन्तरि जी देवा॥

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धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त

धनतेरस पांच दिनों तक चलने वाले दीपोत्सव का पहला पर्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार धनतेरस पर पूजा और बर्तन खरीदने पर कभी भी धन का भंडार खाली नहीं रहता है। धनतेरस के दिन धन और समृद्धि प्रदान करने वाली देवी लक्ष्मी की पूजा करने का विधान होता है। इस दिन जो भी व्यक्ति धन की देवी मां लक्ष्मी, भगवान कुबेर और धन्वंतरि की पूजा करता है उसके जीवन में कभी भी धन, वैभव, सुख और समृद्धि की कमी नहीं होती है। धनतेरस पर सोने के आभूषण, चांदी के सिक्के, बर्तन, कार, मोटरसाइकिल, इलेक्ट्रानिक चीजें और नए कपड़े शुभ मुहूर्त को ध्यान में रखते हुए खरीदे जाते हैं। 

धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त

पहला मुहूर्त- सुबह 06:31 से अगले दिन सुबह 10: 31 मिनट तक
दूसरा मुहूर्त (अभिजीत मुहूर्त)- सुबह 11:42 दोपहर 12: 27 मिनट तक
तीसरा मुहूर्त- शाम 06:36 से रात 8:32 मिनट तक

धनतेरस पर क्या खरीदें

  • धनतेरस के दिन सोना-चांदी के अलावा बर्तन, वाहन और कुबेर यंत्र खरीदना शुभ होता है। 
  • इसके अलावा झाड़ू खरीदना भी अच्छा माना जाता है। मान्यता है इस दिन झाड़ू खरीदने से मां लक्ष्मी मेहरबान रहती हैं।
  • धनतेरस पर साबुत धनिया जरूर घर ले आएं। 
  • धनतेरस पर गोमती चक्र भी खरीद सकते हैं। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

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