PANCHANG: 29 नवंबर 2023 का पंचांग………इस महीने में कब है मासिक शिवरात्रि?……..जानें, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि एवं महत्व……….पंचांग पढ़कर करें दिन की शुरुआत
पंचांग का दर्शन, अध्ययन व मनन आवश्यक है। शुभ व अशुभ समय का ज्ञान भी इसी से होता है। अभिजीत मुहूर्त का समय सबसे बेहतर होता है। इस शुभ समय में कोई भी कार्य प्रारंभ कर सकते हैं।
आज मार्गशीर्ष माह कृष्ण पक्ष की द्वितीया है व मृगशीर्षा नक्षत्र है। आज बुधवार है। आज राहुकाल 11:45 से 13:06 तक हैं। इस समय कोई भी शुभ कार्य करने से परहेज करें।
आज का पंचांग (अंबिकापुर)
दिनांक | 29 नवंबर 2023 |
दिवस | बुधवार |
माह | मार्गशीर्ष |
पक्ष | कृष्ण पक्ष |
तिथि | द्वितीया |
सूर्योदय | 06:21:09 |
सूर्यास्त | 17:09:30 |
करण | गर |
नक्षत्र | मृगशीर्षा |
सूर्य राशि | वृश्चिक |
चन्द्र राशि | मिथुन |
मुहूर्त (अंबिकापुर)
शुभ मुहूर्त- अभिजीत | आज अभिजीत नहीं है। |
राहुकाल | 11:45 से 13:06 तक |
हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस प्रकार मार्गशीर्ष महीने में 11 दिसंबर को मासिक शिवरात्रि है। शिव पुराण में निहित है कि चिरकाल में फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर भगवान शिव और माता पार्वती परिणय सूत्र में बंधे थे। उस समय से हर वर्ष फाल्गुन माह में महाशिवरात्रि मनाई जाती है। इसके अलावा, हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस व्रत को विवाहित और अविवाहित महिलाएं करती हैं। मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि करने से शीघ्र विवाह के योग बनते हैं। आइए, शुभ मुहूर्त एवं पूजा विधि जानते हैं-
शुभ मुहूर्त
मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 11 दिसंबर को प्रातः काल 07 बजकर 10 मिनट पर शुरू होगी और 12 दिसंबर को प्रातः काल 06 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। इसके लिए 11 नवंबर को मासिक शिवरात्रि मनाई जाएगी।
योग
मासिक शिवरात्रि पर दुर्लभ सुकर्मा योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में महादेव और माता पार्वती की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं यथाशीघ्र पूर्ण होती हैं। साधक मासिक शिवरात्रि पर शुभ कार्य का श्रीगणेश कर सकते हैं।
पूजा विधि
मासिक शिवरात्रि के दिन ब्रह्म बेला में दैनिक कार्यों से निवृत्त होने के बाद गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। इस समय आचमन कर स्वयं को शुद्ध करें और व्रत संकल्प लें। इसी समय सूर्य देव को जल का अर्घ्य दें। इसके पश्चात, पूजा गृह में चौकी पर लाल या श्वेत वस्त्र बिछाकर महादेव और माता पार्वती की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। अब पंचोपचार कर विधि-विधान से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें। शीघ्र विवाह हेतु अविवाहित जातक माता पार्वती को सिंदूर अर्पित करें। भगवान शिव को सफेद रंग के फूल, भांग, धतूरा, मदार फूल, अक्षत आदि अर्पित करें।
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