PANCHANG: 29 नवंबर 2024 का पंचांग………आज है मार्गशीर्ष शिवरात्रि…………..पंचांग पढ़कर करें दिन की शुरुआत

पंचांग का दर्शन, अध्ययन व मनन आवश्यक है। शुभ व अशुभ समय का ज्ञान भी इसी से होता है। अभिजीत मुहूर्त का समय सबसे बेहतर होता है। इस शुभ समय में कोई भी कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय और काल की सटीक गणना की जाती है।
पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास और पक्ष आदि की जानकारी देते हैं।
आज मार्गशीर्ष माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी है। आज स्वाति नक्षत्र है। आज शुक्रवार है। आज राहुकाल 10:25 से 11:46 तक हैं। इस समय कोई भी शुभ कार्य करने से परहेज करें।
आज का पंचांग (अंबिकापुर)
दिनांक | 29 नवंबर 2024 |
दिवस | शुक्रवार |
माह | मार्गशीर्ष |
पक्ष | कृष्ण |
तिथि | चतुर्दशी |
सूर्योदय | 06:21:43 |
सूर्यास्त | 17:09:30 |
करण | विष्टिभद्र |
नक्षत्र | स्वाति |
सूर्य राशि | वृश्चिक |
चन्द्र राशि | तुला |
मुहूर्त (अंबिकापुर)
शुभ मुहूर्त- अभिजित | 11:24 से 12:07 तक |
राहुकाल | 10:25 से 11:46 तक |
इस वर्ष मार्गशीर्ष शिवरात्रि आज 29 नवंबर 2024, शुक्रवार को मनाई जाएगी। इसे अगहन शिवरात्रि भी कहा जाता है। इस बार यह पर्व शोभन योग और स्वाति नक्षत्र में पड़ रहा है, जो इसे और अधिक महत्वपूर्ण बनाता है। चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ आज 29 नवंबर को सुबह 08:39 बजे से हो रहा है और समापन 30 नवंबर को सुबह 10:29 बजे होगा।
मार्गशीर्ष शिवरात्रि के लाभ
- कालसर्प दोष और पितृ दोष का निवारण: भगवान शिव की पूजा करने से इन ज्योतिषीय दोषों से राहत मिलती है।
- मनोकामना पूर्ण: इस दिन की गई पूजा भक्तों की सभी इच्छाओं को पूरा करने में सहायक होती है।
- तंत्र और मंत्र सिद्धि: यह दिन तंत्र और मंत्र साधना के लिए अत्यधिक प्रभावी माना गया है।
- सकारात्मक ऊर्जा का संचार: शिव की आराधना से जीवन में शांति, समृद्धि और सुख का वास होता है।
राशि अनुसार शिव मंत्र
राशि | शिव मंत्र |
---|---|
मेष | ॐ नम: शिवाय |
वृषभ | ॐ नागेश्वराय नमः |
मिथुन | ॐ नम: शिवाय कालं महाकाल कालं कृपालं ॐ नमः |
कर्क | ॐ चंद्रमौलेश्वर नमः |
सिंह | ॐ नम: शिवाय कालं महाकाल कालं कृपालं ॐ नमः |
कन्या | ॐ नमो शिवाय कालं ॐ नमः |
तुला | ॐ श्रीकंठाय नमः |
वृश्चिक | ॐ हौम ॐ जूँ सः |
धनु | ॐ नमो शिवाय गुरु देवाय नमः |
मकर | ॐ हौम ॐ जूँ सः |
कुंभ | ॐ हौम ॐ जूँ सः |
मीन | ॐ नमो शिवाय गुरु देवाय नमः |
शिव मंत्र जाप विधि
- स्नान और संकल्प: सूर्योदय के बाद स्नान कर साफ कपड़े पहनें और व्रत का संकल्प लें।
- आसन और दिशा: कंबल या कुश का आसन लें, मुख उत्तर या पूर्व दिशा की ओर रखें।
- मन को स्थिर करें: पूजा के दौरान मन शांत और स्थिर रखें।
- मंत्र जाप: भगवान शिव का ध्यान कर रुद्राक्ष माला से मंत्र का 108 बार जाप करें।
- क्रोध और दुर्भावना से बचें: जाप करते समय मन में शुद्धता बनाए रखें।
मार्गशीर्ष शिवरात्रि पर भक्तों के लिए यह दिन अध्यात्मिक और साधना के लिए एक सुनहरा अवसर है। शिव की कृपा पाने के लिए सच्चे मन से पूजा करें। ॐ नमः शिवाय।