PANCHANG: 28 नवंबर 2024 का पंचांग………कब है साल की अंतिम पूर्णिमा?………..जानें इसका महत्व और शुभ मुहूर्त…………पंचांग पढ़कर करें दिन की शुरुआत

पंचांग का दर्शन, अध्ययन व मनन आवश्यक है। शुभ व अशुभ समय का ज्ञान भी इसी से होता है। अभिजीत मुहूर्त का समय सबसे बेहतर होता है। इस शुभ समय में कोई भी कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय और काल की सटीक गणना की जाती है।

पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास और पक्ष आदि की जानकारी देते हैं।

आज मार्गशीर्ष माह कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी है। आज स्वाति नक्षत्र है। आज गुरुवार है। आज राहुकाल 11:24 से 12:07 तक हैं। इस समय कोई भी शुभ कार्य करने से परहेज करें।

आज का पंचांग (अंबिकापुर)

दिनांक28 नवंबर 2024
दिवसगुरुवार
माहमार्गशीर्ष
पक्षकृष्ण
तिथित्रयोदशी
सूर्योदय06:21:02
सूर्यास्त17:09:28
करणगर
नक्षत्रस्वाति
सूर्य राशिवृश्चिक
चन्द्र राशितुला

मुहूर्त (अंबिकापुर)

शुभ मुहूर्त- अभिजित 11:24 से 12:07 तक
राहुकाल 13:06 से 14:27 तक

मार्गशीर्ष पूर्णिमा का दिन धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसे भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति का विशेष समय माना जाता है। इस दिन पूजा, व्रत, और दान से जीवन में सुख, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2024 की तिथि और समय

  • पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 14 दिसंबर 2024, शाम 4:58 बजे
  • पूर्णिमा तिथि समापन: 15 दिसंबर 2024, दोपहर 2:31 बजे
  • चंद्रोदय का समय: 14 दिसंबर 2024, शाम 5:14 बजे
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महत्व

  1. धार्मिक दृष्टिकोण से विशेष:
    मार्गशीर्ष मास भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय महीना है। इस माह की पूर्णिमा को “मोक्षदायिनी पूर्णिमा” कहा जाता है, क्योंकि इस दिन के पुण्य कर्म मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करते हैं।
  2. दान का महत्व:
    इसे “बत्तीसी पूर्णिमा” भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन किए गए दान का फल 32 गुना अधिक होता है।
  3. स्नान:
    पवित्र नदियों में स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। हरिद्वार, मथुरा, प्रयागराज और वाराणसी जैसे स्थानों पर श्रद्धालु बड़ी संख्या में स्नान और पूजा करते हैं।

लक्ष्मी जी का आशीर्वाद पाने के उपाय

  • तुलसी के पौधे को लाल कलावा और चुनरी चढ़ाएं।
  • सुबह और शाम घी का दीपक जलाएं।
  • भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा में गंध, पुष्प, और नैवेद्य अर्पित करें।

पूजा विधि

  1. व्रत और ध्यान:
    इस दिन व्रत रखकर मानसिक और शारीरिक शुद्धि का ध्यान करें।
  2. भगवान विष्णु और सत्यनारायण पूजा:
    • सत्यनारायण कथा का आयोजन करें।
    • पूजा स्थल पर वेदी बनाकर हवन करें।
    • “ॐ नमोः नारायणाय” मंत्र का जाप करें।

दान और पुण्य कार्य

  • इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को वस्त्र, अन्न, और धन का दान करें।
  • गौ-दान और अन्नदान को विशेष पुण्यकारी माना गया है।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2024 का यह पावन दिन हर मनोकामना को पूर्ण करने और जीवन में आध्यात्मिक उन्नति के लिए उत्तम अवसर प्रदान करता है।

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