PANCHANG: 28 जुलाई 2024 का पंचांग……जानिए कब है हरियाली अमावस्या?…………..इस बार 4 शुभ संयोग में होगा स्नान-दान………पंचांग पढ़कर करें दिन की शुरुआत
पंचांग का दर्शन, अध्ययन व मनन आवश्यक है। शुभ व अशुभ समय का ज्ञान भी इसी से होता है। अभिजीत मुहूर्त का समय सबसे बेहतर होता है। इस शुभ समय में कोई भी कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय और काल की सटीक गणना की जाती है।
पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास और पक्ष आदि की जानकारी देते हैं।
आज श्रावण माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी है। आज अश्विनी नक्षत्र है। आज रविवार है। आज राहुकाल 17:01 से 18:40 तक हैं। इस समय कोई भी शुभ कार्य करने से परहेज करें।
आज का पंचांग (अंबिकापुर)
दिनांक | 28 जुलाई 2024 |
दिवस | रविवार |
माह | श्रावण |
पक्ष | कृष्ण |
तिथि | अष्टमी |
सूर्योदय | 05:27:00 |
सूर्यास्त | 18:40:15 |
करण | कौलव |
नक्षत्र | अश्विनी |
सूर्य राशि | कर्क |
चन्द्र राशि | मेष |
मुहूर्त (अंबिकापुर)
शुभ मुहूर्त- अभिजीत | 11:37 से 12:30 तक |
राहुकाल | 17:01 से 18:40 तक |
हरियाली अमावस्या सावन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन मनाई जाती है। इस वर्ष हरियाली अमावस्या पर चार शुभ संयोग बनने से इस बार श्रावण अमावस्या विशेष शुभ मानी जा रही है। हरियाली अमावस्या का इंतज़ार साल भर रहता है क्योंकि यह पौधे लगाने का सबसे अच्छा समय माना जाता है। इस समय बारिश के कारण पूरी धरती पर खूब हरियाली होती है और प्रकृति की सुंदरता देखने लायक होती है। इसी कारण से सावन की अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहा जाता है।आइए जानते हैं इस साल हरियाली अमावस्या किस दिन और किन शुभ योग में मनाई जा रही है।
हरियाली अमावस्या की तिथि
- सावन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि आरंभ: 03 अगस्त, शनिवार, दोपहर: 03: 50 मिनट से
- सावन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि समाप्त: 04 अगस्त, रविवार, सायं 4: 42 मिनट पर
- लेकिन उदयातिथि के अनुसार हरियाली अमावस्या का पर्व 04 अगस्त को मनाया जाएगा ।
हरियाली अमावस्या पर बनेंगे 4 शुभ संयोग
इस वर्ष हरियाली अमावस्या पर 4 शुभ संयोग बन रहे हैं। इस बार हरियाली अमावस्या पर सिद्धि योग, रवि पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और पुष्य नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है। आइए जानते शुभ योग का समय
- सिद्धि योग: 04 अगस्त, रविवार प्रात:काल से लेकर सुबह 10:38 तक
- रवि पुष्य योग: 04 अगस्त, रविवार, प्रातः 05:44 से दोपहर 01:26 तक
- सर्वार्थ सिद्धि योग: 04 अगस्त, रविवार, प्रातः 5: 44 मिनट से दोपहर 1: 26 मिनट तक
- पुष्य नक्षत्र: 04 अगस्त, रविवार,प्रात:काल से लेकर दोपहर 01:26 मिनट तक उसके बाद से अश्लेषा नक्षत्र है.
हरियाली अमावस्या पूजा मुहूर्त
- हरियाली अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त: प्रात: 04:20 से प्रात: 05:02 तक
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:00 से दोपहर 12:54 तक
- हरियाली अमावस्या पर स्नान दान का शुभ समय: प्रातः 05:44 से दोपहर 01:26 तक
हरियाली अमावस्या का महत्व
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, सावन देवी-देवताओं से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए एक बहुत ही शुभ महीना है। हरियाली अमावस्या के दिन पितरों को तर्पण देना और दान-पुण्य करना भी बहुत उपयोगी होता है। हिंदू परंपरा में पेड़-पौधों को भगवान के रूप में भी दर्शाया गया है और लोग हरियाली अमावस्या के दौरान उनकी पूजा करते हैं। कुछ जगहों पर इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने की प्रथा है। हरियाली अमावस्या के दिन पेड़-पौधे लगाना बहुत शुभ माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, पीपल के पेड़ पर तीन देवताओं का वास माना जाता है- ब्रह्मा, विष्णु और महेश। यदि आप इस दिन एक पौधा लगाते हैं तो आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी और आपकी सभी समस्याएं दूर हो जाएंगी। अमावस्या का दिन हमारे पूर्वजों को समर्पित है। इसलिए हरियाली अमावस्या के दिन पितरों को तर्पण और पिंडदान करना शुभ माना जाता है।