PANCHANG: 24 सितम्बर 2024 का पंचांग……… जानें धनतेरस, नरक चतुर्दशी और भाई दूज का दिवाली कैलेंडर……….पंचांग पढ़कर करें दिन की शुरुआत

पंचांग का दर्शन, अध्ययन व मनन आवश्यक है। शुभ व अशुभ समय का ज्ञान भी इसी से होता है। अभिजीत मुहूर्त का समय सबसे बेहतर होता है। इस शुभ समय में कोई भी कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय और काल की सटीक गणना की जाती है।

पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास और पक्ष आदि की जानकारी देते हैं।

आज आश्विन माह कृष्ण पक्ष की सप्तमी है। आज मृगशीर्षा नक्षत्र है। आज मंगलवार है। आज राहुकाल 14:50 से 16:20 तक हैं। इस समय कोई भी शुभ कार्य करने से परहेज करें।

आज का पंचांग (अंबिकापुर)

दिनांक24 सितम्बर 2024
दिवसमंगलवार
माहआश्विन
पक्षकृष्ण
तिथिसप्तमी
सूर्योदय05:47:41
सूर्यास्त17:50:08
करणबव
नक्षत्रमृगशीर्षा
सूर्य राशिकन्या
चन्द्र राशिमिथुन

मुहूर्त (अंबिकापुर)

शुभ मुहूर्त- अभिजित 11:25 से 12:13 तक
राहुकाल 14:50 से 16:20 तक

हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर वर्ष कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को दीपावली का त्योहार माना जाता है। हिंदू धर्म में दिवाली का त्योहार एक बहुत बड़ा और प्रमुख त्योहार है। दिवाली का पर्व बुराई पर अच्छाई और रोशनी के त्योहार के रूप में मनाया जाता है। दीपावली का त्योहार 5 दिनों तक चलने वाला एक खास पर्व होता है। यह देश के साथ-साथ विदेशों में भी बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। दीपावाली के दिन घर, मंदिरों और प्रतिष्ठानों में लक्ष्मी-गणेश जी की पूजा की जाती है और रोशनी से सजाया जाता है। दिवाली का त्योहार अंधकार पर प्रकाश का विजय पर्व है। 

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दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दिन शाम और रात्रि के समय शुभ मुहूर्त का विचार करते हुए मां लक्ष्मी, भगवान गणेश, माता सरस्वती और कुबेर देव की पूजा होती है। दिवाली के त्योहार को मनाने के पीछे कुछ पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण 14 वर्षों का वनवास काटकर और लंका के राजा रावण का वध करके अयोध्या लौटे थे। चौदह वर्षों पर भगवान राम के अयोध्या आगमन की खुशी में यहां के लोगों ने अपने घरों में दीप जलाकर उत्सव मनाया था, तभी से हर वर्ष कार्तिक अमावस्या के दिन दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। इस अलावा नरकासुर राक्षस के अत्याचारों से भगवान श्रीकृष्ण ने कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को वध करके उसके आंतक से छुटकारा दिलाया था। वहीं समुद्र मंथन के दौरान क्षीरसागर से मां लक्ष्मी प्रकट हुई थीं। आइए जानते हैं कब है दिवाली, धनतेरस, नरक चतुर्दशी और भाई दूज समेत पर्व के बारे में…

हर वर्ष दीपावली बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाई जाती है। हिंदू धर्म में के अनुसार पांच दिवसीय दीपावली का पर्व धनतेरस के साथ शुरू हो जाता है। धनतेरस पर सोने-चांदी के आभूषण और बर्तन की खरीदारी की जाती है। धनतेरस के बाद यानी दूसरे दिन छोटी दिवाली मनाई जाती है. इसे नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। फिर अमावस्या तिथि पर बड़ी दीपावली मनाई जाती है, जिसमें लक्ष्मी-गणेश पूजा का विधान होता है। दिवाली के बाद गोवर्धन पूजा और फिर भाई दूज के पर्व के साथ 5 दिनों तक चलने वाले त्योहार का समापन होता है। 

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दिवाली कैलेंडर 2024

  • धनतेरस- 29 अक्तूबर 
  • काली चौदस- 30 अक्तूबर 
  • नरक चतुर्दशी- 31 अक्तूबर 
  • दिवाली लक्ष्मी पूजा- 01 नवंबर 
  • गोवर्धन पूजा- 02 नवंबर 
  • भाई दूज- 03 नवंबर 

दिवाली कब है?

इस वर्ष कार्तिक महीने की अमावस्या तिथि की शुरुआत 31 अक्तूबर को दोपहर 3 बजकर 52 मिनट से होगी और इसका समापन 01 नवंबर को शाम 6 बजकर 16 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर दिवाली का त्योहार 01 नबंवर 2024 को मनाया जाएगा। 

दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त


दिवाली पर मां लक्ष्मी जी की पूजन का विशेष महत्व होता है और लक्ष्मी पूजन के लिए सबसे उत्तम समय स्थिर लग्न और सूर्यास्त के बाद यानी प्रदोष काल तीन मुहूर्त होते हैं। दीपावली पर देवी लक्ष्मी का पूजन हमेशा प्रदोष काल में ही किया जाना चाहिए। वैदिक पंचांग के अनुसार 01 नवंबर को शाम 5 बजकर 36 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 16 मिनट तक लक्ष्मी पूजन के लिए शुभ मुहूर्त रहेगा।

  • प्रदोष काल-17: 35 से 20:11 तक
  • वृषभ काल-18: 21से 20:17 तक

धनतेरस 2024


पांच दिनों तक चलने वाला दीपावली का त्योहार धनतेरस से शुरू हो जाता है। धनतेरस का त्योहार हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। धनतेरस का त्योहार 29 अक्तूबर को है। इस दिन सोने-चांदी के सिक्के, आभूषण, बर्तन समेत अन्य चीजों की खरीदारी करना शुभ माना जाता है। धनतेरस पर पूजन के लिए शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 30 मिनट से लेकर रात्रि के 08 बजकर 12 मिनट तक रहेगा। 

छोटी दिवाली 2024


दिवाली से एक दिन पहले छोटी दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। इस छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है। नरक चतुर्दशी पर घर के बाहर दीपक रखे जाते हैं। इस साल नरक चतुर्दशी 30 अक्तूबर को है। 

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गोवर्धन पूजा 2024


इस वर्ष गोवर्धन पूजा 2 नवंबर को है। दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा का त्योहार मनाया जाता है। इस पर्व पर गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत और भगवान श्रीकृष्ण का प्रतीकात्मक चित्र बनाया जाता है और विधि- विधान के साथ पूजा होती है। 

भाई दूज 2024


भाई दूज पांच दिनों तक चलने वाले दीपावली महापर्व का आखिरी त्योहार होता है। भाई दूज का पर्व हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। 03 नवंबर को भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। भाई दूज पर बहनें अपने भाईयों की माथे पर तिलक लगाती हैं। भाईदूज के लिए शुभ मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 10 मिनट से लेकर 03 बजकर 21 मिनट तक रहेगा। 

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