PANCHANG: 23 नवंबर 2023 का पंचांग………आज देवउठनी एकादशी के दिन कर लें ये उपाय……….मिलेगी विष्णुजी की कृपा……….पंचांग पढ़कर करें दिन की शुरुआत
पंचांग का दर्शन, अध्ययन व मनन आवश्यक है। शुभ व अशुभ समय का ज्ञान भी इसी से होता है। अभिजीत मुहूर्त का समय सबसे बेहतर होता है। इस शुभ समय में कोई भी कार्य प्रारंभ कर सकते हैं।
आज कार्तिक माह शुक्ल पक्ष की एकादशी है व उत्तरभाद्रपदा नक्षत्र है। आज गुरूवार है। आज राहुकाल 13:05 से 14:27 तकहैं। इस समय कोई भी शुभ कार्य करने से परहेज करें।
आज का पंचांग (अंबिकापुर)
दिनांक | 23 नवंबर 2023 |
दिवस | गुरूवार |
माह | कार्तिक |
पक्ष | शुक्ल पक्ष |
तिथि | एकादशी |
सूर्योदय | 06:17:01 |
सूर्यास्त | 17:09:48 |
करण | वणिज |
नक्षत्र | उत्तरभाद्रपदा |
सूर्य राशि | वृश्चिक |
चन्द्र राशि | मीन |
मुहूर्त (अंबिकापुर)
शुभ मुहूर्त- अभिजीत | 11:22 से 12:05 तक |
राहुकाल | 13:05 से 14:27 तक |
सनातन धर्म में देवउठनी एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। इस एकादशी के बाद से सभी मांगलिक कार्यों की शुरुआत मानी जाती है। इस दिन भगवान विष्णु पांच माह की योग निद्रा से जागेंगे और इसी के साथ मांगलिक कार्यों की भी शुरुआत हो जाएगी। श्री हरि को तुलसी प्राण प्रिय है इसलिए जागरण के बाद सर्वप्रथम तुलसी के साथ उनके विवाह का आयोजन किया जाता है। इस दिन व्रत और पूजा के अलावा भी कुछ उपाय करने से आपके ऊपर श्री भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है।
देवउठनी एकादशी 2023 तिथि?
इस साल 23 नवंबर 2023 को देवउठनी एकादशी है। इस दिन भगवान विष्णु 5 माह की निद्रा के बाद जागेंगे। इसके बाद से सभी मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। देवउठनी एकादशी पर ही रात में शालिग्राम जी और तुलसी माता का विवाह होता है।
देवउठनी एकादशी 2023 मुहूर्त
- कार्तिक शुक्ल एकादशी तिथि का प्रारंभ – 22 नवंबर 2023, रात 11.03
- कार्तिक शुक्ल एकादशी तिथि का समापन – 23 नवंबर 2023, रात 09.01
- पूजा का समय- सुबह 06.16 से सुबह 08.09
- रात्रि पूजा का मुहूर्त- शाम 05.09 से रात 08.46
- व्रत पारण समय- सुबह 06.16 से सुबह 08.57 (24 नवंबर 2023)
देवउठनी एकादशी पूजा विधि
- देवउठनी एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद भगवान विष्णु जी की पूजा करते हुए व्रत का संकल्प लें।
- श्री हरि विष्णु की प्रतिमा के समक्ष उनके जागने का आह्वान करें।
- सायं काल में पूजा स्थल पर घी के 11 दीये देवी-देवताओं के समक्ष जलाएं।
- यदि संभव हो पाए तो गन्ने का मंडप बनाकर बीच में विष्णु जी की मूर्ति रखें।
- भगवान हरि को गन्ना, सिंघाड़ा, लड्डू, जैसे मौसमी फल अर्पित करें।
- एकादशी की रात एक घी का दीपक जलाएं।
- अगले दिन हरि वासर समाप्त होने के बाद ही व्रत का पारण करें।
मिलेगा श्रीहरि का आशीर्वाद
एकादशी तिथि के दिन भगवान विष्णु की कृपा प्राप्ति के लिए पानी में एक चुटकी हल्दी डालें और उससे स्नान करें। साथ ही इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनें, क्योंकि पीला रंग भगवान विष्णु का प्रिय माना गया है। ऐसा करने से आपके ऊपर भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है।
धन प्राप्ति के लिए
तुलसी देवी लक्ष्मी का ही दूसरा रूप है। कार्तिक माह में तुलसी पूजा और खासकर देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी पूजा करने से भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती है। यदि आपने पूरे महीने तुलसी की सेवा नहीं की है, तो एकादशी से पूर्णिमा तक घी का दीपक जलाकर मां तुलसी को प्रसन्न करना चाहिए। ऐसा करने घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती।
शालिग्राम की करें पूजा
जिस स्थान पर शालिग्राम और तुलसी होते हैं, वहां भगवान श्री हरि विराजते हैं और वहीं सम्पूर्ण तीर्थों को साथ लेकर भगवती लक्ष्मी भी निवास करती हैं। पदमपुराण के अनुसार जहां शालिग्राम शिलारूपी भगवान केशव विराजमान हैं, वहां सम्पूर्ण देवता,असुर, यक्ष और चौदह भुवन मौजूद हैं। जो शालिग्राम शिला के जल से अपना अभिषेक करता है,उसे सम्पूर्ण तीर्थों में स्न्नान के बराबर और समस्त यज्ञों को करने समान ही फल प्राप्त होता है।
मनोकामना होगी पूर्ण
एकादशी के दिन पीपल वृक्ष को छूकर प्रणाम करें और उसकी मिट्टी को माथे पर लगाएं और अपना कार्य पूर्ण होने के लिए भगवान विष्णु से प्रार्थना करें, इससे कार्य में सफलता मिलेगी और आपके मनोरथ पूर्ण होंगे।
सुखी दांपत्य के लिए
यदि पति-पत्नी के बीच बहुत कलह रहती है या किसी भी तरह का मनमुटाव रहता हो तो इस समस्या को दूर करने के लिए आप इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए तुलसी के तने पर सात बार मोली या हल्दी में लपेट कर सूत का धागा लपेटें और इसके बाद घी का दीपक प्रज्वलित कर सुखी दांपत्य के लिए माता तुलसी से प्रार्थना करें।
ग्रह दोष होंगे ठीक
देवउठनी एकादशी के दिन अन्न और धन के अलावा लोगों को ऋतुफल, धान, मक्का, गेहूं, बाजरा, गुड़, उड़द और वस्त्र का दान अवश्य करना चाहिए इसके साथ ही अगर इस दिन सिंघाड़ा, शकरकंदी और गन्ने का दान किया जाए तो काफी श्रेष्ठ माना जाता है और इससे घर में सुख-शांति का वास होता है,ग्रहदोष ठीक होते हैं।
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