PANCHANG: 23 नवंबर 2024 का पंचांग……….मार्गशीर्ष अमावस्या कब है? जानें पूजा विधि और महत्व…………पंचांग पढ़कर करें दिन की शुरुआत

पंचांग का दर्शन, अध्ययन व मनन आवश्यक है। शुभ व अशुभ समय का ज्ञान भी इसी से होता है। अभिजीत मुहूर्त का समय सबसे बेहतर होता है। इस शुभ समय में कोई भी कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय और काल की सटीक गणना की जाती है।
पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास और पक्ष आदि की जानकारी देते हैं।
आज मार्गशीर्ष माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी है। आज मघा नक्षत्र है। आज शनिवार है। आज राहुकाल 09:01 से 10:22 तक हैं। इस समय कोई भी शुभ कार्य करने से परहेज करें।
आज का पंचांग (अंबिकापुर)
दिनांक | 23 नवंबर 2024 |
दिवस | शनिवार |
माह | मार्गशीर्ष |
पक्ष | कृष्ण |
तिथि | अष्टमी |
सूर्योदय | 06:17:35 |
सूर्यास्त | 17:09:42 |
करण | कौलव |
नक्षत्र | मघा |
सूर्य राशि | वृश्चिक |
चन्द्र राशि | सिंह |
मुहूर्त (अंबिकापुर)
शुभ मुहूर्त- अभिजित | 11:22 से 12:05 तक |
राहुकाल | 09:01 से 10:22 तक |
हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। यह दिन पूजा, व्रत, और तर्पण के लिए शुभ माना जाता है। मार्गशीर्ष अमावस्या, जो भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित मार्गशीर्ष माह में आती है, धार्मिक अनुष्ठानों और पितरों की स्मृति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
मार्गशीर्ष अमावस्या का महत्व
मार्गशीर्ष अमावस्या को भगवान विष्णु, शिवजी, और माता गंगा की पूजा के लिए बेहद शुभ माना जाता है। पवित्र नदी में स्नान करने और पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
- महिलाओं का व्रत: इस दिन महिलाएं व्रत रखकर देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करती हैं और अपने पति की लंबी आयु का वरदान मांगती हैं।
- पितरों के लिए तर्पण: पितरों को श्रद्धा और सम्मान अर्पित करने का यह दिन आत्मा की शुद्धि और परिवार में सुख-शांति का प्रतीक है।
मार्गशीर्ष अमावस्या 2024: तिथि और समय
पंचांग के अनुसार तिथि और समय:
- आरंभ: 30 नवंबर 2024, सुबह 10:29 बजे
- समाप्ति: 1 दिसंबर 2024, सुबह 11:50 बजे
उदयातिथि के आधार पर, इस वर्ष मार्गशीर्ष अमावस्या का व्रत और पूजा 1 दिसंबर 2024 को मनाए जाएंगे।
शुभ मुहूर्त: पूजा और अनुष्ठान के लिए सही समय
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 05:08 से 06:02
- अभिजित मुहूर्त: 11:49 से 12:31
- विजय मुहूर्त: 01:55 से 02:37
- गोधूलि मुहूर्त: 05:21 से 05:48
- निशिता मुहूर्त: 11:43 से 12:38 (रात)
मार्गशीर्ष अमावस्या की पूजा विधि
- ब्रह्म मुहूर्त में स्नान: इस दिन सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी या जलाशय में स्नान करें।
- सूर्य को जल अर्पण: स्नान के बाद सूर्य देव को जल चढ़ाएं और व्रत का संकल्प लें।
- भगवान विष्णु और शिवजी की पूजा: सच्चे मन से विधिपूर्वक पूजा करें।
- पितरों का तर्पण: अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण करें और प्रार्थना करें।
- दीपदान: शाम को दीपदान करें, जिससे जीवन में उजाला और समृद्धि बनी रहे।
मार्गशीर्ष अमावस्या का आध्यात्मिक लाभ
इस दिन श्रद्धा और सच्चे मन से पूजा-अनुष्ठान करने से व्यक्ति को सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है। यह दिन आत्मा की शुद्धि, पितरों के प्रति कृतज्ञता, और ईश्वर की कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष माना गया है। मार्गशीर्ष अमावस्या 2024 को शुभता और आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ मनाएं और अपने जीवन को सुख, समृद्धि और शांति से भरें।