PANCHANG: 23 जुलाई 2024 का पंचांग……..आज रखा जाएगा मंगला गौरी व्रत………..जानें इससे जुड़ी पौराणिक कथा……….पंचांग पढ़कर करें दिन की शुरुआत
पंचांग का दर्शन, अध्ययन व मनन आवश्यक है। शुभ व अशुभ समय का ज्ञान भी इसी से होता है। अभिजीत मुहूर्त का समय सबसे बेहतर होता है। इस शुभ समय में कोई भी कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय और काल की सटीक गणना की जाती है।
पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास और पक्ष आदि की जानकारी देते हैं।
आज श्रावण माह कृष्ण पक्ष की प्रथमा है। आज श्रवण नक्षत्र है। आज सोमवार है। आज राहुकाल 15:23 से 17:02 तक हैं। इस समय कोई भी शुभ कार्य करने से परहेज करें।
आज का पंचांग (अंबिकापुर)
दिनांक | 23 जुलाई 2024 |
दिवस | मंगलवार |
माह | श्रावण |
पक्ष | कृष्ण |
तिथि | द्वितीया |
सूर्योदय | 05:25:17 |
सूर्यास्त | 18:41:59 |
करण | गर |
नक्षत्र | घनिष्ठा |
सूर्य राशि | कर्क |
चन्द्र राशि | मकर |
मुहूर्त (अंबिकापुर)
शुभ मुहूर्त- अभिजीत | 11:37 से 12:30 तक |
राहुकाल | 15:23 से 17:02 तक |
भोलेनाथ के प्रिय माह सावन की शुरुआत हो चुकी है। ये माह प्रेम और पवित्रता का प्रतीक है, जो महादेव की पूजा अर्चना को समर्पित होता है। इस माह में आने वाले सभी सोमवार को शंकर जी की पूजा करने का विधान है। वहीं इस दौरान आने वाले सभी मंगलवार को मंगला गौरी का व्रत भी रखा जाता है। इस साल इसकी शुरुआत आज 23 जुलाई 2024 मंगलवार से हो रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन माह में आने वाले हर मंगलवार को मां गौरी की पूजा का विधान है। ये व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य, पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए व्रत रखती हैं। इस दौरान योग्य जीवनसाथी की कामना करते हुए, कुंवारी कन्याएं भी ये व्रत रखती हैं। ऐसे में कुछ खास उपाय करने से वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
सावन में कब-कब रखा जाएगा मंगला गौरी व्रत
पहला मंगला गौरी व्रत – 23 जुलाई 2024
दूसरा मंगला गौरी व्रत – 30 जुलाई 2024
तीसरा मंगला गौरी व्रत – 6 अगस्त 2024
चौथा मंगला गौरी व्रत – 13 अगस्त 2024
मंगला गौरी व्रत कथा
मंगला गौरी व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। ये उपवास पति की लंबी आयु के लिए भी रखा जाता है। इस दिन इस व्रत से जुड़ी कथा सुनने का विधान है। कहा जाता है कि प्राचीन समय में धर्मपाल नाम का एक सेठ था। वह बहुत अमीर था, उसके पास धन की कोई कमी नहीं थी। कहा जाता है कि वह सेठ स्वयं सर्व गुण संपन्न भी था। धर्मपाल महादेव का बड़ा भक्त था। वहीं कालांतर में उसकी शादी गुणवान वधू से हुई। शादी के कई साल बाद तक भी उन्हें संतान की प्राप्ति नहीं हुई। इस वजह से वह दोनों ही बेहद चिंतित रहते थे।
इसी विषय पर विचार करते हुए धर्मपाल सेठ यह सोचने लगा कि अगर उसकी कोई संतान नहीं हुई, तो उसका कारोबार का उत्तराधिकारी कौन होगा? धीरे-धीरे समय बितता गया, फिर एक दिन सेठ धर्मपाल की पत्नी ने संतान के संबंध में किसी पंडित से संपर्क करने की सलाह दी। फिर सेठ सबसे प्रसिद्ध पंडित के पास गए और अपनी बात रखी। गुरू ने सेठ दंपत्ति को महादेव और पार्वती मां की पूजा करने की सलाह दी।पंडित जी की सलाह के बाद से सेठ धर्मपाल और उनकी पत्नी ने भगवान शिव की विधि अनुसार पूजा-उपासना की। उन दोनों की भक्ति से प्रसन्न होकर एक दिन माता पार्वती प्रकट होकर बोली- हे देवी! तुम्हारी भक्ति से मैं प्रसन्न हूं, जो वर मांगना चाहते हो! मांगो।
माता पार्वती की बात सुनते ही सेठ धर्मपाल की पत्नी ने देवी से संतान प्राप्ति की कामना की। इसके बाद पार्वती जी ने उन्हें संतान प्राप्ति का वरदान दिया। हालांकि, संतान अल्पायु था। एक साल बाद धर्मपाल की पत्नी ने पुत्र को जन्म दिया। फिर पुत्र का नामकरण किया गया। इस दौरान धर्मपाल की पत्नी ने ज्योतिषी को माता पार्वती के वचन से अवगत कराया। ज्योतिष ने सेठ धर्मपाल को अपने पुत्र की शादी मंगला गौरी व्रत करने वाली कन्या से करने की सलाह दी। बेटे के बड़े होने के बाद सेठ धर्मपाल ने अपने पुत्र की शादी मंगला गौरी व्रत करने वाली कन्या से ही की। इस शादी के बाद कन्या के पुण्य प्रताप से धर्मपाल का पुत्र मृत्यु पाश से मुक्त हो गया।
मंगला गौरी व्रत पर करें ये खास उपाय
- यदि किसी व्यक्ति के विवाह में समस्याएं आ रही है, तो वह मंगला गौरी व्रत के शुभ दिन पर एक मिट्टी का खाली पात्र बहते जल में प्रवाहित कर दें। माना जाता है कि ऐसा करने से शीघ्र विवाह के योग बन सकते हैं।
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मंगला गौरी व्रत की पूजा के बाद गरीब व जरूरतमंदों को लाल मसूर की दाल का दान करें। इस दौरान लाल रंग के वस्त्र भी दान कर सकते हैं। माना जाता है कि इससे कुंडली में मंगल ग्रह मजबूत होता है।
- मंगला गौरी व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। इस दौरान आप जरूरतमंद लोगों को शहद का दान करें। फिर महादेव की पूजा करें। माना जाता है कि इससे दांपत्य जीवन सुखमय रहता है।
- मंगला गौरी व्रत की पूजा के दौरान ‘ॐ गौरीशंकराय नमः’ मंत्र का 21 बार जाप करें। माना जाता है कि ऐसा करने से कुंडली में मंगल दोष दूर होता है।
- इस व्रत के दिन मां पार्वती और शिव जी की पूजा करें। इसके बाद ब्राह्मणों को भोजन कराएं। कहते हैं कि इससे शिव जी और पार्वती माता की कृपा बनी रहती है।