PANCHANG: 20 अक्टूबर 2024 का पंचांग…………..सुहागिनों का महापर्व करवा चौथ आज……….पंचांग पढ़कर करें दिन की शुरुआत

पंचांग का दर्शन, अध्ययन व मनन आवश्यक है। शुभ व अशुभ समय का ज्ञान भी इसी से होता है। अभिजीत मुहूर्त का समय सबसे बेहतर होता है। इस शुभ समय में कोई भी कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय और काल की सटीक गणना की जाती है।
पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास और पक्ष आदि की जानकारी देते हैं।
आज कार्तिक माह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी है। आज कृतिका नक्षत्र है। आज रविवार है। आज राहुकाल 15:59 से 17:26 तक हैं। इस समय कोई भी शुभ कार्य करने से परहेज करें।
आज का पंचांग (अंबिकापुर)
दिनांक | 20 अक्टूबर 2024 |
दिवस | रविवार |
माह | कार्तिक |
पक्ष | कृष्ण |
तिथि | चतुर्थी |
सूर्योदय | 05:57:29 |
सूर्यास्त | 17:26:00 |
करण | बव |
नक्षत्र | कृतिका |
सूर्य राशि | तुला |
चन्द्र राशि | वृषभ |
मुहूर्त (अंबिकापुर)
शुभ मुहूर्त- अभिजित | 11:19 से 12:05 तक |
राहुकाल | 15:59 से 17:26 तक |
आज, 20 अक्तूबर 2024 को देशभर की सुहागिन महिलाएं करवा चौथ का महापर्व मना रही हैं। इस विशेष दिन पर महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। व्रत का पारण शाम को चंद्रदर्शन के बाद पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ किया जाएगा। इस वर्ष चंद्रमा के दर्शन शाम 7 बजे से रात 9 बजे के बीच हो सकेंगे।
शुभ योग में मनाया जा रहा है करवा चौथ
इस वर्ष का करवा चौथ कई शुभ योगों के संयोग के साथ मनाया जा रहा है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस दिन चंद्रमा और गुरु के वृषभ राशि में एक साथ आने से गजकेसरी राजयोग का निर्माण हो रहा है। इसके अलावा महालक्ष्मी योग, शश योग, समसप्तक योग और बुधादित्य राजयोग भी बन रहे हैं। साथ ही, चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र में होगा, जो इसे और भी खास बनाता है।
आटे के दीपक से पूजा का महत्व
हिंदू धर्म में आटे के दीपक को शुद्ध और पवित्र माना जाता है। करवा चौथ पर पति की लंबी आयु के लिए विशेष रूप से आटे के दीपक से पूजा करने का महत्व है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, आटे के दीपक से पूजा करने से यमराज की पीड़ा से मुक्ति मिलती है और पति की लंबी उम्र की कामना पूरी होती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार भी आटे का दीपक किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए उपयोग किया जाता है।
करवा चौथ की पौराणिक कथा
करवा चौथ व्रत की पौराणिक मान्यताओं का इतिहास सतयुग से जुड़ा हुआ है। एक प्रमुख कथा के अनुसार, सावित्री ने अपने पति को यमराज से वापस प्राप्त किया था, जिससे इस व्रत की परंपरा का आरंभ हुआ। एक अन्य कथा महाभारत से जुड़ी है, जिसमें द्रौपदी ने अर्जुन की सुरक्षा के लिए भगवान कृष्ण से करवा चौथ व्रत का सुझाव प्राप्त किया था। इस व्रत के प्रभाव से अर्जुन सुरक्षित लौट आए थे।
चंद्रोदय का समय
पंचांग की गणना के अनुसार, 20 अक्तूबर को करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय शाम 7:53 बजे है। हालांकि, अलग-अलग शहरों में चांद के निकलने के समय में कुछ बदलाव हो सकता है।