September 11, 2024 6:45 pm

PANCHANG: 20 जुलाई 2024 का पंचांग……..जानें 21 या 22 जुलाई आखिर कब से शुरू हो रहा सावन……….पंचांग पढ़कर करें दिन की शुरुआत

पंचांग का दर्शन, अध्ययन व मनन आवश्यक है। शुभ व अशुभ समय का ज्ञान भी इसी से होता है। अभिजीत मुहूर्त का समय सबसे बेहतर होता है। इस शुभ समय में कोई भी कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय और काल की सटीक गणना की जाती है।

पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास और पक्ष आदि की जानकारी देते हैं।

आज आषाढ़ माह शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी है। आज पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र है। आज शनिवार है। आज राहुकाल 08:44 से 10:24 तक हैं। इस समय कोई भी शुभ कार्य करने से परहेज करें।

आज का पंचांग (अंबिकापुर)

दिनांक20 जुलाई 2024
दिवसशनिवार
माहआषाढ़
पक्षशुक्ल
तिथिचतुर्दशी
सूर्योदय05:23:59
सूर्यास्त18:43:05
करणपूर्वाषाढ़ा
नक्षत्रमूल
सूर्य राशिकर्क
चन्द्र राशिधनु

मुहूर्त (अंबिकापुर)

शुभ मुहूर्त- अभिजीत 11:37 से 12:30 तक
राहुकाल 08:44 से 10:24 तक

हिंदू धर्म में सावन का विशेष धार्मिक महत्व होता है। श्रावण मास को साल का सबसे पवित्र महीना माना जाता है। बहुत से लोग इस माह को सावन का महीना भी कहते हैं। सावन में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा बहुत श्रद्धा और भक्ति भाव से की जाती है। सोमवार के दिन भगवान शंकर की आराधना का विशेष महत्व होता है। यही कारण है कि श्रावण मास में सोमवार के दिन का बहुत महत्व होता है। इस वर्ष की खास बात ये है कि श्रावण मास की शुरुआत सोमवार के दिन हो रही है। खैर, श्रावण मास की शुरुआत को लेकर बहुत से लोगों के मन से भ्रम है कि सावन की शुरुआत 21 जुलाई को हो रही है या 22 जुलाई को। बता दें कि इस साल श्रावण मास की शुरुआत 22 जुलाई 2024 को हो रही है, वहीं श्रावण मास की पूर्णिमा 19 अगस्त 2024 को होगी। अब अगर बात की जाए 21 जुलाई की तो इस दिन आषाढ़ मास की पूर्णिमा है। 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा के तौर पर मनाया जाएगा।

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क्यों हो रहा है तारीख को लेकर भ्रम?

दरअसल, हिंदू कैलेंडर के मुताबिक श्रावण के प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 21 जुलाई को दोपहर 3 बजकर 47 मिनट पर होगी, वहीं इसका समापन 22 जुलाई को दोपहर 1 बजकर 11 मिनट पर होगी। यही कारण है कि लोगों के मन में श्रावण की तारीख को लेकर भ्रम बना हुआ है। ऐसे में ज्योतिषाचार्यों की मानें तो 22 जुलाई को ही श्रावण मास की शुरुआत माना जाएगा। अगर पूजा मुहूर्त की बात की जाए तो 22 जुलाई के दिन प्रातःकाल से दोपहर 1 बजकर 11 मिनट तक पूजा कर सकते हैं।

श्रावण में क्या होता है?

इस पावन मास में भक्त माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करते हैं। श्रावण मास में श्रद्धालु सोमवार के दिन व्रत रखते हैं और भगवान शिव की शुद्ध मन से पूजा करते हैं। अविवाहित बालिकाएं श्रावण के हर मंगलवार को मंगला गौरी का व्रत रखती हैं। कुछ महिलाएं मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए सोमवार व्रत करती हैं और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करती हैं। सावन महीने के दौरान कांवड़ यात्रा भी बहुत प्रसिद्ध है, जिसमें भक्त पवित्र गंगा के पास अलग अलग धार्मिक स्थानों पर भी जाते हैं और वहां से गंगाजल लाकर शिवरात्रि के दिन भगवान शिव को चढ़ाते हैं। मान्यता है कि इस महीने में किए गए दान और पुण्य का फल कई गुना बढ़ जाता है।

पूजा करते समय करें इन 3 मंत्रों का जाप

ॐ नमः शिवाय !!
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम् | उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात ||
कर्पूर गौरं करुणावतारं संसार सारं, भुजगेंद्र हारम | सदा वसंतं हृदये, अरविंदे भवं भवानी सहितं नमामि ||

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