PANCHANG: 16 अगस्त 2024 का पंचांग……….आज है पुत्रदा एकादशी?……………जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त………पंचांग पढ़कर करें दिन की शुरुआत
पंचांग का दर्शन, अध्ययन व मनन आवश्यक है। शुभ व अशुभ समय का ज्ञान भी इसी से होता है। अभिजीत मुहूर्त का समय सबसे बेहतर होता है। इस शुभ समय में कोई भी कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय और काल की सटीक गणना की जाती है।
पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास और पक्ष आदि की जानकारी देते हैं।
आज श्रावण माह शुक्ल पक्ष की एकादशी है । आज मूल नक्षत्र है। आज शुक्रवार है। आज राहुकाल 10:25 से 12:01 तक हैं। इस समय कोई भी शुभ कार्य करने से परहेज करें।
आज का पंचांग (अंबिकापुर)
दिनांक | 16 अगस्त 2024 |
दिवस | शुक्रवार |
माह | श्रावण |
पक्ष | शुक्ल |
तिथि | एकादशी |
सूर्योदय | 05:34:44 |
सूर्यास्त | 18:28:11 |
करण | विष्टि भद्र |
नक्षत्र | मूल |
सूर्य राशि | कर्क |
चन्द्र राशि | धनु |
मुहूर्त (अंबिकापुर)
शुभ मुहूर्त- अभिजीत | 11:36 से 12:27 तक |
राहुकाल | 10:25 से 12:01 तक |
22 जुलाई से सावन माह की शुरुआत हो चुकी है। हिंदू धर्म में इस माह को बरसात और हरियाली का प्रतीक माना जाता है। इस दौरान महादेव की पूजा का विधान है। कहते हैं कि सावन महादेव का प्रिय माह होता है। ऐसे में उनकी पूजा पाठ करने से जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। सावन में आने वाले सभी सोमवार को भोलेनाथ की पूजा के लिए बेहद शुभ माना जाता है। वहीं इस माह में आने वाली पुत्रदा एकादशी को सभी व्रतों में विशेष माना गया है। मान्यताओं के अनुसार पुत्रदा एकादशी का ये व्रत हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस एकादशी का व्रत रखने से मनचाहे परिणामों की प्राप्ति होती हैं। ये व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। माना जाता है कि पुत्रदा एकादशी का उपवास करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। साथ ही भगवान विष्णु सारे पापों से छुटकारा दिलाते हैं।
सावन में कब है पुत्रदा एकादशी ?
पुत्रदा एकादशी तिथि की शुरुआत 15 अगस्त की सुबह 10 बजकर 26 मिनट से होगी। इसका समापन आज 16 अगस्त सुबह 9 बजकर 39 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार आज 16 अगस्त 2024 को पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाएगा।
शुभ योग
पंचांग के अनुसार पुत्रदा एकादशी के दिन प्रीति योग का निर्माण हो रहा है। माना जाता है कि इस योग में लक्ष्मीनारायण की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती हैं। इस दिन प्रीति योग आज दोपहर 1 बजकर 12 मिनट तक रहने वाला है।
पुत्रदा एकादशी पूजा विधि
पुत्रदा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की एक साथ पूजा करें। पूजा के दौरान उन्हें पीले वस्त्र, केला, नारियल, मिठाई आदि अर्पित जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से पूजा का संपूर्ण फल प्राप्त होता है। फिर पुत्रदा एकादशी की व्रत कथा पढ़ें। बाद में आरती करें। इसके बाद भगवान विष्णु से सुख-समृद्धि की कामना करते हुए पूजा समाप्त करें।
भगवान विष्णु की आरती
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।
भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥
जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।
सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय…॥
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।
तुम बिनु और न दूजा, आस करूं जिसकी॥ ॐ जय…॥
तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी॥
पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ॐ जय…॥
तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ ॐ जय…॥
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥ ॐ जय…॥
दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥ ॐ जय…॥
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥ ॐ जय…॥
तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥ ॐ जय…॥
जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥ ॐ जय…॥