PANCHANG: 15 अगस्त 2024 का पंचांग……….गायत्री जयंती कब है? जानें शुभ मुहूर्त और महत्व…………..पंचांग पढ़कर करें दिन की शुरुआत
पंचांग का दर्शन, अध्ययन व मनन आवश्यक है। शुभ व अशुभ समय का ज्ञान भी इसी से होता है। अभिजीत मुहूर्त का समय सबसे बेहतर होता है। इस शुभ समय में कोई भी कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय और काल की सटीक गणना की जाती है।
पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास और पक्ष आदि की जानकारी देते हैं।
आज श्रावण माह शुक्ल पक्ष की दशमी है । आज ज्येष्ठा नक्षत्र है। आज गुरूवार है। आज राहुकाल 13:38 से 15:15 तक हैं। इस समय कोई भी शुभ कार्य करने से परहेज करें।
आज का पंचांग (अंबिकापुर)
दिनांक | 15 अगस्त 2024 |
दिवस | गुरूवार |
माह | श्रावण |
पक्ष | शुक्ल |
तिथि | दशमी |
सूर्योदय | 05:34:44 |
सूर्यास्त | 18:28:11 |
करण | गर |
नक्षत्र | ज्येष्ठा |
सूर्य राशि | कर्क |
चन्द्र राशि | वृश्चिक |
मुहूर्त (अंबिकापुर)
शुभ मुहूर्त- अभिजीत | 11:36 से 12:27 तक |
राहुकाल | 13:38 से 15:15 तक |
गायत्री जयंती माँ गायत्री को समर्पित हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। माता गायत्री को वेदों की देवी माना जाता है और उनका गायत्री मंत्र सबसे पवित्र मंत्रों में से एक है। गायत्री जयंती ज्ञान, बुद्धि और आध्यात्मिक विकास का प्रतीक है। मान्यता है कि इस दिन गायत्री मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के जीवन से अंधकार और नकारत्मकता दूर हो जाती है। गायत्री मंत्र का नियमित जाप मन को शुद्ध करता है और व्यक्ति को आत्मज्ञान की ओर ले जाता है। आपको बता दें कि अलग-अलग मान्यताओं के चलते गायत्री जयंती साल में दो बार मनाई जाती है। ऐसे में इस साल अगस्त में गायत्री जयंती कब मनाई जाएगी? गायत्री जयंती के दिन पूजा का क्या है शुभ मुहूर्त और क्या है इसका महत्व?
गायत्री जयंती तिथि
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, गायत्री जयंती श्रावण पूर्णिमा तिथि यानी 18 अगस्त को प्रातः 3:04 बजे से शुरू होगी और 19 अगस्त को प्रातः 11:55 बजे समाप्त होगा।
गायत्री जयंती का शुभ समय कब है?
- गायत्री जयंती के दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:48 बजे से दोपहर 12:36 बजे तक रहेगा।
- गायत्री जयंती के दिन विजय मुहूर्त दोपहर 2:39 बजे से 3:31 बजे तक रहेगा।
- गायत्री जयंती पर शाम 6:11 बजे से दोपहर 2:26 बजे तक अमृत योग रहेगा।
गायत्री जयंती सेवा का क्या महत्व है?
गायत्री मंत्र हिंदू धर्म में सबसे पवित्र मंत्रों में से एक है। इस मंत्र में 24 अक्षर हैं जो संसार की उत्पत्ति और जीवन के सार का प्रतीक हैं। माना जाता है कि गायत्री जयंती के दिन गायत्री मंत्र का जाप करने से स्वास्थ्य में सुधार होता है। मरने के बाद भी लोगों को बचाया जा सकता है. मान्यता है कि इस दिन मां गायत्री की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन आपको जितनी बार संभव हो सके गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए।