PANCHANG: 14 सितम्बर 2024 का पंचांग……………परिवर्तिनी एकादशी आज………..पंचांग पढ़कर करें दिन की शुरुआत

पंचांग का दर्शन, अध्ययन व मनन आवश्यक है। शुभ व अशुभ समय का ज्ञान भी इसी से होता है। अभिजीत मुहूर्त का समय सबसे बेहतर होता है। इस शुभ समय में कोई भी कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय और काल की सटीक गणना की जाती है।
पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास और पक्ष आदि की जानकारी देते हैं।
आज भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष की एकादशी है। आज उत्तराषाढ़ा नक्षत्र है। आज शनिवार है। आज राहुकाल 08:49 से 10:21 तक हैं। इस समय कोई भी शुभ कार्य करने से परहेज करें।
आज का पंचांग (अंबिकापुर)
दिनांक | 14 सितम्बर 2024 |
दिवस | शनिवार |
माह | भाद्रपद |
पक्ष | शुक्ल |
तिथि | एकादशी |
सूर्योदय | 05:44:36 |
सूर्यास्त | 18:00:18 |
करण | वणिज |
नक्षत्र | उत्तराषाढ़ा |
सूर्य राशि | सिंह |
चन्द्र राशि | मकर |
मुहूर्त (अंबिकापुर)
शुभ मुहूर्त- अभिजीत | 11:28 से 12:17 तक |
राहुकाल | 08:49 से 10:21 तक |
आज यानी 14 सितम्बर को परिवर्तिनी एकादशी है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष में भगवान विष्णु 4 मास के लिए योग निद्रा में गए हुए हैं। वहीं, भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन करवट लेंगे। इसलिए इसे परिवर्तिनी एकादशी के अलावा पदमा एकादशी, जलझूलनी एकादशी जैसे नामों से भी जाना जाता है। माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखने से हर तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। परिवर्तिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा अर्चना करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं कि परिवर्तनी एकादशी कब मनाई जाएगी।
परिवर्तिनी एकादशी 2024 तिथि
- भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि आरंभ: 13, सितंबर, शुक्रवार, रात्रि 10:30 बजे
- भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि समाप्त: 14 सितंबर, शनिवार, रात्रि 08:41 पर
- उदया तिथि के अनुसार परिवर्तिनी एकादशी 14 सितंबर 2024 शनिवार को है।
जैसा कि सब जानते हैं कि चातुर्मास में विष्णु जी योग निद्रा में रहते हैं और उनका शयनकाल रहता है। ऐसे में इस एकादशी पर विष्णु जी करवट बदलते हैं। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है, साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है।
परिवर्तिनी एकादशी 2024 मुहूर्त
पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी 14 सितंबर 2024 को रात 08 बजकर 41 मिनट तक रहेगी। एकादशी के दिन श्री हरि विष्णु की पूजा का मुहूर्त प्रातः 07:38 से प्रातः 09:11 तक रहेगा। इसके बाद राहुकाल शुरू हो जाएगा।
परिवर्तिनी एकादशी व्रत पारण समय
परिवर्तिनी एकादशी का व्रत पारण समय: 15 सितंबर, रविवार, प्रातः 06:06 से प्रातः 08:34 मिनट के बीच
परिवर्तिनी एकादशी व्रत की विधि
- परिवर्तिनी एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान आदि कर लें।
- इसके बाद साफ-सुथरे वक्त धारण करके व्रत का संकल्प लें।
- भगवान विष्णु की पूजा आरंभ करें सबसे पहले उन्हें पुस्तक के माध्यम से जल अर्पित करें।
- आप भगवान विष्णु को पीला रंग का चंदन और अक्षत लगाएं।
- भगवान विष्णु को फूल, माला, तुलसी दल आदि चढ़ाएं।
- इसके बाद भगवान विष्णु को भोग लगाएं।
- घी का दीपक और धूप जलाकर भगवान विष्णु की एकादशी व्रत का पाठ करें।
- पाठ करने के बाद भगवान विष्णु की चालीसा मंत्र का जाप करने के बाद विधिवत तरीके से आरती करें।
- अंत में भूल चूक के लिए माफी मांग लें।