PANCHANG: 14 नवंबर 2024 का पंचांग……..देवताओं और पितरों की कृपा पाने के लिए कल मनाया जायेगा देव दिवाली………पंचांग पढ़कर करें दिन की शुरुआत

पंचांग का दर्शन, अध्ययन व मनन आवश्यक है। शुभ व अशुभ समय का ज्ञान भी इसी से होता है। अभिजीत मुहूर्त का समय सबसे बेहतर होता है। इस शुभ समय में कोई भी कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय और काल की सटीक गणना की जाती है।

पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास और पक्ष आदि की जानकारी देते हैं।

आज कार्तिक माह शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी है। आज अश्विनी नक्षत्र है। आज शुक्रवार है। आज राहुकाल 13:04 से 14:27 तक हैं। इस समय कोई भी शुभ कार्य करने से परहेज करें।

आज का पंचांग (अंबिकापुर)

दिनांक14 नवंबर 2024
दिवसशुक्रवार
माहकार्तिक
पक्षशुक्ल
तिथित्रयोदशी
सूर्योदय06:11:31
सूर्यास्त17:11:37
करणगर
नक्षत्रअश्विनी
सूर्य राशितुला
चन्द्र राशिमेष

मुहूर्त (अंबिकापुर)

शुभ मुहूर्त- अभिजित 11:20 से 12:04 तक
राहुकाल 13:04 से 14:27 तक

कार्तिक मास की पूर्णिमा पर मनाई जाने वाली देव दिवाली दीपों का विशेष पर्व है, जो भगवान शिव को समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था। इस उपलक्ष्य में देवताओं ने स्वर्ग में दीप जलाकर उत्सव मनाया, जिसे देव दिवाली के रूप में जाना गया। देव दिवाली का मुख्य उत्सव काशी में गंगा के घाटों पर मनाया जाता है, जो अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन महादेव की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं, और मन से भय समाप्त होता है।

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इस वर्ष 15 नवंबर 2024 को देव दिवाली का पर्व मनाया जाएगा, जो कार्तिक पूर्णिमा के दिन है। इस दिन स्नान और दान करने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है।

देव दिवाली का शुभ मुहूर्त और योग

पंचांग के अनुसार, इस बार देव दिवाली के दिन व्यतीपात योग का निर्माण हो रहा है, जो सुबह 7 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। इसके बाद परिध योग का आरंभ होगा। साथ ही, भरणी नक्षत्र का संयोग इस दिन को और भी विशेष बना रहा है। इन योगों में कुछ विशेष उपाय करने से परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है।

देव दिवाली पर करने योग्य उपाय

  1. दीप प्रज्वलन – एक आटे और एक मिट्टी का दीया जलाकर उसमें 7 लौंग रखें। मान्यता है कि इससे परिवार में सुख-समृद्धि आती है और दरिद्रता दूर होती है।
  2. तुलसी की माला – तुलसी की 11 पत्तियों को एक साफ धागे में पिरोकर माला बना लें और उसे भगवान विष्णु को अर्पित करें। ऐसा करने से जीवन की समस्याएं दूर होती हैं।
  3. साफ-सफाई और दीप जलाना – घर की साफ-सफाई करें और मुख्य द्वार पर तोरण तथा रंगोली सजाएं। इसके बाद गंगाजल का छिड़काव करें और घर में घी के दीप जलाकर मां लक्ष्मी की पूजा करें, जिससे आर्थिक समस्याओं का निवारण होता है।
  4. भगवान सत्यनारायण की कथा – देव दिवाली के दिन भगवान सत्यनारायण की कथा का पाठ करना लाभकारी होता है। इससे साधक को मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं।
  5. गंगा स्नान एवं दीपदान – इस दिन गंगा स्नान और दीपदान का विशेष महत्व है। गंगा स्नान के बाद दीपदान करने से देवताओं और पितरों की कृपा प्राप्त होती है।
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काशी में देव दिवाली का विशेष उत्सव

भारत में काशी का देव दिवाली पर्व अद्वितीय होता है, जहां गंगा के घाटों को दीपों से सजाया जाता है और भव्य आरती की जाती है। यह नजारा देखने के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं और इस पर्व के धार्मिक महत्व का अनुभव करते हैं।

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