PANCHANG: 14 जुलाई 2024 का पंचांग……..शुरू होने जा रहे हैं चातुर्मास……….4 महीने के लिए रुक जाएंगे सभी मांगलिक कार्य………पंचांग पढ़कर करें दिन की शुरुआत
पंचांग का दर्शन, अध्ययन व मनन आवश्यक है। शुभ व अशुभ समय का ज्ञान भी इसी से होता है। अभिजीत मुहूर्त का समय सबसे बेहतर होता है। इस शुभ समय में कोई भी कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय और काल की सटीक गणना की जाती है।
पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास और पक्ष आदि की जानकारी देते हैं।
आज आषाढ़ माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी है। आज चित्रा नक्षत्र है। आज रविवार है। आज राहुकाल 17:04 से 18:45 तक हैं। इस समय कोई भी शुभ कार्य करने से परहेज करें।
आज का पंचांग (अंबिकापुर)
दिनांक | 14 जुलाई 2024 |
दिवस | रविवार |
माह | आषाढ़ |
पक्ष | शुक्ल |
तिथि | अष्टमी |
सूर्योदय | 05:21:26 |
सूर्यास्त | 18:44:44 |
करण | बव |
नक्षत्र | चित्रा |
सूर्य राशि | मिथुन |
चन्द्र राशि | तुला |
मुहूर्त (अंबिकापुर)
शुभ मुहूर्त- अभिजीत | 11:36 से 12:30 तक |
राहुकाल | 17:04 से 18:45 तक |
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवशयनी या हरिशयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। देवशयनी एकादशी से श्री हरिविष्णु चार मास के लिए निद्रा में लीन हो जाते हैं। इसीलिए इसी दिन से चातुर्मास की शुरुआत होती है और कार्तिक मास में आने वाली देवउठनी एकादशी में शयनकाल समाप्त होता है और इसी के साथ चातुर्मास भी समाप्त हो जाता है।
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवशयनी या हरिशयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार देवशयनी एकादशी के दिन से ही श्री हरि विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं। मान्यता के अनुसार इस बीच सम्पूर्ण सृष्टि का दायित्व भगवान भोलेनाथ के ऊपर होता है। देवशयनी एकादशी से श्री हरिविष्णु चार मास के लिए निद्रा में लीन हो जाते हैं। इसीलिए इसी दिन से चातुर्मास की शुरुआत होती है और कार्तिक मास में आने वाली देवउठनी एकादशी में शयनकाल समाप्त होता है और इसी के साथ चातुर्मास भी समाप्त हो जाता है। आइए जानते हैं कब से शुरू हो रहे हैं चातुर्मास और क्या हैं इससे जुड़े नियम।
चातुर्मास 2024 में कब शुरू ?
चातुर्मास का प्रारंभ 17 जुलाई 2024 से हो रहा है। इसी दिन देवशयनी एकादशी भी है। चातुर्मास का समापन 12 नवंबर 2024 को देवउठनी एकादशी पर होगा। हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ महीने के अंतिम दिनों में चातुर्मास शुरू हो जाता है, जो कि सावन, भाद्रपद, अश्विन और कार्तिक महीने तक रहता है।
चातुर्मास में न करें ये काम
- चातुर्मास के दौरान विवाह समारोह, सगाई, मुंडन, बच्चे का नामकरण, गृहप्रवेश जैसे तमाम मांगलिक कार्य करने की मनाही है.
- अगर आप चातुर्मास के दौरान चार माह का व्रत रखते हैं या कोई विशेष साधना करते हैं तो इस बीच यात्रा न करें।
- चातुर्मास के दौरान दही, मूली, बैंगन और साग आदि खाना वर्जित माना जाता है।
- झूठ, छल, कपट, ईर्ष्या, कटु वचन जैसी आदतों से दूर रहें।
- संभव हो तो किसी का दिल न दुखाएं और खुद पर संयम बनाए रखें।
- चातुर्मास के दौरान तामसिक भोजन से परहेज करना चाहिए।
- ब्रह्मचर्य का भी पालन करना चाहिए।
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