PANCHANG: 14 अगस्त 2024 का पंचांग……….सावन पूर्णिमा पर बन रहे हैं तीन दुर्लभ संयोग…………..पंचांग पढ़कर करें दिन की शुरुआत
पंचांग का दर्शन, अध्ययन व मनन आवश्यक है। शुभ व अशुभ समय का ज्ञान भी इसी से होता है। अभिजीत मुहूर्त का समय सबसे बेहतर होता है। इस शुभ समय में कोई भी कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय और काल की सटीक गणना की जाती है।
पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास और पक्ष आदि की जानकारी देते हैं।
आज श्रावण माह शुक्ल पक्ष की नवमी है लेकिन 10:23:23 के बाद दशमी लग जायेगा। आज अनुराधा नक्षत्र है। आज बुधवार है। आज राहुकाल 12:02 से 13:38 तक हैं। इस समय कोई भी शुभ कार्य करने से परहेज करें।
आज का पंचांग (अंबिकापुर)
दिनांक | 14 अगस्त 2024 |
दिवस | बुधवार |
माह | श्रावण |
पक्ष | शुक्ल |
तिथि | नवमी 10:23:23 के बाद दशमी |
सूर्योदय | 05:34:21 |
सूर्यास्त | 18:28:57 |
करण | कौलव |
नक्षत्र | अनुराधा |
सूर्य राशि | कर्क |
चन्द्र राशि | वृश्चिक |
मुहूर्त (अंबिकापुर)
शुभ मुहूर्त- अभिजीत | आज अभिजीत नहीं है। |
राहुकाल | 12:02 से 13:38 तक |
हिंदू धर्म में सावन माह को पूजा पाठ के लिए बेहद शुभ माना गया है। इस माह का प्रत्येक दिन भगवान शिव की पूजा को समर्पित होता है। इस दौरान आने वाले सभी सोमवार को व्रत रखने का विधान है। ये उपवास सभी शिव भक्तों के लिए बेहद खास होता है। इस साल श्रावण मास की शुरुआत 22 जुलाई 2024 से हुई थी। वहीं अब 19 अगस्त 2024 सावन पूर्णिमा के दिन इसका समापन हो रहा है। ये माह भगवान शिव को अति प्रिय है। इस दौरान आने वाले सभी व्रत और त्योहारों पर भी भोलेनाथ की पूजा की जाती है।
सावन माह को प्रेम, हरियाली और बरसात का प्रतीक माना गया है। वहीं इस साल सावन माह की तरह पूर्णिमा तिथि भी बेहद शुभ है। इस दिन कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है, जो पूजा पाठ के लिए बेहद खास है। इन योग में महादेव की अर्चना करने से मनचाहे परिणामों की प्राप्ति होती हैं। ऐसे में आइए इस दिन की पूजा विधि के बारे में विस्तार से जान लेते हैं।
चंद्रोदय समय
इस साल सावन पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय का समय शाम 06: बजकर 56 पर है। इस समय आप चंद्रदेव की पूजा कर सकते हैं।
बन रहे हैं 3 दुर्लभ संयोग
इस साल 19 अगस्त 2024 का दिन बेहद खास होने वाला है। इस दिन सावन का आखिरी सोमवार व्रत, सावन माह की पूर्णिमा और रक्षाबंधन जैसा महापर्व है। इस दौरान शोभन योग का निर्माण भी हो रहा है, जो देर रात्रि 12: 45 तक रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शोभन योग में लक्ष्मी नारायण की आराधना करने पर मनचाहे परिणामों की प्राप्ति होती हैं। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। ज्योतिष के अनुसार इस साल सावन पूर्णिमा के दिन श्रवण नक्षत्र का महासंयोग बनेगा।
पूजा विधि
सावन पूर्णिमा के शुभ दिन पर सुबह जल्दी स्नान करना चाहिए। इसके बाद महादेव की पूजा की सभी सामग्रियों को एकत्रित कर लें। इस दौरान मिठाई, फल, बेलपत्र, धूप, दीप, शुद्ध जल, फूल आदि जरूर शामिल करें। अब सबसे पहले महादेव को बेलपत्र अर्पित करें। इसके बाद फूल फल आदि चढ़ाकर पूजा करें। फिर रात के समय चंद्रोदय के बाद चंद्र देव को अर्घ्य देकर पूजा करें। इस दौरान चंद्र मंत्र ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चंद्राय नम: का जाप करना चाहिए। फिर आप जरूरतमंद लोगों को सफेद मोती, दूध या चांदी का दान करें। ऐसा करने से कुंडली में चंद्रमा मजबूत होता है।