October 13, 2024 7:48 am

PANCHANG: 13 सितम्बर 2024 का पंचांग……….जानिये 16 या 17 सितंबर कब है विश्वकर्मा पूजा?………….पंचांग पढ़कर करें दिन की शुरुआत

पंचांग का दर्शन, अध्ययन व मनन आवश्यक है। शुभ व अशुभ समय का ज्ञान भी इसी से होता है। अभिजीत मुहूर्त का समय सबसे बेहतर होता है। इस शुभ समय में कोई भी कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय और काल की सटीक गणना की जाती है।

पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास और पक्ष आदि की जानकारी देते हैं।

आज भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष की दशमी है। आज पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र है। आज शुक्रवार है। आज राहुकाल 10:21 से 11:53 तक हैं। इस समय कोई भी शुभ कार्य करने से परहेज करें।

आज का पंचांग (अंबिकापुर)

दिनांक13 सितम्बर 2024
दिवसशुक्रवार
माहभाद्रपद
पक्षशुक्ल
तिथिदशमी
सूर्योदय05:44:18
सूर्यास्त18:01:19
करणतैतुल
नक्षत्रपूर्वाषाढ़ा
सूर्य राशिसिंह
चन्द्र राशिधनु

मुहूर्त (अंबिकापुर)

शुभ मुहूर्त- अभिजीत 11:28 से 12:17 तक
राहुकाल 10:21 से 11:53 तक

हर साल विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर को मनाई जाती है। लेकिन इस बार कन्या संक्रांति के कारण विश्वकर्मा पूजा की तारीख को लेकर दुविधा बनी हुई है। दरअसल, कन्या संक्रांति के दिन ही विश्वकर्मा पूजा मनाते हैं और इस बार कन्या संक्रांति का समय 16 सितंबर की शाम में है। इसलिए लोगों के मन में सवाल आ रहा है कि विश्वकर्मा पूजा 16 सितंबर को मनाई जाएगी या 17 सितंबर को। अगर आप भी इस बात को लेकर असमंजस में है तो आइए हम आपको बताते हैं कि इस बार यानी 2024 में विश्वकर्मा पूजा किस दिन मनाई जाएगी। साथ ही जानेंगे पूजा का शुभ मुहूर्त और भद्रा काल के बारे में…

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विश्वकर्मा पूजा 2024 तारीख


विश्वकर्मा पूजा के लिए आवश्यक कन्या संक्रांति 16 सितंबर की शाम से शुरू हो रही है। इस दिन शाम को 7:53 बजे सूर्य कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। इसी समय को कन्या संक्रांति कहा जाता है। लेकिन विश्वकर्मा पूजा के लिए उदया तिथि के हिसाब से चलना होता है, इसलिए विश्वकर्मा पूजा 16 सितंबर को शाम 7:53 बजे से नहीं होगी। इस साल विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर यानी मंगलवार के दिन मनाई जाएगी।


विश्वकर्मा पूजा पर भद्रा


विश्वकर्मा पूजा के दिन भद्रा का साया बताया गया है। उस दिन 11;44 बजे से भद्रा लग रही है और यह रात 9:55 मिनट तक रहने वाली है। इस भद्रा का वास पृथ्वी पर है और ऐसी भद्रा अशुभ मानी जाती है। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। अगर आप विश्वकर्मा पूजा कर रहे हैं, तो इसे भद्रा काल से पहले ही कर लें। उस दिन दोपहर 3:19 बजे से शाम 4:51 बजे तक रहने वाला है।

विश्वकर्मा पूजा मुहूर्त 2024


इस साल विश्वकर्मा पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह के लिए बताया गया है। दोपहर के समय में भद्रा काल शुरू हो जाएगा, इसलिए आप विश्वकर्मा पूजा सुबह 06:07 बजे से 11:44 बजे तक कर सकते हैं।

विश्वकर्मा पूजा का महत्व


विश्वकर्मा पूजा के दिन लोग अपने वाहन, मशीन, औजार, कलपुर्जे, दुकान आदि की पूजा करते हैं। साथ ही देवता के शिल्पी भगवान विश्वकर्मा जी की पूजा करते हैं। दरअसल, उनके आशीर्वाद के माध्यम से ही बिजनेस में उन्नति होने लगती है और साल भर काम बहुत ही अच्छे से चलता है। इस दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से सभी विघ्न और बाधा दूर हो जाते हैं। 

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