PANCHANG: 12 नवंबर 2024 का पंचांग………दुर्लभ संयोग में मनाया जायेगा इस बार कार्तिक पूर्णिमा…………..दान करने से मनचाहे फल की होगी प्राप्ति………पंचांग पढ़कर करें दिन की शुरुआत

पंचांग का दर्शन, अध्ययन व मनन आवश्यक है। शुभ व अशुभ समय का ज्ञान भी इसी से होता है। अभिजीत मुहूर्त का समय सबसे बेहतर होता है। इस शुभ समय में कोई भी कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय और काल की सटीक गणना की जाती है।

पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास और पक्ष आदि की जानकारी देते हैं।

आज कार्तिक माह शुक्ल पक्ष की एकादशी है। आज उत्तरभाद्रप्रदा नक्षत्र है। आज मंगलवार है। आज राहुकाल 14:27 से 15:50 तक हैं। इस समय कोई भी शुभ कार्य करने से परहेज करें।

आज का पंचांग (अंबिकापुर)

दिनांक12 नवंबर 2024
दिवसमंगलवार
माहकार्तिक
पक्षशुक्ल
तिथिएकादशी
सूर्योदय06:10:13
सूर्यास्त17:12:18
करणविष्टि भद्र
नक्षत्रउत्तरभाद्रप्रदा
सूर्य राशितुला
चन्द्र राशिमीन

मुहूर्त (अंबिकापुर)

शुभ मुहूर्त- अभिजित 11:19 से 12:03 तक
राहुकाल 14:27 से 15:50 तक

कार्तिक पूर्णिमा हिंदू धर्म में पवित्र और महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। इस दिन गंगा जैसे पवित्र नदी में स्नान करने और दीप दान करने का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति अपने सभी पापों से मुक्त हो सकता है और जीवन में शुभता का आगमन होता है। इस दिन जरूरतमंदों को दान करना भी पुण्य का कार्य माना गया है। चांग के अनुसार इस साल 15 नवंबर 2024 को कार्तिक पूर्णिमा है। इस पूर्णिमा पर 30 वर्ष बाद शश राजयोग का निर्माण हो रहा है, जो बेहद लाभकारी है। ऐसे में कुछ खास कार्यों को करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। आइए इसके बारे में जानते हैं।

इसे भी पढ़ें:  BHATGAON-JARHI: नगर पंचायत जरही में भू-विस्थापितों / आश्रितों को मिलेगा रोजगार……………. महामाया खुली खदान के लिये इस दिन लगाया जा रहा है शिविर


कार्तिक पूर्णिमा 2024 कब है?

  • तिथि: 15 नवंबर 2024, शुक्रवार
  • पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 15 नवंबर को प्रातः 06:19
  • पूर्णिमा तिथि समाप्त: 16 नवंबर को देर रात 02:58

कार्तिक पूर्णिमा 2024: गंगा स्नान और दान का शुभ समय

गंगा स्नान का मुहूर्त कार्तिक पूर्णिमा के दिन प्रातः 04:58 से 05:51 तक रहेगा। इस समय में स्नान करने से विशेष लाभ मिलता है।


कार्तिक पूर्णिमा 2024: देव दिवाली मुहूर्त

  • देव दीपावली पूजा मुहूर्त: 15 नवंबर, शाम 05:10 से रात 07:47 तक

कार्तिक पूर्णिमा 2024: लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त

  • लक्ष्मी पूजन का समय: 15 नवंबर को रात 11:39 से देर रात 12:33 तक

कार्तिक पूर्णिमा पर चौघड़िया मुहूर्त

  • चर – सामान्य: प्रातः 06:44 से 08:04
  • लाभ – उन्नति: प्रातः 08:04 से 09:25
  • शुभ – उत्तम: दोपहर 12:06 से 01:26
  • चर – सामान्य: सायं 04:07 से 05:27
  • लाभ – उन्नति: सायं 08:47 से 10:26
  • शुभ – उत्तम: देर रात 12:06 से 01:46 (16 नवंबर)

कार्तिक पूर्णिमा पर पूजा विधि

  1. प्रातःकाल स्नान: सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदी में स्नान करें।
  2. सूर्य देव को अर्घ्य: स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें।
  3. भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा: भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का पूजन करें, उन्हें सुगंध, पुष्प, फल, और वस्त्र अर्पित करें।
  4. व्रत संकल्प: इस दिन व्रत का संकल्प लेकर भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें।
  5. दीपक प्रज्वलित: देसी गाय का दीपक जलाकर आरती करें।
  6. भोग लगाना और कथा सुनना: पूजन के बाद भोग लगाकर कथा सुनें।
  7. दान: जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र, धन आदि का दान देना शुभ माना गया है।
इसे भी पढ़ें:  SURGUJA: 14 नवम्बर से जिले के 54 उपार्जन केंद्रों में शुरू होगी धान खरीदी..................किसानों में अपार उत्साह

इन चीजों का करें दान

  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन वस्त्रों का दान करना चाहिए। इसे बेहद ही शुभ माना जाता है। कहते हैं कि वस्त्रों का दान करने से पितरों का आशीर्वाद वंशों पर बना रहता है।
  • कार्तिक पूर्णिमा पर तिल का दान करें। इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं, और भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं।
  • अन्न का दान जीवन का सबसे बड़ा दान होता है। माना जाता है कि इसका दान करने से व्यक्ति के घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती हैं।
  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुड़ का दान करना चाहिए। इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। इतना ही नहीं गुड़ का दान करने से घर से दरिद्रता भी दूर होती है।

इस कार्तिक पूर्णिमा पर पूजा विधि का पालन करते हुए श्रद्धा भाव से स्नान, पूजा, और दान का कार्य करने से व्यक्ति को विशेष लाभ प्राप्त होता है।

‘इस लेख में निहित जानकारी को विभिन्न माध्यमों से संग्रहित कर आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।’

इस वेबसाइट पर निःशुल्क प्रकाशन के लिए ambikapurcity@gmail.com पर आप प्रेस विज्ञप्ति भेज सकते है।


क्या आपने इसे पढ़ा:

error: Content is protected !!