PANCHANG: 10 अगस्त 2024 का पंचांग……….…कब है कजरी तीज व्रत?……………जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि…………..पंचांग पढ़कर करें दिन की शुरुआत
पंचांग का दर्शन, अध्ययन व मनन आवश्यक है। शुभ व अशुभ समय का ज्ञान भी इसी से होता है। अभिजीत मुहूर्त का समय सबसे बेहतर होता है। इस शुभ समय में कोई भी कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय और काल की सटीक गणना की जाती है।
पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास और पक्ष आदि की जानकारी देते हैं।
आज श्रावण माह शुक्ल पक्ष की षष्ठी है। आज चित्रा नक्षत्र है। आज शनिवार है। आज राहुकाल 08:48 से 10:25 तक हैं। इस समय कोई भी शुभ कार्य करने से परहेज करें।
आज का पंचांग (अंबिकापुर)
दिनांक | 10 अगस्त 2024 |
दिवस | शनिवार |
माह | श्रावण |
पक्ष | शुक्ल |
तिथि | षष्ठी |
सूर्योदय | 05:32:25 |
सूर्यास्त | 18:32:37 |
करण | कौलव |
नक्षत्र | चित्रा |
सूर्य राशि | कर्क |
चन्द्र राशि | कन्या |
मुहूर्त (अंबिकापुर)
शुभ मुहूर्त- अभिजीत | 11:37 से 12:28 तक |
राहुकाल | 08:48 से 10:25 तक |
हिंदू धर्म में तीज का विशेष महत्व है। तीज व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। कजरी तीज हर साल भाद्रपद या भादो महीने में कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। कजरी तीज को बूढ़ी तीज, कजली तीज, सातुड़ी तीज के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि कजरी तीज के दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और पारिवारिक जीवन सुखमय हो जाता है।
तीज का त्योहार सावन और भाद्रपद के महीने में आता है। हिंदू धर्म में हरियाली तीज, कजरी तीज और हरतालिका तीज बहुत धूमधाम से मनाई जाती है। हरियाली तीज कजरी तीज से पहले आती है। इस वर्ष हरियाली तीज 07 अगस्त 2024 को था । हरियाली तीज से 15 दिनों के बाद कजरी तीज मनाई जाती है यानी कजरी तीज इस साल 22 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी।
कजरी तीज तिथि
- भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि आरंभ: 21 अगस्त , सायं 05: 06 मिनट से
- भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि समाप्त: 22 अगस्त,दोपहर 01: 46 मिनट पर
- उदया तिथि के अनुसार, कजरी तीज व्रत 22 अगस्त को रखा जाएगा।
कजरी तीज शुभ मुहूर्त
- कजरी तीज पर पूजा भोर का तारा देखकर की जाती है। पूजा का शुभ मुहूर्त प्रातः 04:26 से प्रातः 05:10 तक रहेगा।
कजरी तीज पूजा विधि
- कजरी तीज के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और साफ स्थान पर चौकी बिछाएं।
- उस चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर शिव और पार्वती की मूर्ति स्थापित करें।
- फिर मां गौरी और शिव जी की विधिपूर्वक पूजा करें।
- इस दिन मां गौरी को सुहाग का सामान अर्पित करें।
- भगवान शिव को बेल पत्र, गाय का दूध, गंगा जल, धतूरा, भांग आदि चढ़ाया जाता है ।
- फिर धूप और दीप आदि जलाकर आरती करती हैं।
- अब शिव-गौरी की कथा सुनें ।
- अंत में कथा का पाठ करें और आरती करें।
- यह व्रत सामान्यत: निर्जला रहकर किया जाता है। हालांकि गर्भवती स्त्री फलाहार कर सकती हैं।
कजरी तीज महत्व
हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार केजरी-तीज सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शिव के लिए मनाई थी। तभी से सभी विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की प्रार्थना के लिए कजरी तीज का व्रत रखती हैं। अविवाहित महिलाएं भी मनचाहा वर पाने के लिए कजरी तीज का व्रत रखती हैं। माना जाता है कि यह व्रत वैवाहिक जीवन में सौभाग्य और समृद्धि लाता है।