PANCHANG: 08 नवंबर 2024 का पंचांग………9 या 10 नवंबर, कब है अक्षय नवमी?………पंचांग पढ़कर करें दिन की शुरुआत

पंचांग का दर्शन, अध्ययन व मनन आवश्यक है। शुभ व अशुभ समय का ज्ञान भी इसी से होता है। अभिजीत मुहूर्त का समय सबसे बेहतर होता है। इस शुभ समय में कोई भी कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय और काल की सटीक गणना की जाती है।

पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास और पक्ष आदि की जानकारी देते हैं।

आज कार्तिक माह शुक्ल पक्ष की सप्तमी है। आज उत्तराषाढ़ा नक्षत्र है। आज शुक्रवार है। आज राहुकाल 10:18 से 11:41 तक हैं। इस समय कोई भी शुभ कार्य करने से परहेज करें।

आज का पंचांग (अंबिकापुर)

दिनांक08 नवंबर 2024
दिवसशुक्रवार
माहकार्तिक
पक्षशुक्ल
तिथिसप्तमी
सूर्योदय06:07:06
सूर्यास्त17:14:26
करणगर
नक्षत्रउत्तराषाढ़ा
सूर्य राशितुला
चन्द्र राशिमकर

मुहूर्त (अंबिकापुर)

शुभ मुहूर्त- अभिजित 11:19 से 12:03 तक
राहुकाल 10:18 से 11:41 तक

अक्षय नवमी का पर्व हर साल कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से आंवले के पेड़ की पूजा का महत्त्व होता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु और महादेव की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और सौभाग्य का वास होता है।

अक्षय नवमी 2024 तिथि और शुभ मुहूर्त

इस साल अक्षय नवमी 10 नवंबर को उदया तिथि के अनुसार मनाई जाएगी। नवमी तिथि का आरंभ 9 नवंबर की रात 10:45 बजे से हो रहा है और यह 10 नवंबर की रात 9:01 बजे समाप्त होगी।

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दुर्लभ योग: ध्रुव योग और शिववास योग

इस वर्ष अक्षय नवमी पर विशेष ध्रुव योग का निर्माण हो रहा है, जो 11 नवंबर की रात 1:42 बजे तक रहेगा। इस दिन विशेष रूप से प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के बाद आंवले के पेड़ की पूजा करना शुभ माना गया है। इसके अतिरिक्त, इस साल नवमी तिथि पर दुर्लभ शिववास योग का भी संयोग बन रहा है, जो सौभाग्य और समृद्धि में वृद्धि के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है।

पूजा विधि

अक्षय नवमी के दिन भक्तों को प्रातः स्नान करके व्रत का संकल्प लेना चाहिए। पूजा के लिए आंवले के पेड़ पर गंगाजल अर्पित करें और रोली, चंदन और पुष्प से पेड़ का श्रृंगार करें। आंवले के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाएं और उसकी सात बार परिक्रमा करें। पेड़ के नीचे फल और मिठाई अर्पित करें और भगवान विष्णु तथा माता लक्ष्मी की विशेष पूजा करें। इस दौरान “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करना शुभ माना गया है।

अक्षय नवमी का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्त्व

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, आंवले का पेड़ पवित्र माना गया है। मान्यता है कि इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है। भक्त इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भगवान विष्णु की आराधना करते हैं और सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं। साथ ही, इस दिन पितरों का श्राद्ध और तर्पण करने से भी पुण्य लाभ प्राप्त होता है।

व्यवसाय और नई योजनाओं के लिए अनुकूल समय

ज्योतिषीय दृष्टिकोण से, अक्षय नवमी का दिन नई शुरुआत के लिए बेहद शुभ माना गया है। व्यवसाय में निवेश करना, नई योजनाओं की शुरुआत करना और महत्वपूर्ण निर्णय लेना इस दिन अनुकूल माने जाते हैं।

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अक्षय नवमी पर पूजा-अर्चना, व्रत और दान-पुण्य से जीवन में सौभाग्य, सुख और समृद्धि का आगमन होता है।

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