PANCHANG: 06 दिसंबर 2023 का पंचांग………रोजाना मंदिर जाने की डालें आदत……..मिलता है कई समस्याओं से छुटकारा……….पंचांग पढ़कर करें दिन की शुरुआत
पंचांग का दर्शन, अध्ययन व मनन आवश्यक है। शुभ व अशुभ समय का ज्ञान भी इसी से होता है। अभिजीत मुहूर्त का समय सबसे बेहतर होता है। इस शुभ समय में कोई भी कार्य प्रारंभ कर सकते हैं।
आज मार्गशीर्ष माह कृष्ण पक्ष की नवमी है व उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र है। आज बुधवार है। आज राहुकाल 11:48 से13:09 तक हैं। इस समय कोई भी शुभ कार्य करने से परहेज करें।
आज का पंचांग (अंबिकापुर)
दिनांक | 06 दिसंबर 2023 |
दिवस | बुधवार |
माह | मार्गशीर्ष |
पक्ष | कृष्ण पक्ष |
तिथि | नवमी |
सूर्योदय | 06:25:55 |
सूर्यास्त | 17:10:12 |
करण | गर |
नक्षत्र | उत्तर फाल्गुनी |
सूर्य राशि | वृश्चिक |
चन्द्र राशि | सिंह |
मुहूर्त (अंबिकापुर)
शुभ मुहूर्त- अभिजीत | आज अभिजीत नहीं है। |
राहुकाल | 11:48 से13:09 तक |
प्रत्येक धर्म का अपना एक धार्मिक स्थान होता है, जहां जाकर वह अपने ईश्वर की आराधना करते हैं। हिंदू धर्म में मंदिर जाकर पूजा-अर्चना करने का विधान है। मंदिर जाने से न केवल व्यक्ति को आध्यात्मिक लाभ मिलते हैं बल्कि मानसिक शांति का भी अनुभव होता है।
होंगे सकारात्मक बदलाव
मंदिर जाने के लिए ब्रह्म मुहूर्त सबसे अच्छा माना जाता है। ऐसे में रोजाना ब्रह्म मुहूर्त से पहले उठें और स्नान आदि से निवृत होकर मंदिर जाने की आदत बनाएं। यह आदत न केवल आपको ईश्वर से जुड़े होने का अनुभव कराती है बल्कि इससे आपको अपनी सेहत में भी सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे।
मिलता हैं ये लाभ
यदि आप रोजाना ब्रह्म मुहूर्त में मंदिर जाते हैं तो इससे सूर्य की लालिमा आपके शरीर पर पड़ती है, जिससे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है, जिससे व्यक्ति का तेज बढ़ता है। इससे व्यक्ति की नकारात्मकता भी दूर बनी रहती है।
क्या कहता है ज्योतिष शास्त्र
ज्योतिष शास्त्र में माना गया है कि जो व्यक्ति रोजाना मंदिर जाता है उसे ग्रह नक्षत्रों का बुरा प्रभाव नहीं झेलना पड़ता। जिससे मंगल दोष, साढ़े-साती जैसी ग्रहों की बाधा का भी प्रभाव टल जाता है और व्यक्ति के जीवन में कुछ अमंगल होने की संभावना कम हो जाती है।
दूर होती है हर बाधा
रोजाना मंदिर जाने वाले साधक का अपने गुस्से पर काबू रहता है, जिस कारण वह गृह-क्लेश की स्थिति से भी बच जाता है। साथ ही साधक के जीवन की सभी समस्याएं भी धीरे-धीरे समाप्त होने लगती हैं।
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