PANCHANG: 05 दिसंबर 2024 का पंचांग………साल की अंतिम सोमवती अमावस्या कब?…………..जानें शुभ योग और स्नान-दान मुहूर्त…………..पंचांग पढ़कर करें दिन की शुरुआत

पंचांग का दर्शन, अध्ययन व मनन आवश्यक है। शुभ व अशुभ समय का ज्ञान भी इसी से होता है। अभिजीत मुहूर्त का समय सबसे बेहतर होता है। इस शुभ समय में कोई भी कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय और काल की सटीक गणना की जाती है।
पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास और पक्ष आदि की जानकारी देते हैं।
आज मार्गशीर्ष माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी है। आज उत्तराषाढ़ा नक्षत्र है। आज गुरुवार है। आज राहुकाल 13:09 से 14:29 तक हैं। इस समय कोई भी शुभ कार्य करने से परहेज करें।
आज का पंचांग (अंबिकापुर)
दिनांक | 05 दिसंबर 2024 |
दिवस | गुरुवार |
माह | मार्गशीर्ष |
पक्ष | शुक्ल |
तिथि | चतुर्थी |
सूर्योदय | 06:25:49 |
सूर्यास्त | 17:10:09 |
करण | विष्टिभद्र |
नक्षत्र | उत्तराषाढ़ा |
सूर्य राशि | वृश्चिक |
चन्द्र राशि | मकर |
मुहूर्त (अंबिकापुर)
शुभ मुहूर्त- अभिजित | 11:27 से 12:09 तक |
राहुकाल | 13:09 से 14:29 तक |
सोमवती अमावस्या, जिसे सोमवारी अमावस्या भी कहा जाता है, तब मनाई जाती है जब अमावस्या तिथि सोमवार के दिन पड़ती है। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना, पवित्र नदियों में स्नान, और दान-पुण्य के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन व्रत रखने से सौभाग्य, सुख-समृद्धि और पापों से मुक्ति की प्राप्ति होती है।
2024 की अंतिम सोमवती अमावस्या तिथि
- तिथि प्रारंभ: 30 दिसंबर 2024, सुबह 4:01 बजे
- तिथि समाप्त: 31 दिसंबर 2024, सुबह 3:56 बजे
- उदयातिथि के अनुसार पर्व: 30 दिसंबर 2024, सोमवार
स्नान और दान का शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 5:24 से 6:19 बजे तक
- सूर्योदय समय: स्नान और दान का अनुकूल समय
विशेष: स्नान के बाद दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
पूजा का शुभ समय
- अभिजीत मुहूर्त: दिन में 12:03 से 12:45 बजे तक
इस समय भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से विशेष फल मिलता है। सुहागिन स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु और सुखी दांपत्य जीवन के लिए व्रत रखती हैं।
शुभ योग और नक्षत्र
- वृद्धि योग: सुबह से रात 8:32 बजे तक
- ध्रुव योग: रात 8:32 बजे के बाद
- नक्षत्र:
- मूल नक्षत्र: सुबह से रात 11:57 बजे तक
- पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र: रात 11:57 बजे के बाद
सोमवती अमावस्या का महत्व
- दांपत्य जीवन में सुख-शांति:
इस दिन व्रत रखने और शिव-पार्वती की पूजा करने से पति की दीर्घायु और परिवार में सुख-शांति का वास होता है। - पितरों की शांति:
श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। - पापों का नाश:
पवित्र नदियों में स्नान और दान-पुण्य करने से पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।
विशेष सुझाव
इस दिन किए गए धार्मिक कार्य और पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है। भगवान शिव और माता पार्वती के आशीर्वाद से जीवन में सौभाग्य, समृद्धि और शांति आती है। आप भी इस पवित्र दिन पर स्नान, दान और पूजा करके अपने जीवन को शुभ और मंगलमय बना सकते हैं।