PANCHANG: 04 दिसंबर 2024 का पंचांग………कल मनायी जाएगी शुभ योग में मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी…………..पंचांग पढ़कर करें दिन की शुरुआत

पंचांग का दर्शन, अध्ययन व मनन आवश्यक है। शुभ व अशुभ समय का ज्ञान भी इसी से होता है। अभिजीत मुहूर्त का समय सबसे बेहतर होता है। इस शुभ समय में कोई भी कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय और काल की सटीक गणना की जाती है।

पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास और पक्ष आदि की जानकारी देते हैं।

आज मार्गशीर्ष माह शुक्ल पक्ष की तृतीया है। आज पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र है। आज बुधवार है। आज राहुकाल 11:48 से 13:08 तक हैं। इस समय कोई भी शुभ कार्य करने से परहेज करें।

आज का पंचांग (अंबिकापुर)

दिनांक04 दिसंबर 2024
दिवसबुधवार
माहमार्गशीर्ष
पक्षशुक्ल
तिथितृतीया
सूर्योदय06:25:08
सूर्यास्त17:09:59
करणगर
नक्षत्रपूर्वाषाढ़ा
सूर्य राशिवृश्चिक
चन्द्र राशिधनु

मुहूर्त (अंबिकापुर)

शुभ मुहूर्त- अभिजित आज अभिजीत नहीं है।
राहुकाल 11:48 से 13:08 तक

हर महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाने वाली विनायक चतुर्थी इस वर्ष मार्गशीर्ष माह में 5 दिसंबर को पड़ेगी। पंचांग के अनुसार, चतुर्थी तिथि 4 दिसंबर को दोपहर 1:10 बजे शुरू होकर 5 दिसंबर को दोपहर 12:49 बजे समाप्त होगी। इस दिन चंद्रोदय का समय रात 9:07 बजे है, साधक 5 दिसंबर को व्रत रख सकते हैं।


विनायक चतुर्थी पर बन रहे शुभ योग
इस दिन कई शुभ योग बन रहे हैं:

  • वृद्धि योग: दोपहर 12:28 बजे तक।
  • ध्रुव योग: दोपहर 12:28 बजे से शुरू।
  • रवि योग: शाम 5:26 बजे तक।
  • भद्रावास योग: इस दुर्लभ योग का संयोग भी इसी दिन रहेगा।
इसे भी पढ़ें:  AMBIKAPUR: 07 दिसम्बर को मनाया जाएगा सशस्त्र सेना झण्डा दिवस................सैनिक कल्याण हेतु इस विशेष दिन पर स्वेच्छा से दान करने की अपील

इन योगों में भगवान गणेश की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। यह दिन सुख-शांति और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।


विनायक चतुर्थी पूजा विधि

  1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  2. पूजा स्थल पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें।
  3. ताजे फूलों और धूप-दीप से भगवान की आराधना करें।
  4. शाम को चंद्र दर्शन के बाद गणेश जी की कथा पढ़ें।
  5. व्रत का पारण चंद्र दर्शन और पूजा संपन्न होने के बाद करें।

विनायक चतुर्थी का महत्व
विनायक चतुर्थी, जिसे “वरद विनायक चतुर्थी” भी कहा जाता है, का अर्थ है “मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाली चतुर्थी।” इस दिन भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए विधि-विधान से पूजा की जाती है। भक्तों को ज्ञान, धैर्य और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।


चतुर्थी तिथियों का महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने दो चतुर्थी तिथियां होती हैं:

  • संकष्टी चतुर्थी: पूर्णिमा के बाद की चतुर्थी।
  • विनायक चतुर्थी: अमावस्या के बाद की चतुर्थी।

पूरे वर्ष में लगभग 12-13 विनायक चतुर्थियां मनाई जाती हैं। इस दिन व्रत और पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि और कष्टों से मुक्ति मिलती है। इस मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की कृपा पाने के लिए विधि-विधान से पूजा करें और जीवन को शुभ और सफल बनाएं।

‘इस लेख में निहित जानकारी को विभिन्न माध्यमों से संग्रहित कर आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।’


इस वेबसाइट पर निःशुल्क प्रकाशन के लिए ambikapurcity@gmail.com पर आप प्रेस विज्ञप्ति भेज सकते है।


क्या आपने इसे पढ़ा:

error: Content is protected !!