PANCHANG: 02 जुलाई 2024 का पंचांग………आज है योगिनी एकादशी……. जानिए पूजा विधि, मुहूर्त और महत्व……….पंचांग पढ़कर करें दिन की शुरुआत

पंचांग का दर्शन, अध्ययन व मनन आवश्यक है। शुभ व अशुभ समय का ज्ञान भी इसी से होता है। अभिजीत मुहूर्त का समय सबसे बेहतर होता है। इस शुभ समय में कोई भी कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय और काल की सटीक गणना की जाती है। पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास और पक्ष आदि की जानकारी देते हैं।

आज आषाढ़ माह कृष्ण पक्ष की एकादशी है व कृतिका नक्षत्र है। आज मंगलवार है। आज राहुकाल 15:24 से 17:05 तक हैं। इस समय कोई भी शुभ कार्य करने से परहेज करें।

आज का पंचांग (अंबिकापुर)

दिनांक02 जुलाई 2024
दिवसमंगलवार
माहआषाढ़
पक्षकृष्ण
तिथिएकादशी
सूर्योदय05:16:47
सूर्यास्त18:45:54
करणबालव
नक्षत्रकृतिका
सूर्य राशिमिथुन
चन्द्र राशिमेष

मुहूर्त (अंबिकापुर)

शुभ मुहूर्त- अभिजीत 11:34 से 12:28 तक
राहुकाल 15:24 से 17:05 तक

पूरे साल में 24 एकादशी और अधिकमास होने पर 26 एकादशी व्रत रखे जाते हैं। एकादशी व्रत और आषाढ़ का महीना दोनों भगवान विष्णु को अतिप्रिय है। इसीलिए आषाढ़ माह की एकादशी का विशेष महत्व हो जाता है। योगिनी एकादशी व्रत आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष में रखा जाता है। इस दिन व्रत और भगवान विष्णु की पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि और समृद्धि आती है। योगिनी एकदशी निर्जला एकदशी के बाद और देवशयनी एकदशी से पहले की जाती है।

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योगिनी एकादशी व्रत तिथि, शुभ समय और पारण समय

हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 1 जुलाई को प्रातः 10:26 बजे से आरंभ हो रही है और एकादशी तिथि आज 2 जुलाई को सुबह 8 बजकर 34 मिनट पर समाप्त हो रही है। उदयातिथि के अनुसार योगिनी एकादशी व्रत आज 2 जुलाई 2024 को रखा जाएगा। वहीं, योगिनी एकादशी व्रत का पारण 3 जुलाई को सुबह 5:28 बजे से सुबह 7:10 बजे तक किया जाएगा। द्वादशी तिथि 3 जुलाई को सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर समाप्त होगी।

2 शुभ योग में रखा जाएगा योगिनी एकादशी व्रत

योगिनी एकादशी का व्रत 2 शुभ योग में पड़ रहा है। योगिनी एकादशी के दिन त्रिपुष्कर योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग आज 2 जुलाई को प्रातः 5:27 बजे से अपूरे साल में 24 एकादशी और अधिकमास होने पर 26 एकादशी व्रत रखे जाते हैं। एकादशी व्रत और आषाढ़ का महीना दोनों भगवान विष्णु को अतिप्रिय है। इसीलिए आषाढ़ माह की एकादशी का विशेष महत्व हो जाता है। योगिनी एकादशी व्रत आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष में रखा जाता है। इस दिन व्रत और भगवान विष्णु की पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि और समृद्धि आती है। योगिनी एकदशी निर्जला एकदशी के बाद और देवशयनी एकदशी से पहले की जाती है। तो आइए जानते हैं कि इस साल योगिनी एकादशी का व्रत किस दिन रखा जाएगा और पूजा और पारण का शुभ समय कब होगा।

योगिनी एकादशी की पूजा विधि

  • योगिनी एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • श्री हरि विष्णु को पीला रंग प्रिय होता है, इसीलिए इस दिन पीला रंग धारण करें।
  • भगवान विष्णु की पूजा करने के लिए चौकी सजाएं और विष्णु भगवान की प्रतिमा रखें।
  • इसके अतिरिक्त, भगवान विष्णु पर पीले फूलों की माला अर्पित की जाती है।
  • भगवान विष्णु को तिलक लगाएं।
  • पूजा सामग्री में तुलसी दल, फल, मिठाइयां और फूल आदि सम्मिलित किए जाते हैं।
  • इस दिन योगिनी एकादशी की कथा सुनें और अगले दिन व्रत का पारण करें।

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