PANCHANG: 02 अगस्त 2024 का पंचांग………….दुर्लभ संयोग में श्रावण शिवरात्रि आज………पंचांग पढ़कर करें दिन की शुरुआत
पंचांग का दर्शन, अध्ययन व मनन आवश्यक है। शुभ व अशुभ समय का ज्ञान भी इसी से होता है। अभिजीत मुहूर्त का समय सबसे बेहतर होता है। इस शुभ समय में कोई भी कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय और काल की सटीक गणना की जाती है।
पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास और पक्ष आदि की जानकारी देते हैं।
आज श्रावण माह कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी है। आज आद्रा नक्षत्र है। आज शुक्रवार है। आज राहुकाल 13:42 से 15:21 तक हैं। इस समय कोई भी शुभ कार्य करने से परहेज करें।
आज का पंचांग (अंबिकापुर)
दिनांक | 02 अगस्त 2024 |
दिवस | शुक्रवार |
माह | श्रावण |
पक्ष | कृष्ण |
तिथि | त्रयोदशी |
सूर्योदय | 05:29:33 |
सूर्यास्त | 18:37:06 |
करण | वणिज |
नक्षत्र | आद्रा |
सूर्य राशि | कर्क |
चन्द्र राशि | मिथुन |
मुहूर्त (अंबिकापुर)
शुभ मुहूर्त- अभिजीत | 11:37 से 12:30 तक |
राहुकाल | 10:25 से 12:03 तक |
आज यानी 02 अगस्त के दिन सावन शिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है। ये दिन शिव जी की पूजा करने के लिए सबसे शुभ माना जाता है। मान्यता है कि सावन शिवरात्रि पर महादेव की पूजा के साथ-साथ शिवलिंग का जलाभिषेक करने पर मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती हैं। साथ ही सुख-समृद्धि का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
सावन शिवरात्रि के खास दिन पर सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का समय सुबह 10:59 से लेकर 3 अगस्त सुबह 6 बजकर 2 मिनट तक रहने वाला है। ऐसे में भगवान शिव की अर्चना करने से तरक्की के योग का निर्माण होता है। इस दिन व्रत रखने का भी विधान है।
वहीं 22 जुलाई से शुरू हुई कांवड़ यात्रा का समापन सावन शिवरात्रि यानी आज होगा। इस दौरान सभी कांवड़िए गंगा तट से लाए हुए जल को शिवलिंग पर अर्पित करेंगे। इस दौरान पूजा करने से यात्रा का संपूर्ण फल प्राप्त होता है। वहीं कुछ लोग घर या मंदिरों में शिव जी की पूजा करते हैं। ऐसे में आइए महादेव की पूजा विधि के बारे में जान लेते हैं।
सावन शिवरात्रि शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 4 बजकर 31 मिनट से 5 बजकर 15 मिनट तक रहेगा।
- विजय मुहूर्त – दोपहर 2 बजकर 45 मिनट से 3 बजकर 37 मिनट तक रहने वाला है।
- गोधूलि मुहूर्त – शाम 07 बजकर 08 मिनट से 08 बजकर 13 मिनट तक होगा।
- निशिता मुहूर्त – रात 12 बजकर 12 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक रहेगा।
- सर्वार्थ सिद्धि योग – 2 अगस्त 2024 सुबह 10 बजकर 59 मिनट से 3 अगस्त 2024 को सुबह 6 बजकर 2 मिनट तक रहेगा।
सावन शिवरात्रि पूजा सामग्री
भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र, धतूरा, भांग, बेर, गुलाल और सफेद चंदन को शामिल करें। साथ ही दूध दही, कपूर, धूप, दीप, रूई, शहद, घी,पंच फल, गन्ने का रस, गंगाजल, और श्रृंगार की सामग्री को भी रखें। माना जाता है कि इन सामग्रियों से पूजा करने पर महादेव प्रसन्न होते हैं।
जलाभिषेक विधि
सावन शिवरात्रि पर यदि आप महादेव का जलाभिषेक करते हैं, तो सबसे पहले शिवलिंग का दूध, दही, शहद, घी, शक्कर, गन्ने के रस से अभिषेक करें। इसके बाद एक लोटे में गंगाजल लें। जल में काला तिल मिलाकर रख लें। फिर शिव जी के मंत्र का जाप करें। अब इस जल को शिवलिंग पर अर्पित कर दें। इसके बाद आप फूल, फल और मिठाई आदि चीजों को अर्पित करते जाएं। बाद में आटे का चौमुखी दीपक जलाकर महादेव की आरती करें।
रुद्राभिषेक विधि
रुद्राभिषेक करने के लिए पहले शिवलिंग पर जल, दूध, दही, घी, शहद, शक्कर और गंगाजल से अभिषेक करें। इसके बाद रुद्राभिषेक मंत्र का जाप करें। फिर शिवलिंग पर चावल चढ़ाएं। इस दौरान फूल, बेलपत्र, धतूरा, और भांग भी अर्पित करते रहें। बाद में आरती करते हुए शंखनाद करें।
महादेव पूजन विधि
सावन शिवरात्रि पर सुबह ही स्नान कर लें। फिर पूजा स्थल पर सभी सामग्रियों को एकत्रित करते हुए, पूजा की तैयारी शुरू करें। घर या मंदिर जहां भी पूजा करनी है, वहां पर अपना स्थान लें। सबसे पहले शिवलिंग का अभिषेक करें। इसके बाद शिव जी को बेलपत्र, धतूरा और गंगाजल चढ़ाएं। फिर महादेव को आक का फूल अर्पित करें। अंत में शिव चालीसा का पाठ करें।
भगवान शिव के प्रभावशाली मंत्र
ओम साधो जातये नम:।। ओम वाम देवाय नम:।।
ओम अघोराय नम:।। ओम तत्पुरूषाय नम:।।
ओम ईशानाय नम:।। ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।।