PANCHANG: 01 अक्टूबर 2024 का पंचांग………शुभ योग में शारदीय नवरात्रि……….पंचांग पढ़कर करें दिन की शुरुआत

पंचांग का दर्शन, अध्ययन व मनन आवश्यक है। शुभ व अशुभ समय का ज्ञान भी इसी से होता है। अभिजीत मुहूर्त का समय सबसे बेहतर होता है। इस शुभ समय में कोई भी कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय और काल की सटीक गणना की जाती है।
पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास और पक्ष आदि की जानकारी देते हैं।
आज आश्विन माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी है। आज पूर्व फाल्गुनी नक्षत्र है। आज मंगलवार है। आज राहुकाल 14:45 से 16:14 तक हैं। इस समय कोई भी शुभ कार्य करने से परहेज करें।
आज का पंचांग (अंबिकापुर)
दिनांक | 01 अक्टूबर 2024 |
दिवस | मंगलवार |
माह | आश्विन |
पक्ष | कृष्ण |
तिथि | चतुर्दशी |
सूर्योदय | 05:49:59 |
सूर्यास्त | 17:43:08 |
करण | विष्टि भद्र |
नक्षत्र | पूर्व फाल्गुनी |
सूर्य राशि | कन्या |
चन्द्र राशि | सिंह |
मुहूर्त (अंबिकापुर)
शुभ मुहूर्त- अभिजित | 11:23 से 12:10 तक |
राहुकाल | 14:45 से 16:14 तक |
शारदीय नवरात्रि हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसकी शुरुआत आश्विन माह में होती हैं। इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती हैं, जिनमें शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, और सिद्धिदात्री माता का नाम शामिल है। इस अवधि में व्रत रखने का भी विधान है, जिससे देवी की कृपा प्राप्त होती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि का उपवास रखने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही मनोवांछित फलों का योग बनता है।
भारत में नवरात्रि के पर्व को अलग-अलग मान्यताओं के साथ मनाया जाता है। हालांकि दिल्ली, कोलकाता और अहमदाबाद में इसकी अलग रौनक देखने को मिलती है। यहां जगह-जगह गरबा, डांडिया व रामलीला जैसे धार्मिक कार्यक्रम भी किए जाते है, जिसकी शुरुआत नवरात्रि के पहले दिन होती है। इस बार 3 अक्तूबर 2024 से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो रही है, जो 11 अक्तूबर को समाप्त होंगे। इस दौरान दुर्गा विसर्जन 12 अक्तूबर को होगा। इस तिथि पर कलश स्थापना का मुहूर्त: प्रातः 6 बजकर 15 मिनट से प्रातः 7:22 मिनट तक रहेगा। वहीं पूजा के लिए भी कई शुभ योग बन रहे हैं, जिनमें ऐन्द्र योग का नाम मुख्य रूप से शामिल है। ऐसे में आइए पूजा विधि के बारे में जान लेते हैं।
नवरात्रि पूजा विधि
- शारदीय नवरात्रि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर लेना चाहिए। इसके बाद स्वच्छ वस्त्रों को धारण करें।
- इस दौरान पूजा के लिए सबसे पहले माता रानी की चौकी लगाएं और उसपर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं।
- फिर वहां स्वास्तिक का चिह्न बनाएं।
- अब रोली और अक्षत से टीका करें और फिर वहां माता की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
- देवी माता के दरबार में धूप-दीपक जलाएं, और फूल माता अर्पित करें।
- इसके बाद सभी सोलह श्रृंगार का सामान चढ़ाते जाएं।
- फिर दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
- अंत में माता की आरती करते हुए गलतियों की माफी मांगे।
शारदीय नवरात्रि 2024 तिथि
- पहला दिन- मां शैलपुत्री – 3 अक्टूबर 2024
- दूसरा दिन- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा – 4 अक्टूबर 2024
- तीसरा दिन- मां चंद्रघंटा की पूजा – 5 अक्टूबर 2024
- चौथा दिन- मां कूष्मांडा की पूजा – 6 अक्टूबर 2024
- पांचवां दिन- मां स्कंदमाता की पूजा – 7 अक्टूबर 2024
- छठा दिन- मां कात्यायनी की पूजा – 8 अक्टूबर 2024
- सातवां दिन- मां कालरात्रि की पूजा – 9 अक्टूबर 2024
- आठवां दिन- मां सिद्धिदात्री की पूजा – 10 अक्टूबर 2024
- नौवां दिन- मां महागौरी की पूजा – 11 अक्टूबर 2024
- विजयदशमी – 12 अक्टूबर 2024, दुर्गा विसर्जन