September 11, 2024 7:48 pm

PANCHANG: 01 अगस्त 2024 का पंचांग……अगस्त में हैं सावन शिवरात्रि, नागपंचमी से लेकर जन्माष्टमी तक के त्योहार………पंचांग पढ़कर करें दिन की शुरुआत

पंचांग का दर्शन, अध्ययन व मनन आवश्यक है। शुभ व अशुभ समय का ज्ञान भी इसी से होता है। अभिजीत मुहूर्त का समय सबसे बेहतर होता है। इस शुभ समय में कोई भी कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय और काल की सटीक गणना की जाती है।

पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास और पक्ष आदि की जानकारी देते हैं।

आज श्रावण माह कृष्ण पक्ष की द्वादशी है। आज मृगशीर्षा नक्षत्र है। आज गुरूवार है। आज राहुकाल 13:42 से 15:21 तक हैं। इस समय कोई भी शुभ कार्य करने से परहेज करें।

आज का पंचांग (अंबिकापुर)

दिनांक01 अगस्त 2024
दिवसगुरूवार
माहश्रावण
पक्षकृष्ण
तिथिद्वादशी
सूर्योदय05:29:08
सूर्यास्त18:37:40
करणतैतुल
नक्षत्रमृगशीर्षा
सूर्य राशिकर्क
चन्द्र राशिमिथुन

मुहूर्त (अंबिकापुर)

शुभ मुहूर्त- अभिजीत 11:37 से 12:30 तक
राहुकाल 13:42 से 15:21 तक

अगस्त व्रत और उत्सव के लिए एक विशेष माह माना जाता है। इस अगस्त में कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार हैं। इस बार अगस्त के महीने की शुरुआत सावन शिवरात्रि से हो रही है जिसके बाद हरियाली तीज, नाग पंचमी, रक्षा बंधन, कजरी तीज और जन्माष्टमी जैसे कई महत्वपूर्ण त्योहार आएंगे। इसी महीने सावन माह का अंत श्रावणी पूर्णिमा के साथ होगा और भाद्रपद माह की शुरूआत होगी। भादौ माह 20 अगस्त को शुरू हो रहा है। इसके अलावा इसी महीने सावन के तीन सोमवार पड़ेंगे। 5 अगस्त, 12 अगस्त और 19 अगस्त को सावन का आखिरी सोमवार होगा।

इसे भी पढ़ें:  PARIS OLYMPICS 2024: आज स्वप्निल कुशाले पर होगी पदक दिलाने की जिम्मेदारी...............हॉकी में भारत खेलेगा बड़ा मुकाबला 

अगस्त माह के व्रत-त्योहार

1 अगस्त 2024 (गुरुवार) – गुरु प्रदोष व्रत (कृष्ण)
2 अगस्त 2024 (शुक्रवार) – सावन शिवरात्रि
4 अगस्त 2024 (रविवार) – श्रावण अमावस्या, हरियाली अमावस्या
5 अगस्त 2024 (सोमवार) – तीसरा सावन सोमवार
6 अगस्त 2024 (मंगलवार) – मंगला गौरी व्रत
7 अगस्त 2024 (बुधवार) – हरियाली तीज
8 अगस्त 2024 (गुरुवार) – विनायक चतुर्थी
9 अगस्त 2024 (शुक्रवार) – नाग पंचमी
10 अगस्त 2024 (शनिवार) – कल्कि जयंती
11 अगस्त 2024 (रविवार) – तुलसीदास जयंती
12 अगस्त 2024 (सोमवार) – चौथा सावन सोमवार
13 अगस्त 2024 (मंगलवार) – मंगला गौरी व्रत
16 अगस्त 2024 (शुक्रवार) – श्रावण पुत्रदा एकादशी, सिंह संक्रांति, वरलक्ष्मी व्रत
17 अगस्त 2024 (शनिवार) – शनि प्रदोष व्रत (शुक्ल)
19 अगस्त 2024 (सोमवार) – रक्षा बंधन, श्रावण पूर्णिमा व्रत, हयग्रीव जयंती, पांचवा सावन सोमवार, पंचक शुरू
20 अगस्त 2024 (मंगलवार) – भाद्रपद माह शुरू
22 अगस्त 2024 (गुरुवार) – संकष्टी चतुर्थी, कजरी तीज, बहुला चौथ
24 अगस्त 2024 (शनिवार) – बलराम जयंती
25 अगस्त 2024 (रविवार) – शीतला सातम
26 अगस्त 2024 (सोमवार) – जन्माष्टमी
27 अगस्त 2024 (मंगलवार) – दही हांडी
29 अगस्त 2024 (गुरुवार) – अजा एकादशी
31 अगस्त 2024 (शनिवार) – प्रदोष व्रत (कृष्ण)

सावन शिवरात्रि

हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस बार श्रावण मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 2 अगस्त को दोपहर 3:26 बजे शुरू हो रही है। यह 3 अगस्त को अपराह्न 3:50 बजे समाप्त हो रही है। ऐसे में सावन शिवरात्रि 2 अगस्त 2024 को होगी और इसी दिन शिवरात्रि की पूजा और व्रत किया जाएगा।

हरियाली अमावस्या

हरियाली अमावस्या सावन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन मनाई जाती है इस बार हरियाली अमावस्या पर सिद्धि योग, रवि पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और पुष्य नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है।

इसे भी पढ़ें:  CHHATTISGARH: शिक्षा विभाग ने लिया बड़ा फैसला...................अगस्त से शिक्षकों को छुट्टी लेने के लिए करना होगा यह काम..........आदेश जारी

हरियाली तीज

सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का व्रत रखा जाता है। इस साल हरियाली तीज का व्रत 7 अगस्त 2024 को रखा जाएगा। इस तिथि की शुरुआत 6 अगस्त को शाम 7 बजकर 42 मिनट पर होगी। 7 अगस्त 2024 को रात 10 बजे इसका समापन होगा।

नाग पंचमी

नाग पंचमी का व्रत इस बार 9 अगस्त, शुक्रवार को मनाया जाएगा। नागपंचमी पर 6 साल बाद कुछ खास योग बनने जा रहे हैं। 6 साल बाद नाग पंचमी पर सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और रवि योग बनने जा रहा है।

रक्षाबंधन

सावन मास की पूर्णिमा तिथि यानी रक्षाबंधन 19 अगस्त को सुबह से लेकर रात 8:40 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग बना रहेगा, साथ ही शोभन योग का भी निर्माण होगा। बहनें पूरा दिन भाइयों को राखी बांध सकेंगी।

कृष्ण जन्माष्टमी

इस साल कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 26 अगस्त के दिन मनाया जाएगा। इस दिन जयंती योग का निर्माण हो रहा है। ऐसे में जन्माष्टमी का व्रत करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। बता दें कृष्ण जन्माष्टमी के पर्व को कृष्ण जी के जन्म उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

‘इस लेख में निहित जानकारी को विभिन्न माध्यमों से संग्रहित कर आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।’

इस वेबसाइट पर निःशुल्क प्रकाशन के लिए ambikapurcity@gmail.com पर आप प्रेस विज्ञप्ति भेज सकते है।


क्या आपने इसे पढ़ा:

error: Content is protected !!