September 7, 2024 6:50 pm

Hanuman Janmotsav 2024: हनुमान जन्मोत्सव आज, जानें शुभ मुहूर्त और आज जरूर करें हनुमान चालीसा का पाठ

इस बार, आज 23 अप्रैल को यानी मंगलवार के दिन, पूरे देश में हनुमान जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। दरअसल यह दिन भगवान हनुमान जी के भक्तों के लिए विशेष दिन होता है। वहीं इस हनुमान जन्मोत्सव आप अपने घर में भी पूजा अर्चना कर सकते हैं। भक्तों द्वारा इस दिन मंदिरों में हनुमान जी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है, आप भी अपने घर में आज हनुमान जयंती के दिन सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं।

हनुमान जी को करें प्रसन्न:

हनुमान जन्मोत्सव के इस विशेष दिन मंदिरों में पूजा अर्चना के साथ साथ भंडारे भी लगाए जाते हैं। आज हम आपको हनुमान जयंती 2024 के इस पवित्र अवसर पर पूजा अर्चना करने का मुहर्त बता रहे हैं। इस मुहर्त में आप भी भगवान हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए पूजा अर्चना कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं आज का शुभ मुहर्त।

सत्यनारायण कथा का पाठ करें:

दरअसल आज चैत्र पूर्णिमा के साथ ही एक शुभ मुहूर्त है, जिसमें आप सत्यनारायण कथा का पाठ भी कर सकते हैं, इसके साथ ही रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित करके, और निशिता काल मुहूर्त में मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप कर सकते हैं। आज के पंचांग के अनुसार आज के शुभ-अशुभ मुहूर्त, राहुकाल, शुभ योग, ग्रह परिवर्तन, और विभिन्न व्रत-त्योहारों की जानकारी इस खबर में हम आपको बता रहे हैं।

जानिए आज का शुभ मुहर्त:

हनुमान जयंती के दिन पूजा अर्चना करने से विशेष शुभफल मिलता है। चलिए जानते है आज का शुभ मुहर्त….

‘पहला शुभ मुहूर्त: आज 23 अप्रैल को सुबह 09:03 बजकर से दोपहर 01:58 बजकर तक रहेगा।’
‘दूसरा शुभ मुहूर्त: 23 अप्रैल को रात 08:14 बजकर से 09:35 बजकर तक रहेगा।’

इसे भी पढ़ें:  Lok Sabha Election 2024: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बड़ा दावा- 'न कांग्रेस सत्ता में आने वाली है और न ही CAA रद्द होने वाला है'...... देखें विडिओ

ब्रह्मा मुहूर्त: सुबह 04:20 बजकर से 05:04 बजकर तक रहेगा।’
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:53 बजकर से दोपहर 12:46 बजकर तक रहेगा।’

इसके अलावा इस शुभ दिन पर 7 बार ‘हनुमान चालीसा का पाठ’ करने से भय निवारण, आध्यात्मिक उन्नति और गुणों की वृद्धि होती है, तो आइए इस शुभ अवसर इसका पाठ करते हैं, जो इस प्रकार है –

।।हनुमान चालीसा।।

”दोहा”

श्रीगुरु चरन सरोज रज निजमनु मुकुरु सुधारि।

बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि।।

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।

बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।

”चौपाई”

”जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।। रामदूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।

महावीर विक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।। कंचन वरन विराज सुवेसा। कानन कुण्डल कुंचित केसा।।

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै। काँधे मूँज जनेऊ साजै। शंकर सुवन केसरीनंदन। तेज प्रताप महा जग वन्दन।।

विद्यावान गुणी अति चातुर।राम काज करिबे को आतुर।। प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया।।

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। विकट रूप धरि लंक जरावा।। भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचंद्र के काज संवारे।।

लाय सजीवन लखन जियाये। श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।। रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं। अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।। सनकादिक ब्रह्मादि मुनीशा। नारद सारद सहित अहीसा।।

जम कुबेर दिगपाल जहां ते। कवि कोविद कहि सके कहाँ ते।। तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा। राम मिलाय राज पद दीन्हा।।

तुम्हरो मंत्र विभीषन माना। लंकेश्वर भये सब जग जाना।। जुग सहस्र योजन पर भानू। लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।

इसे भी पढ़ें:  PANCHANG: 23 अप्रैल 2024 का पंचांग- आज है चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि, पंचांग पढ़कर करें दिन की शुरुआत

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं। जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।। दुर्गम काज जगत के जेते। सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।

राम दुआरे तुम रखवारे। होत न आज्ञा बिनु पैसारे।। सब सुख लहै तुम्हारी सरना। तुम रक्षक काहू को डरना।।

आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हांक तें कांपै।। भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।।

नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा।। संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम वचन ध्यान जो लावै।।

सब पर राम तपस्वी राजा। तिनके काज सकल तुम साजा। और मनोरथ जो कोई लावै।सोई अमित जीवन फल पावै।।

चारों युग परताप तुम्हारा। है परसिद्ध जगत उजियारा।। साधु-संत के तुम रखवारे। असुर निकंदन राम दुलारे।।

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता। अस वर दीन जानकी माता।। राम रसायन तुम्हरे पासा। सदा रहो रघुपति के दासा।।

तुम्हरे भजन राम को भावै। जनम-जनम के दुख बिसरावै।। अन्त काल रघुबर पुर जाई। जहाँ जन्म हरि-भक्त कहाई।।

और देवता चित्त न धरई। हनुमत सेई सर्व सुख करई।। संकट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।

जै जै जै हनुमान गोसाईं। कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।। जो सत बार पाठ कर कोई। छूटहिं बंदि महा सुख होई।।

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा। होय सिद्धि साखी गौरीसा।। तुलसीदास सदा हरि चेरा। कीजै नाथ हृदय महँ डेरा”।।

”दोहा”

पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।

राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।


इस वेबसाइट पर निःशुल्क प्रकाशन के लिए ambikapurcity@gmail.com पर आप प्रेस विज्ञप्ति भेज सकते है।


क्या आपने इसे पढ़ा:

error: Content is protected !!