EMAILS: क्या हजारों अनरीड ईमेल्स से भर गया है आपका इनबॉक्स? जानें क्या हैं इसके नुकसान

क्या आप भी उन लोगों में से हैं जिनके इनबॉक्स में हजारों बिना पढ़े (unread) ईमेल जमा हो गए हैं? हाल ही में हुए एक ताजा शोध के मुताबिक ऐसा करना समझदारी नहीं है.‘इन्फॉर्मेशन रिसर्च’ नामक पत्रिका में प्रकाशित एक शोध कहता है कि जिन लोगों के इनबॉक्स में ज्यादा बिना पढ़े ईमेल जमा हो जाते हैं, वे ज्यादा असंतुष्ट रहते हैं. ऑस्ट्रेलिया की न्यू इंग्लैंड यूनिवर्सिटी में लेक्चरर मैट बालोग और उनकी टीम ने यह शोध किया है. 

बालोग कहते हैं कि उन्होंने एक सर्वेक्षण किया, जिसमें लोगों से पूछा गया कि वे अपने निजी दस्तावेजों जैसे कि बिल और सब्सक्रिप्शन आदि का रिकॉर्ड कैसे रखते हैं. इनमें से बहुत से दस्तावेज ईमेल से ही आते हैं.

शोधकर्ताओं ने पाया कि सर्वे में शामिल अधिकतर लोगों ने अपने ये दस्तावेज इनबॉक्स में ही रखे. आधे लोग ही ऐसे थे जिन्होंने इन दस्तावेजों को अन्य जगहों पर जैसे कि कंप्यूटर की ड्राइव में या क्लाउड आदि में सेव किया.

फायदे और नुकसान

लेकिन इन दस्तावेजों के कारण इनबॉक्स बिना पढ़े ईमेल से भर गया और दस्तावेजों का प्रबंधन करना मुश्किल हो गया. इस कारण कई तरह की दिक्कतें पेश आईं, जैसे कि जरूरी बिल खो गए या समय पर कोई काम नहीं किया जा सका.

डिजिटल युग का फायदा यह है कि ईमेल पर बिल आने से समय, धन और संसाधन तीनों की बचत होती है. लेकिन इसके अपने खतरे हैं. अपने शोध में बालोग कहते हैं कि उनके सर्वे में शामिल लोगों ने बहुत तरह की परेशानियां साझा कीं. जैसे कि वे अपनी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन समय पर नहीं करवा पाए या फिर अनचाहे सब्सक्रिप्शन को कैंसल नहीं कर पाए. कुछ लोग टैक्स में छूट के लिए जरूरी बिल खो बैठे, जिससे धन का नुकसान हुआ. बहुत से लोगों को देरी से बिल जमा कराने के कारण जुर्माने झेलने पड़े.

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बालोग कहते हैं, “इससे पता चलता है कि ईमेल नजरअंदाज करने से लोगों को हर साल हजारों का नुकसान होता है.”

इस कुप्रबंधन के सिर्फ वित्तीय नुकसान नहीं हैं. ईमेल में दस्तावेज होने के कारण उनका समय पर मिलना मुश्किल हो जाता है. जैसे कि लोन अप्लाई करते वक्त या टैक्स भरते वक्त जरूरी रसीदें और बिल अक्सर नहीं मिल पातीं.

क्या रहे निष्कर्ष?

बालोग और उनकी टीम ने 300 से ज्यादा लोगों का सर्वे किया. हालांकि इनमें से अधिकतर लोग ऑस्ट्रेलिया के थे लेकिन ब्रिटेन, अमेरिका, स्विट्जरलैंड और पुर्तगाल आदि अन्य देशों के लोगों ने भी उनके सवालों के जवाब दिए.

उन्होंने पाया कि सर्वे में शामिल दो तिहाई लोग अपने जरूरी दस्तावेजों को इनबॉक्स में रखते हैं. इनमें से आधे ऐसे थे जिन्होंने दस्तावेजों के लिए अलग फोल्डर बनाए थे जबकि अन्य यूं ही इनबॉक्स में छोड़ देते हैं.

लेकिन फोल्डर बनाने के मामले में भी एक दिलचस्प बात यह देखने को मिली कि लोग ऑफिस के डॉक्युमेंट्स तो फोल्डर में रखते हैं लेकिन निजी दस्तावेजों के बारे में इतने गंभीर नहीं होते. अध्ययन कहता है कि जिन लोगों ने अपने दस्तावेज यूं ही इनबॉक्स में छोड़ रखे थे उनमें से लगभग आधे ही (52 फीसदी) अपने दस्तावेजों के प्रबंधन को लेकर संतुष्ट थे. इसके उलट जिन्होंने इनबॉक्स में अलग फोल्डर बना रखे थे, उनमें संतुष्टि का फीसदी कहीं ज्यादा (71) था.

जिन लोगों ने अपने दस्तावेज ईमेल के बाहर यानी ड्राइव या क्लाउड आदि में सेव किए थे, उनमें दस्तावेजों के प्रबंधन को लेकर संतुष्टि की दर 83 फीसदी थी.

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बालोग कहते हैं, “ये नतीजे वैश्विक स्तर पर लागू होते हैं या नहीं, इसके लिए और ज्यादा अध्ययन की जरूरत है लेकिन आंकड़ों के विश्लेषण से यह कहा जा सकता है कि कौन से लोग ज्यादा संतुष्ट हो सकते हैं.”


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