UNION BUDGET 2024: संसद में पेश होगा आर्थिक सर्वेक्षण…………….बजट से एक दिन पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देंगी रिपोर्ट कार्ड
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को बजट पेश करेंगी। उससे एक दिन पहले यानी 22 जुलाई को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा।ये अर्थव्यवस्था और भविष्य के विकास परिदृश्य पर रिपोर्ट कार्ड होगा। इसे मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंथा नागेश्वरन के नेतृत्व वाली टीम ने तैयार किया है।बता दें कि इस साल फरवरी में अंतरिम बजट पेश हुआ था, जिसके चलते आर्थिक सर्वेक्षण पेश नहीं किया गया था।आइए जानते हैं ये क्या होता है।
क्या होता है आर्थिक सर्वेक्षण?
आर्थिक सर्वेक्षण एक तरह का दस्तावेज है, जो हर साल बजट से एक दिन पहले पेश होता है। इसमें पिछले वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था ने कैसा प्रदर्शन किया, इसकी समीक्षा की जाती है।इसके अलावा सरकार के विकास कार्यक्रमों, नीतिगत पहलों के बारे में भी बताया जाता है।इसके अलावा आर्थिक सर्वेक्षण अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों पर जानकारी और विश्लेषण के साथ रोजगार, सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के आंकड़े, महंगाई और बजट घाटे पर आंकड़े प्रदान करता है।
आर्थिक सर्वेक्षण में होते हैं 3 हिस्से
आर्थिक सर्वेक्षण को 3 हिस्सों में बांटा जाता है।पहले हिस्से में अर्थव्यवस्था से जुड़ी अहम बातें शामिल होती हैं। इसमें अर्थव्यवस्था के विकास की संभावनाओं, चुनौतियों और विकास की गति बढ़ाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी होती है।दूसरे हिस्से में अलग-अलग क्षेत्रों का प्रदर्शन और उससे जुड़े आंकड़े होते हैं।तीसरे हिस्से में रोजगार, महंगाई, आयात-निर्यात, बेरोजगारी और उत्पादन जैसी दूसरी अहम जानकारियां होती हैं।
आर्थिक सर्वेक्षण का इतिहास
वित्त वर्ष 1950-51 में पहली बार देश में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया गया था। पहले इसे बजट के साथ ही पेश किया जाता था।हालांकि, साल 1964 के बाद से इसे बजट से अलग कर दिया गया और बजट से एक दिन पहले पेश किया जाने लगा। तब से लेकर अब तक यही पंरपरा चली आ रही है।वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले इकोनॉमिक अफेयर्स विभाग की इकोनॉमिक डिवीजन इसे तैयार करती है।
क्यों अहम होता है आर्थिक सर्वेक्षण?
आर्थिक सर्वेक्षण एक तरह से अर्थव्यवस्था की सेहत को बताता है। ये अर्थव्यवस्था को दिशा देने का काम करता है क्योंकि इससे अंदाजा लगता है कि अर्थव्यवस्था कैसी चल रही है और इसमें क्या सुधार करना चाहिए।सर्वेक्षण के आधार पर ही सरकार को कई तरह के सुझाव भी दिए जाते हैं। इसके अलावा आने वाले वित्त वर्ष के लिए रणनीति बनाने और विकास कार्यों में आ रही बाधाओं को दूर करने में भी ये काम आता है।
आपके लिए क्यों जरूरी है आर्थिक सर्वेक्षण?
आर्थिक सर्वेक्षण आम जनता को देश की आर्थिक स्थिति समझने में मदद करता है।इससे लोगों को पता लगता है कि GDP, महंगाई और बेरोजगारी की क्या स्थिति है और वे निवेश और बचत जैसे वित्तीय फैसले सोच-समझकर ले सकते हैं।इससे जनता को सरकार की नीतियों और उनके प्रभावों को समझने में भी मदद मिलती है। सर्वेक्षण में समाजिक और आर्थिक समस्याओं का जिक्र और समाधान के लिए सुझाव भी होते हैं।