Supreme Court: 5 अगस्त को ब्लैक डे बताना और पाकिस्तान को 14 अगस्त की बधाई देना अपराध नहीं…….. सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाने की आलोचना करना और 5 अगस्त के दिन को ‘ब्लैक डे’ बताना अपराध नहीं है. इसके साथ ही पाकिस्तान को उनके स्वतंत्रता दिवस 14 अगस्त के दिन बधाई देना भी अपराध नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने एक सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की. उच्चतम न्यायालय ने अनुच्छेद 370 के प्रावधान निरस्त करने की आलोचना करने संबंधी व्हाट्सएप स्टेटस को लेकर एक प्रोफेसर के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी बृहस्पतिवार को खारिज कर दी और कहा कि प्रत्येक नागरिक को सरकार के किसी भी फैसले की आलोचना करने का अधिकार है.

शीर्ष अदालत ने बंबई उच्च न्यायालय के एक आदेश को रद्द करते हुए प्रोफेसर जावेद अहमद हाजम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए (सांप्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा देना) के तहत दर्ज मामला खारिज कर दिया.

महाराष्ट्र पुलिस ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के संबंध में व्हाट्सएप संदेश पोस्ट करने के लिए कोल्हापुर के हटकनंगले थाने में हाजम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. हाजम ने कथित तौर पर व्हाट्सऐप संदेश में लिखा था “5 अगस्त- काला दिवस जम्मू-कश्मीर” और “14 अगस्त- स्वतंत्रता दिवस मुबारक पाकिस्तान.”

शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि प्रत्येक नागरिक को दूसरे देशों के स्वतंत्रता दिवस पर उनके नागरिकों को शुभकामनाएं देने का अधिकार है. शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि भारत का कोई नागरिक 14 अगस्त को पाकिस्तानी नागरिकों को शुभकामनाएं देता है, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है.

न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा, “भारत का संविधान, अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत, वाक एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है. उक्त गारंटी के तहत, प्रत्येक नागरिक को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने समेत सरकार के हर फैसले की आलोचना करने का अधिकार है. उन्हें यह कहने का अधिकार है कि वह सरकार के किसी भी निर्णय से नाखुश हैं.” शीर्ष अदालत ने कहा कि भारत के प्रत्येक नागरिक को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर की स्थिति में बदलाव की आलोचना करने का अधिकार है.


इस वेबसाइट पर निःशुल्क प्रकाशन के लिए ambikapurcity@gmail.com पर आप प्रेस विज्ञप्ति भेज सकते है।


क्या आपने इसे पढ़ा:

error: Content is protected !!