JYOTIRLING LIVE 2024: सावन में घर बैठे कर सकते हैं भगवान शिव के ज्योतिर्लिंगों के दर्शन………….महाकाल और सोमनाथ मंदिर के साथ इन ज्योतिर्लिंगों का लाइव दर्शन करें यहाँ

सावन की धूम पूरे देश के कोने-कोने में देखने को मिल रही है। हर तरफ लोग भगवान शिव की भक्ती में डूबे हुए हैं। आज सावन का पहला सोमवार है, जिसमें हर एक मंदिर में भक्तों का तांता लगा हुआ है।

12 ज्योतिर्लिंगों की मान्यता अधिक

यूं तो देश में महादेव के कई छोटे- बड़े मंदिर हैं, लेकिन इनके 12 ज्योतिर्लिंगों की मान्यता सबसे अधिक होती है। सावन के महीने में इन ज्योतिर्लिंगों में भक्तों की भीड़ का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है। सावन में भगवान के ज्योतिर्लिंगों का दर्शन करना बेहद ही शुभ माना जाता है। हर एक भक्त की श्रद्धा होती है कि वो सावन के इस पावन महीने में भगवान शिव के इन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन कर सकें और उनकी आरती में शामिल हो सकें। हालांकि, ऐसा कर पाना सबके लिए संभव नहीं हो पाता है। अगर आप स्वयं यहां नहीं जा पा रहे हैं, तो घर बैठे इनके लाइव दर्शन कर सकते हैं।

भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग

पृथ्वी पर भगवान शिव ज्योतिर्लिंग के स्वरूप में विद्यमान हैं, इस वजह से इन 12 मंदिरों को ज्योतिर्लिंग कहा जाता है। इन बारह ज्योतिर्लिंगों में सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, केदारनाथ, भीमाशंकर, विश्वेश्वर (काशी विश्वनाथ), त्र्यंबकेश्वर, बैद्यनाथ, नागेश्वर, रामेश्वर, घुश्मेश्वर (घृष्णेश्वर) शामिल हैं।

मल्लिकार्जुन (Mallikarjuna Jyotirling Live Darshan)

सोमनाथ मंदिर (Somnath Mandir Live Darshan)

सोमनाथ मंदिर गुजरात के सौराष्ट्र में स्थित है। यह 12 ज्योतिर्लिंगों के क्रम में ये पहले स्थान पर आता है। लोगों के बीच ऐसी मान्यता है कि इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना चंद्रदेव ने की थी। इसकी स्थापना चंद्रमा द्वारा की गई, इसलिए इसका नाम सोमनाथ पड़ा, क्योंकि चांग को सोम भी कहा जाता है। यहां से आप सोमनाथ मंदिर के लाइव दर्शन कर सकते हैं और साथ ही आरती भी देख सकते हैं।

इसे भी पढ़ें:  SURGUJA: जिले में शिक्षा की गुणवत्ता का जायजा लेने कलेक्टर स्कूलों का लगातार कर रहे निरीक्षण...............शिक्षकों की लापरवाही पर लगाई कड़ी फटकार...........स्पष्टीकरण जारी करने दिए निर्देश

काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Mandir Live Darshan)

काशी विश्वनाथ मंदिर उत्तर प्रदेश के काशी में स्थित है। भगवान शिव और काल भैरव का यह मंदिर साल के 365 दिन भक्तों से भरा रहता है। माना जाता है कि जब माता पार्वती ने भगवान शिव से उनके घर जाने को कहा, तो भगवान शिव उन्हें काशी लेकर आए थे। यह स्थान शिव और पार्वती का आदि स्थान है, इसलिए आदिलिंहग के रूप में आविमुक्तेश्वन को ही प्रथम लिंग माना गया है।

महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Mandir Live Darshan)

उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। मान्यता है कि दक्षिणामुखी मृत्युंजय भगवान श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में विराजमान होकर सृष्टि का संचार करते हैं। इसे अवंती, अवंतिका, उज्जयिनी, विशाला, नंदिनी, अमरावती, पद्मावती, प्रतिकल्पा, कुशस्थली जैसे नामों से जाना जाता है।


इस वेबसाइट पर निःशुल्क प्रकाशन के लिए ambikapurcity@gmail.com पर आप प्रेस विज्ञप्ति भेज सकते है।


क्या आपने इसे पढ़ा:

error: Content is protected !!