ISRO EOS-08:  इसरो आज लॉन्च करेगा अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट ……………दुनिया को देगा आपदाओं का अलर्ट………..काउंटडाउन शुरू

अपने नए अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट EOS-08 को लॉन्च करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) तैयार है।EOS-08 सैटेलाइट को पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) में 37.4 डिग्री के झुकाव के साथ 475 किलोमीटर की ऊंचाई पर संचालित करने के लिए डिजाइन किया गया है।ISRO ने कहा है कि इस विशेष सैटेलाइट को स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV)-D3 से आज (16 अगस्त) 09:15 बजे अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।

कब और कैसे देख सकते हैं मिशन का लॉन्च?

ISRO ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके कहा है कि इस मिशन के लॉन्च का सीधा प्रसारण आज सुबह 08:50 से शुरू किया जाएगा।आप इसे ISRO की आधिकारिक वेबसाइट, यूट्यूब चैनल और फेसबुक अकाउंट के माध्यम से देख सकते हैं।इसके साथ ही मिशन के लॉन्च को दूरदर्शन नेशनल चैनल पर भी आज सुबह 08:50 बजे से ही प्रसारित किया जाएगा। इस सैटेलाइट को मौसम पर निगरानी रखने के लिए लॉन्च किया जा रहा है।

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क्या काम करेगा यह सैटेलाइट? 

अर्थ ऑब्जरवेशन सेटेलाइट EOS-08 पृथ्वी की निगरानी करने के साथ ही पर्यावरण और आपदा को लेकर जानकारी देगा। इसके साथ ही तकनीकी प्रदर्शन भी करेगा। लगभग 175.5 किलोग्राम वजन वाला EOS-08 कई वैज्ञानिक और व्यावहारिक क्षेत्रों में मूल्यवान डाटा और अंतर्दृष्टि का योगदान देने के लिए तैयार है। ईओएस-08 में तीन अत्याधुनिक पेलोड हैं: एक इलेक्ट्रो ऑप्टिकल इन्फ्रारेड पेलोड (ईओआईआर), एक ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम-रिफ्लेक्टोमेट्री पेलोड (जीएनएसएस-आर) और एक एसआईसी यूवी डोसिमीटर। ईओआईआर पेलोड को मध्य-तरंग आईआर और लंबी-तरंग आईआर बैंड में दिन और रात दोनों छवियों को कैप्चर करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो आपदा निगरानी से लेकर आग का पता लगाने और ज्वालामुखी गतिविधि अवलोकन तक के अनुप्रयोगों को सक्षम बनाता है। जीएनएसएस-आर पेलोड महासागर की सतह की हवा के विश्लेषण, मिट्टी की नमी के आकलन और बाढ़ का पता लगाने के लिए अभिनव रिमोट सेंसिंग क्षमताओं को प्रदर्शित करता है।

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एक वर्ष के लिए तय है ईओएस-08 का मिशन


ईओएस-08 में कई स्वदेशी रूप से विकसित घटक भी शामिल हैं, जिनमें सौर सेल निर्माण प्रक्रियाएं और माइक्रोसैट अनुप्रयोगों के लिए एक नैनो स्टार-सेंसर शामिल हैं। इसरो ने कहा था कि नवाचार के लिए मिशन की प्रतिबद्धता बेहतर प्रदर्शन के लिए एक्स-बैंड डेटा ट्रांसमिशन सिस्टम तक फैली हुई है। इसरो ने कहा था, अपने नियोजित एक वर्ष के मिशन जीवन के साथ, ईओएस-08 महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करने के लिए तैयार है, जो पृथ्वी की प्रणालियों की समझ को बढ़ाएगा और समाज और वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए लाभकारी अनुप्रयोगों की एक विस्तृत श्रृंखला का समर्थन करेगा।


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