H5N1 Bird Flu: एम्स के पूर्व डायरेक्टर ने किए ये खुलासे- बर्ड फ्लू की वैक्सीन मौजूद, इंसानों से इंसानों में फैला तो आ जाएगी तबाही
बर्ड फ्लू ने एक बार फिर दुनिया भर में चिंता बढ़ा दी है. तेजी से फैलते बर्ड फ्लू (Bird flu) पर चिंता जताते हुए एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि यह कोरोना (COVID-19) की तुलना में 100 गुना अधिक खतरनाक हो सकता है और बर्ड फ्लू के कारण मृत्यु दर काफी ज्यादा हो सकती है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि बर्ड फ्लू पहले की तुलना में अब बहुत ही तेजी से फैल रहा है. पहले ये बीमारी मुर्गियों में ही ज्यादा होती थी. लेकिन अब गाय, बिल्ली और मनुष्य भी इससे संक्रमित हो रहे हैं. अमेरिका में गायों में भी बर्ड फ्लू से मरने के मामले सामने आ रहे हैं.
हाल ही में अमेरिका के टेक्सास में डेयरी फार्म में काम करने वाला एक व्यक्ति H5N1 वायरस से पॉजिटिव पाया गया था. वैज्ञानिकों ने बताया कि बर्ड फ्लू के वायरस में कई तरह के म्यूटेशन हो रहे हैं जिसके चलते यह पहले से कई गुना अधिक संक्रामक हो गया है.
बर्ड फ्लू के लिए मौजूद है वैक्सीन
बर्ड फ्लू की चेतावनी के बीच एम्स के पूर्व निदेशक और मेदांता में आंतरिक चिकित्सा, श्वसन और नींद चिकित्सा संस्थान के अध्यक्ष डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि बर्ड फ्लू से घबराने की जरूरत नहीं है. News18 से बातचीत में डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा, “बर्ड फ्लू दो दशकों से अधिक समय से मौजूद है और वायरस के खिलाफ पहले से ही एक स्थापित वैक्सीन प्लेटफॉर्म मौजूद है.”
उन्होंने कहा, ”यह वायरस दो दशकों से अधिक समय से मौजूद है और कई वर्षों से शांत है और घबराने की कोई जरूरत नहीं है.” एवियन इन्फ्लूएंजा, जिसे H5N1 के रूप में भी जाना जाता है, मुख्य रूप से एवियन प्रजातियों या पक्षियों को प्रभावित करता है. हालांकि मानव-से-मानव में संचरण दुर्लभ है, लेकिन जिन मामलों में ऐसा होता है, मृत्यु दर 60 प्रतिशत तक बढ़ सकती है.”
इंसानों में ऐसे फैलता है बर्ड फ्लू
डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया कि एवियन इन्फ्लूएंजा या H5N1 का स्रोत मुख्य रूप से पोल्ट्री जानवर हैं. “इन जानवरों के निकट संपर्क में रहने वाला कोई भी व्यक्ति संक्रमित होता है, लेकिन मानव-से-मानव संक्रमण कभी नहीं देखा गया है.”
इंसान से इंसान में फैला तो आ जाएगी तबाही
डॉ. गुलेरिया कहा, एक रिसर्च से पता चला है कि यदि वायरस “सिर्फ दो म्यूटेशन” करता है तो मानव-से-मानव संक्रमण संभव है. “इन चिंताओं के कारण, वैक्सीन को यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे विकसित देशों द्वारा बनाया और संग्रहीत किया गया था. बाद में भंडार समाप्त हो गया. हालांकि, आज हमारे पास तकनीक है और यदि आवश्यक हो, तो बड़े फार्मा दिग्गज इसे बना सकते हैं.”