September 13, 2024 11:19 am

BUDGET 2024 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज पेश करेंगी मोदी 3.0 सरकार का पहला बजट…………दर्ज होगा यह खास रिकॉर्ड

देश में 18वीं लोकसभा के गठन के बाद अब मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करने जा रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज 23 जुलाई को संसद में आम बजट पेश करेंगी। संसद में सुबह 11:00 बजे बजट 2024 पेश किया जाएगा। केंद्रीय बजट 2024-25 मोदी 3.0 सरकार का पहला प्रमुख आर्थिक दस्तावेज होगा, जिसमें 2047 तक भारत को ‘विकसित भारत’ में बदलने का रोडमैप पेश करने की उम्मीद है। इसके साथ ही इस बजट में करदाताओं को वित्त मंत्री से किसी बड़े राहत के एलान की उम्मीद है।

संविधान में कहां किया गया है बजट का जिक्र?

संविधान के अनुच्छेद 112 में वार्षिक वित्तीय विवरण की चर्चा है। इसके तहत सरकार को अपने हर साल की कमाई और व्यय का ब्यौरा देना अनिवार्य होता है।’बजट’ शब्द फ्रांस के बुजे से निकला है, जिसका अर्थ होता है चमड़े का बैग। माना जाता है कि सरकार और उद्योगपति अपनी कमाई और खर्च के दस्तावेज चमड़े के बैग में रखते हैं।यही कारण है कि वित्त मंत्री भी अपने दस्तावेज एक बैग में लेकर संसद पहुंचते हैं।

भारत का पहला बजट किसने पेश किया?

भारत में पहला बजट 1860 में ब्रिटिश सांसद जेम्स विल्सन ने पेश किया था। उस बजट को अंग्रेजी में मुद्रित किया गया था। स्वतंत्र भारत का पहला बजट 26 नवंबर, 1947 को देश के पहले वित्त मंत्री आरके शनमुखम चेट्टी ने पेश किया था।

क्या होता है बजट?

बजट सरकार के आय और व्यय का ब्यौरा होता है। बजट पेश करने से पहले एक सर्वे से कराया जाता है, जिसमें सरकार अनुमान लगाती है कि उसे प्रत्यक्ष कर, अप्रत्यक्ष कर, रेलवे के किराए और अलग-अलग मंत्रालय के जरिए कितनी कमाई होगी।यह भी सामने आता है कि आगामी साल में सरकार का कितना अनुमानित खर्च होगा।आसान शब्दों में बजट एक साल में होने वाले अनुमानित राजस्व (कमाई) और खर्चों (अनुमानित व्यय) का ब्यौरा होता है।

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भारत में कौन तैयार करता है बजट?

बजट तैयार करने में वित्त मंत्रालय के साथ नीति आयोग और खर्च से जुड़े मंत्रालय शामिल होते हैं। अलग-अलग मंत्रालयों के अनुरोध पर खर्च का प्रस्ताव तैयार होता है। बजट बनाने का काम वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग का बजट सेक्शन करता है।

कितने चरणों में तैयार होता है बजट?

बजट 3 चरणों में तैयार होता है।पहले चरण में सभी केंद्रीय मंत्रालयों, राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, स्वायत्त संस्थानों, विभागों, सैन्य बलों से आगामी साल के लिए अनुमानित खर्च का आंकलन लिया जाता है।दूसरे चरण में आर्थिक मामलों के विभाग और राजस्व विभाग अलग-अलग हितधारकों (किसानों, व्यापारियों, अर्थशास्त्रियों, सिविल सोसाइटी संस्थानों) से चर्चा करते हैं।इस प्रक्रिया को बजट पूर्व चर्चा कहा जाता है। इसके बाद वित्त मंत्री टैक्स को लेकर अंतिम फैसला लेते हैं।

प्रधानमंत्री से चर्चा के बाद बजट को दिया जाता है अंतिम रूप

वित्त मंत्री बजट को अंतिम रूप देने से पहले प्रधानमंत्री से भी चर्चा करते हैं और उन्हें अगले वित्त वर्ष के लिए बजट में लिए गए अहम फैसलों से अवगत कराया जाता है। प्रधानमंत्री की सहमति के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होती है।

तीसरे चरण में क्या होता है?

तीसरे और अंतिम चरण में वित्त मंत्रालय बजट तय करने से जुड़े सभी विभागों से आमदनी और खर्च की रसीदें हासिल करता है। इससे अगले साल की अनुमानित कमाई और खर्चों की योजना तैयार होती है।इसके बाद सरकार दोबारा राज्यों, बैंकरों, अर्थशास्त्रियों आदि से चर्चा कर टैक्स में छूट और आर्थिक मदद देने जैसे मामलों पर बात करती है।आखिर में वित्त मंत्रालय संशोधित बजट अनुमानों के आधार पर बजट भाषण तैयार करने का काम शुरू करता है।

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आयकर में मिल सकती है छूट

इंडिया टुडे के अनुसार, केंद्रीय बजट की तारीखें घोषित होने के साथ अब इस बात की अटकलें लगाई जा रही हैं कि वित्त मंत्री इस बजट में लोगों को आयकर (इनकम टैक्स) में राहत की घोषणा कर सकती है।

युवाओं को सरकार से है अपेक्षा

वर्तमान में देश में युवा वर्ग के सामने सबसे बड़ी समस्या रोज-रोटी सुनिश्चित करने की है। युवा वर्ग की ओर से लगातार सरकार से इस दिशा में मजबूत कदम उठाने की अपील की जा रही है। मोदी सरकार के पहले दो कार्यकाल में स्किल इंडिया और मेक इन इंडिया मिशन के जरिए युवाओं को राोजगार से जोड़ने के लिए कई कदम उठाए गए पर वे कदम जमीन पर नाकाफी ही साबित हुए हैं। ऐसे में युवा वर्ग इस बार उम्मीद कर रहा है सरकार उनकी भलाई के लिए कुछ ऐसे कदम उठाए जो गंभीरतापूर्वक जमीन पर उतारे जा सकें।

महिलाओं को है बजट से उम्मीद

देश में करीब 12 साल पहले तक महिलाओं के लिए अलग टैक्स की सुविधा थी। इसमें महिला करदाताओं के लिए इनकम टैक्स में बेसिक एग्जेंप्शन लिमिट पुरुषों की तुलना में थोड़ी अधिक होती थी। यानी महिलाएं पुरुषों की तुलना में कम टैक्स चुकाती थीं। लेकिन कांग्रेस सरकार ने वित्त वर्ष 2012-13 ने इस प्रणाली को खत्म कर दिया था। तब सरकार ने महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए समान टैक्स स्लैब पेश किया था। तब से महिलाओं के लिए कोई अलग आयकर स्लैब नहीं है। हालांकि इस बार महिलाओं को मोदी सरकार से उम्मीद है कि महिलाओं के लिए अलग से टैक्स स्लैब आएगा।

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सीतारमण के नाम दर्ज होगा यह खास रिकॉर्ड

इस साल दो बार बजट पेश हो रहा है। 1 फरवरी, 2024 को अंतरिम बजट पेश किया गया था, लेकिन अब नई सरकार का गठन होने के बाद पूर्ण बजट पेश किया जाएगा।यह बजट पेश करने के साथ ही वित्त मंत्री सीतारमण के नाम खास रिकॉर्ड दर्ज हो जाएगा।वह लगातार 7 केंद्रीय बजट पेश करने वाली पहली वित्त मंत्री बन जाएंगी। इस मामले में वह मोरारजी देसाई को पीछे छोड़ेंगी, जिन्होंने लगातार लगातार छह बजट पेश किए थे।


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