ISRO XPoSat Launch: ब्लैक होल का अध्ययन करने के लिए एक्सपो सैटेलाइट लॉन्च …….. नए साल पर इसरो ने रचा नया इतिहास

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने नए साल की शानदार शुरुआत की है।साल के पहले दिन ISRO ने श्रीहरिकोटा से देश का पहला एक्सरे पोलरीमीटर सैटेलाइट (XPoSat) लॉन्च कर दिया है। इसे सुबह 9:10 बजे लॉन्च किया गया।इस सैटेलाइट को गहन एक्सरे स्त्रोतों के ध्रुवीकरण की पड़ताल के लिए लॉन्च किया गया है। यह भारत का ऐसा पहला और दुनिया का दूसरा ऐसा मिशन है।आदित्य-L1 और एस्ट्रोसैट के बाद यह देश का तीसरा अंतरिक्ष आधारित ऑब्जर्वेटरी है।

यह सैटेलाइट क्या काम करेगा?

ISRO ने बताया कि यह ब्रम्हांड में 50 सबसे अधिक चमक वाले स्त्रोतों का अध्ययन करेगा। इसमें प्लसर्स, ब्लैक होल एक्सरे बाइनरीज, एक्टिव गैलेक्टिक न्यूक्लियाई, नियूट्रोन स्टार और नॉन-थर्म सुपरनोवा आदि शामिल है।इसे लो-अर्थ ऑरबिट में धरती से करीब 500-700 किलोमीटर रखा जाएगा और इसका जीवनकाल लगभग 5 साल का होगा। यह ब्रम्हांड के बारे में वैज्ञानिकों की समझ बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा।अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने 2021 में IXPE नाम से ऐसा मिशन लॉन्च किया था।

अपने साथ क्या लेकर गया है सैटेलाइट?

यह सैटेलाइट अपने साथ POLIX (पोलरीमीटर इंस्ट्रूमेंट इन एक्सरेज) और XSPECT (एक्सरे स्पेक्ट्रोस्कॉपी एंड टाइमिंग) नामक पेलोड लेकर गया है।इन दोनों के लिए अलग-अलग काम तय किए गए हैं। रमन रिसर्च सेंटर ने यूआर राव सैटेलाइट सेंटर के साथ मिलकर इन उपकरणों को तैयार किया है, जो आकाशीय पिंडों की भौतिकी के बारे में नई जानकारियां प्रदान करेंगे।एक्सरे के ध्रुवीकरण के पता कर वैज्ञानिक इन आकाशीय पिंडों के बारे में बेहद अहम जानकारियां पता लगा सकेंगे।

शानदार लॉन्च के साथ ISRO ने की साल की शुरुआत

अब NISAR पर टिकी नजरें

साल की शानदार शुरुआत के बाद अब ISRO अगले मिशन की तैयारी में जुट गया है।इसी महीने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की साझेदारी में NISAR मिशन लॉन्च किया जा सकता है। इसका पूरा नाम NASA-ISRO सिंथेटिक अपर्चर राडार है और यह प्राकृतिक खतरों की भविष्यवाणी करने में भी मदद करेगा।यह पूरी पृथ्वी को मैप कर इसके इकोसिस्टम, बर्फ के द्रव्यमान, समुद्र स्तर में वृद्धि, भूजल स्तर और भूकंप आदि खतरों को समझने के लिए लगातार डाटा प्रदान करेगा।

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गगनयान मिशन का है सबको इंतजार

ISRO ने देश के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियान गगनयान मिशन के लिए भी तैयारियां शुरू कर दी है। इसके लिए जरूरी टेस्ट किए जा रहे हैं और इसके 2025 में लॉन्च होने की उम्मीद है।नवंबर में ISRO प्रमुख एस सोमनाथ ने बताया था कि संगठन इस वक्त कई लक्ष्यों पर काम कर रहा है, लेकिन पहली प्राथमिकता गगनयान है। इसमें भारतीय यात्री को अंतरिक्ष में भेजकर सुरक्षित वापस लाना है।


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