Eid ul-Fitr 2024: भारत में ईद आज……….. जानें चांद देखना क्यों है जरूरी और क्यों मनाया जाता है ये त्यौहार
ईद-उल-फितर का त्योहार, जिसे, मीठी ईद और ईद-अल-फितर के नाम से भी जाना जाता है, रमजान के पवित्र महीने, उपवास के इस्लामी पवित्र महीने के अंत का प्रतीक है। हिजरी के 10वें महीने शव्वाल के पहले तीन दिनों में मनाया जाता है। चांद रात एक शब्द है जिसका इस्तेमाल दक्षिण एशियाई संस्कृतियों में, विशेष रूप से भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में, ईद-उल-फितर या ईद अल-अधा की पूर्व संध्या को दर्शाने के लिए किया जाता है। यह शब्द उर्दू से लिया गया है, जहां “चांद” का अर्थ चंद्रमा और “रात” का अर्थ रात है, इस प्रकार रात का अनुवाद होता है जब चंद्रमा देखा जाता है। यह रात मुसलमानों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह रमज़ान के पवित्र महीने, ज़ुल-हिज्जा के महीने के अंत और शव्वाल महीने की शुरुआत का प्रतीक है। भारत और दक्षिण ऐशियाई देशों में मुस्लिम समुदाय को रोजा रखे हुए 10 अप्रैल को पूरे 30 दिन हो गए। भारत में आज 11 अप्रैल को ईद का जश्न मनाया जा रहा। कई देशो ने कल बुधवार को ईद का त्योहार मनाया। लेकिन भारत और बांग्लादेश में चांद नहीं देखा गया, इसलिए यहां बुधवार यानी कल चांद देखने के बाद आज गुरुवार को ईद मनाया जा रहा।
चांद देखना क्यों जरूरी?
इस्लाम धर्म के अनुसार, ईद मनाने से पहले मुसलमान समुदाय के लिए चांद देखना जरूरी होता है। मान्यता है कि शरीयत में अपनी आंखों से देखने और गवाही से ही सुबूत का एतबार है। इसलिए शब-ए-बारात, शब-ए-कद्र, ईद और ईद-उल-अजहा जैसे त्योहार से पहले लोग चांद देखते हैं। चांद रात में चांद देखने के बाद मुस्लिम समुदाय के लोग अल्लाह से दुआ मांगते हैं। रमजान के आखिरी दिन नया चांद देखने के बाद ही ईद का त्योहार शुरू होता है।
ईद के दिन क्या करें
- ईद के दिन होने वाली नमाज में जरूर शामिल हों।
- इसके बाद जकात अल-फित्र यानी दान निकालें।
- ईद के मौके पर नए कपड़े पहनें और आपस में एक दूसरे को मुबारकबाद दें।
- ईद पर मीठी सेवईंयां और स्वादिष्ट भोजन के साथ जश्न मनाएं।
- इसके बाद दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलकर एक दूसरों को ईद की बधाई दें।
ईद के दिन क्या न करें
- ईद की नमाज से न चूकें, मस्जिद में नमाज अदा करने की व्यवस्था करें।
- ईद की नमाज से पहले जकात-उल-फितर देना न भूलें। ईद के दौरान यह दान एक महत्वपूर्ण दायित्व है।
- दिखावा करने से बचें। इस्लाम धर्म के अनुसार कोई भी पोशाक शालीनता से पहने जाने वाली होनी चाहिए।
- ईद के दिन व्यक्तिगत स्वच्छता बनाएं रखें।
- ईद के दिन किसी भी व्यक्ति को अपमान न करें और न ही किसी का मजाक उड़ाएं।