CHHATTISGARH NEP-20: राज्य में जुलाई से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-20 हो जाएगी लागू…………. विद्यार्थियों के मानसिक उर्जा के साथ बौद्धिक क्षमता में भी होगी वृद्धि

छत्तीसगढ़ में जुलाई से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-20 लागू हो जाएगी। आपको बता दें की स्नातक स्तर पर वार्षिक पढ़ाई की जगह सेमेस्टर सिस्टम से पढ़ाई होगी। सिलेबस में भी बदलाव किया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-20 नीति में सतत मूल्यांकन का प्रावधान है, जिससे विद्यार्थियों के मानसिक उर्जा के साथ बौद्धिक क्षमता में भी वृद्धि होगी। सेमेस्टर आधारित पाठ्यक्रम होने के कारण विद्यार्थियों को परीक्षा का तनाव नहीं होगा। बहु-विषयक प्रणाली पर आधारित यह नीति विद्यार्थियों को उनकी इच्छानुसार दूसरे संकाय के विषयों का अध्ययन करने की स्वतंत्रता देती है। पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान पद्धति के समावेश के साथ अन्य गतिविधियों को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है।
प्रदेश में सत्र 2024-25 से समस्त विश्वविद्यालयों / महाविद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अन्र्तगत स्नातक स्तर पर बी.ए., बी.कॉम., बी.एस-सी., बी.बी.ए. एवं बी.सी.ए. के पाठ्यक्रम संचालित किये जा रहें है।
नई शिक्षा नीति में चार वर्षीय स्नातक का प्रविधान
नई शिक्षा नीति के तहत चार वर्षीय स्नातक का प्रविधान है। चार वर्षीय डिग्री प्रोग्राम छात्रों के लिहाज से अच्छे हैं। जैसे, इसमें मल्टी एक्जिट और मल्टी एंट्री का सिस्टम है। इसके तहत छात्र किसी कारणवश बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते हैं तो वे बाद में फिर कोर्स पूरा कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें अवसर मिलेगा। हालांकि यह कोर्स उन्हें छह वर्ष के भीतर पूरा करना होगा।
स्नातक में एक वर्ष के बाद पढ़ाई छोड़ने पर छात्रों को सर्टिफिकेट, दो साल पढ़ाई करने पर डिप्लोमा और तीसरे साल में डिग्री मिलेगी। इसी तरह इस कोर्स में चार साल की पढ़ाई का अवसर उन्हीं छात्रों को मिलेगा, जिन्हें तीसरे वर्ष या छठवें सेमेस्टर में 7.5 क्यूम्लेटिव ग्रेड प्वाइंट एवरेज (सीजीपीए) आएगा। इसके तहत चार ईयर रिसर्च डिग्री या फिर आनर्स की डिग्री मिलेगी।

जिन विद्यार्थियों को विषय विशेष में विशेषज्ञता प्राप्त करने या शोध करने की इच्छा हो वे पाठ्यक्रम को निरंतर चौथे वर्ष में जारी कर सकते हैं। एवं ‘आनर्स/आनर्स विथ रिसर्च’ की उपाधि चौथे वर्ष में प्राप्त कर सकते हैं। इस नीति के अंतर्गत बहु-विषयक शिक्षा, वैचारिक समझ एवं आलोचनात्मक सोच, नैतिक मूल्यों के साथ कौशल विकास को भी पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है। वर्तमान में प्रयुक्त प्रावधानानुसार प्रति सेमेस्टर प्रति कोर्स के सतत् आतंरिक मूल्यंकन (CIA) अन्तर्गत दो टेस्ट/क्विज परीक्षा एवं एक एसाईनमेंट होगी। दो टेस्ट / क्विज परीक्षा में प्राप्त बेहतर अंक तथा एसाईनमेंट में प्राप्त अंक का योग सेमेस्टर परीक्षा के अंको के साथ जोड़ा जाएगा। उदाहरणार्थ 100 अंक का कोर्स में 30 अंक सत्त आतंरिक मूल्यंकन (CIA) के लिए निर्धारित है, जहाँ 20-20 अंक का दो टेस्ट / क्विज परीक्षा होगी तथा 10 अंक का एसाईनमेंट दिया जायेगा । यदि प्रथम टेस्ट / क्विज परीक्षा में 12 अंक, द्वितीय टेस्ट / क्विज परीक्षा में 17 अंक तथा एसाईनमेंट में 08 अंक प्राप्त होता है तो 17+08 = 25 अंक अंत सेमेस्टर परीक्षा के प्राप्तांक में जोडा जायेगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत 3 एवं 4 वर्ष स्नातक पाठ्यक्रम दोनों का प्रांवधान है, जो पूर्णतः विद्यार्थी के इच्छा पर आधारित होगा। यदि विद्यार्थी चाहे तो वह 03 वर्ष की निर्धारित कोर्स अध्ययन करने के पश्चात निर्धारित पाठ्यक्रम की डिग्री प्राप्त कर पाठ्यक्रम छोड़ सकता है। 04 वर्ष पूर्ण करने की कोई बाध्यता नहीं हैं। यदि विद्यार्थी आगे अध्ययन चाहता है तो वह चौथे वर्ष (7वें एवं 8वें सेमेस्टर) हेतु निर्धारित कोर्स का अध्ययन, आनर्स अथवा आनर्स विथ रिसर्च की उपाधि हेतु पाठ्यक्रम पूर्ण करेगा। [तीन वर्ष के पश्च्यात विद्यार्थी को प्राप्त अंक का प्रतिशत यदि यदि 75 या उससे अधिक हो तो वह चौथे वर्ष में आनर्स विथ रिसर्च या आनर्स पाठ्यक्रम में प्रवेश लेगा। यदि विद्यार्थी दारा प्राप्त अंक का प्रतिशत 75 से कम है तो वह केवल आनर्स पाठ्यक्रम में ही प्रवेश ले पाएगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 अन्तर्गत संचालित मल्टीडिसीप्लीनरी पाठ्यक्रम प्रणाली के प्रावधानानुसार विद्यार्थी किसी एक संकाय के ही तीन विषय/डिसीप्लीन का चयन कर सकता है। अलग-अलग संकाय से विषय/डिसीप्लीन का चयन करने का प्रावधान नहीं है। अपितु अन्य संकाय से विषय / डिसीप्लीन का चयन GE के रूप में किया जाना है।
जेनेरिक एलेक्टिव के अंतर्गत कला/विज्ञान/वाणिज्य संकाय का विद्यार्थी अपने संकाय के अतिरिक्त अन्य संकाय के किसी एक विषय को अपनी इच्छानुसार ले सकता है। विद्यार्थी शिक्षा के ऑनलाइन प्लेटफार्म यथा SWAYAM/MOOC में उपलब्ध पाठयक्रमों से भी विषय से संबंधित पाठ्यक्रम की पढ़ाई कर सकता है।
आपको बता दें की सत्र 2024-25 से स्नातकोत्तर कक्षाओं में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधान प्रदेश में लागू नहीं किया जा रहा है। आगामी सत्रों से स्नातकोत्तर कक्षाओं में भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 प्रदेश में लागू की जायेगी।