CHHATTISGARH: नक्सल संगठन में रहते हुए भी आपने 15 वर्षों तक ऊर्जा बचाए रखी आपको प्रणाम- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय……. नक्सल विचारधारा से तंग आकर पुलिस कमांडो बनी राजकुमारी

मुख्यमंत्री से बोलीं सुमित्रा- गलत होने का जल्द ही अंदाज़ा हुआ, इसलिए आत्मसमर्पण किया

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर कल दंतेवाड़ा के जावंगा में बस्तर फाइटर्स एवं दंतेश्वरी फाइटर्स से चर्चा संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से अपने जीवन का अनुभव साझा करते हुए राजकुमारी ने बताया कि उन्होंने नक्सल विचारधारा से तंग आकर पुलिस कमांडो बनने की ठानी। सुमित्रा ने बताया कि मैं एक समय में स्वयं ही नक्सली थीं, मुझे अपने गलत होने का जल्द ही अंदाज़ा हो गया इसलिए मैंने आत्मसमर्पण कर दिया।

राजकुमारी ने बताया कि उनकी सगाई 17 वर्ष की उम्र में ही करा दी गई थी, वह शादी नहीं करना चाहती थी, इसलिए नक्सलियों के दल में शामिल हो गई। राजकुमारी ने कहा कि जल्द ही मैं आतंकवादी विचारधारा दूर होने लगी, क्योंकि उनके साथ रहते-रहते बार-बार असुरक्षा और भोजन की कमी का सामना करना पड़ता था। मैंने अपने तीन दोस्तों के साथ नक्सलियों के दल से भागने की योजना बनायी, क्योंकि मैंने ये देखा था कि नक्सली के साथ शादी करने से मना करने पर कैसे लड़की को मार दिया गया। मैंने भागकर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। समर्पण नीति का फायदा लेकर मैं आज पुलिस कमांडों हूं। बाद में मेरे तीनों साथी भी भाग गए।


नक्सलवाद की राह छोड़कर पुलिस में नौकरी पाने वाली सुमित्रा ने बताया कि एक समय मैं स्वयं ही नक्सली थीं। मुझ पर पांच लाख रूपए का ईनाम घोषित था। मैं 2004 से लेकर 2018 तक नक्सली गतिविधियों में सक्रिय रहीं। इसी दौरान मुझे नक्सल विचारधारा के खोखलेपन का एहसास हुआ। सरकार की अच्छी नीति और पुलिस के प्रयास से समझ में आया कि सरकार की आत्मसमर्पण नीति बहुत कल्याणकारी है, तो अंततः मैंने आत्मसमर्पण कर दिया और समर्पण नीति के अनुरूप मुझे पुलिस में नौकरी मिल गई।

इसे भी पढ़ें:  IND vs ENG 5th Test 2024: भारत ने सीरीज पर किया 4-1 से कब्जा....... 5वे टेस्ट के दूसरी पारी में 196 रनों पर सिमटी इंग्लैंड, भारत पारी और 64 रन से जीता

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राजकुमारी और सुमित्रा की बात सुनकर कहा कि मैं आप दोनों को सेल्यूट करता हूं। आपने कठिन परिस्थितियों में भी अपने हौसले नहीं छोड़े।


मुख्यमंत्री ने राजकुमारी से कहा कि आप केवल इसलिए नक्सलवादी बन गई क्योंकि आप छोटी उम्र में शादी नहीं करना चाहती थीं। यह दुर्भाग्य की बात है कि समाज में आज भी बाल विवाह की कुप्रथा जारी है। अब ऐसा नहीं होगा। हमारी सरकार ने छत्तीसगढ़ से बाल विवाह की कुप्रथा का पूरी तरह उन्मूलन करने के लिए अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने सुमित्रा से कहा कि आपने 15 साल नक्सली बनकर जंगल की खाक छानी और अब आप पुलिस में हैं, बल्कि आप दंतेश्वरी फाइटर हैं। मैं अक्सर सुनता हूं कि नक्सली संगठन में महिलाओं को सामान्य वैवाहिक जीवन जीने नहीं देते, उन्हें गर्भधारण करने से जबरदस्ती रोका जाता है। इतना शोषण सहने के बावजूद आपके अंदर की दुर्गा, या ये कह लें कि माँ दंतेश्वरी, सदैव आपके नारीत्व की ऊर्जा को न सिर्फ बनाये रखीं बल्कि बढ़ाती रहीं, कि आप के अंदर योद्धा बनने की ऊर्जा 15 साल बाद भी बची रही, आप दंतेश्वरी फाइटर्स बनीं। मैं आपकी ऊर्जा को प्रणाम करता हूं। यही ऊर्जा महिलाओं को अद्वितीय बनाती है। मुख्यमंत्री ने दोनों की हिम्मत और समर्पण को सैल्यूट किया।


इस वेबसाइट पर निःशुल्क प्रकाशन के लिए ambikapurcity@gmail.com पर आप प्रेस विज्ञप्ति भेज सकते है।


क्या आपने इसे पढ़ा:

error: Content is protected !!