SURGUJA: सरगुजा में विश्व आदिवासी दिवस का भव्य आयोजन……… कार्यक्रम की तस्वीरों में देखिये झलक

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के सरगुजा जिले के सीतापुर में विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज विश्व आदिवासी दिवस की गूंज ईब से इंद्रावती तक सुनाई दे रही है।


















हमने विश्व आदिवासी दिवस के दिन छत्तीसगढ़ में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की, उसके बाद से आदिवासी समाज के लोग बढ़-चढ़कर विश्व आदिवासी दिवस मनाते हैं।
श्री बघेल ने कहा कि हमारी सरकार विगत पौने चार सालों से आदिवासी समुदाय के साथ-साथ सभी वर्गों के हित के लिए लगातार कार्य कर रही है। किसी ने भी नहीं सोचा था कि गोबर की भी खरीदी होगी, लेकिन हमने यह कर दिखाया औऱ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास किया है। आदिवासियों के आर्थिक-सामाजिक जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए हमने तेंदूपत्ता संग्रहण की दर को 2500 से बढ़ाकर 4 हजार रूपए प्रति मानक बोरा किया है, वनोपजों की खरीदी की संख्या 7 से बढ़ाकर 65 की है।
इसी प्रकार से वन प्रबंधन समिति को 44 करोड़ रुपए लाभांश राशि का अंतरण भी आज उनके खातों में किया गया। कोदो-कुटकी, रागी जैसे लघुधान्य फसलों को बढ़ावा देने के लिए मिलेट्स मिशन का गठन किया और इस तरह अब बड़े शहरों के बड़े-बड़े होटलों में भी मिलेट्स के व्यंजन और भोजन मिलने लगे हैं।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि आदिवासियों के हित और न्याय के लिए हमारी सरकार सदैव तैयार है। उन्होंने कहा कि स्वामी आत्मानंद स्कूल हो चाहे बेरोजगारी भत्ता, राजीव युवा मितान क्लब हो या सुपोषण अभियान हमने हर दिशा में दशा सुधारने की पहल की है और उसी का परिणाम रहा है कि आज छत्तीसगढ़ मॉडल को देश में सराहा जा रहा है।
आज छत्तीसगढ़ सरकार ने त्यौहार मनाने के लिए ग्राम पंचायतों जिसकी दूसरी किश्त आज जारी हुई है। इससे सभी पंचायतों में कार्यक्रम आयोजित होगा। पंचायत के द्वारा पर्वों उत्सवों में इस पैसे को खर्च किया जाएगा। हमारी सरकार बनते ही जो सबसे पहला काम किसानों की ऋण माफी का कार्य किया।
छत्तीसगढ़ की सरकार पहली सरकार है जिसने भूमि अधिग्रहण बिल पारित होने के बाद सबसे पहले आदिवासियों की जमीन लौटाई है। सरगुजा में बहुत सारी जनजातियां रहती हैं। सरगुजा में आदिवासियों की संस्कृति को सहजने के लिए एक संस्था का निर्माण की बात उन्होंने कही।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री टीएस सिंहदेव ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी आदिकाल से विश्व में, देश में और प्रदेश में बसे हुए हैं। पिछले पांच साल में आदिवासी जनता का जितना सम्मान हुआ, उतना पहले नहीं हुआ। दूर दराज के इलाके में जहां जहां वनीय क्षेत्र है, उत्तर-दक्षिण सभी जगह हमारे आदिवासी जन हैं। पूरा सरगुजा आदिवासी बहुल है। ये छत्तीसगढ़ सरकार हमेशा उनके हित में काम करती रहेगी और उनकी इच्छाओं और जरूरतों को पूरा करती रहेगी।
खाद्य एवं संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आदिवासियों का दिल जीता। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री बघेल की संवेदनशीलता के कारण ही युवाओं को नौकरी देने का प्रयास किया जा रहा है। आदिवासियों के हित मे ऐसे अनेक फैसले लिए हैं जिसके कारण आदिवासियों का जीवन स्तर ऊंचा उठा। जाति प्रमाण पत्र में मात्रात्मक त्रुटि को दूर करने के साथ बरसो से इस समस्या से पीड़ित लोगों को राहत भी छत्तीसगढ़ सरकार ने दिया है। कलेक्टर श्री कुन्दन कुमार ने कार्यक्रम में जिले का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा, नगरीय प्रशासन मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री डॉ शिव कुमार डहरिया, सांसद श्री दीपक बैज, संसदीय सचिव श्रीमती अम्बिका सिंहदेव, सीजीएमएससी के अध्यक्ष एवं विधायक डॉ प्रीतम राम, छत्तीसगढ़ राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष श्री गुरप्रीत सिंह बाबरा, वनौषधि पादप बोर्ड के अध्यक्ष श्री बालकृष्ण पाठक, छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री भानुप्रताप सिंह, बीस सूत्रीय कार्यान्वयन समिति के उपाध्यक्ष श्री अजय अग्रवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मधु सिंह, महापौर डॉ अजय तिर्की, अपेक्स बैंक के संचालक श्री अजय बंसल, खाद्य नागरिक आपूर्ति आयोग के सदस्य श्री अभिषेक सिंह, राज्य मदरसा बोर्ड के सदस्य श्री इरफान सिद्दीकी, राज्य गौ-सेवा आयोग के सदस्य श्री अटल बिहारी यादव, राज्य तेलघानी आयोग के सदस्य श्री लक्ष्मी गुप्ता, राज्य उर्दू अकादमी के सदस्य श्री बदरुद्दीन इराकी, जिला पंचायत सदस्य श्री राकेश गुप्ता, पुलिस अधीक्षक श्री सुनील शर्मा समेत वरिष्ठ जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी गण उपस्थित थे।

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