AMBIKAPUR: सरगुजा पुलिस द्वारा एक दिवसीय “संवाद कार्यक्रम“ एवं कार्यशाला का किया गया आयोजन…………… नवीन आपराधिक कानूनों और प्रावधानों पर किया गया सार्थक विचार-विमर्श
पुलिस मुख्यालय के निर्देशानुसार सरगुजा पुलिस द्वारा गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष मे नवीन कानूनों के क्रियान्वयन की दिशा में जिले के मीडिया प्रतिनिधियों को नवीन कानूनों के प्रावधानों की जानकारी देने एक दिवसीय “संवाद कार्यक्रम“ एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आईजी सरगुजा श्री अंकित गर्ग, कलेक्टर श्री विलास भोस्कर एवं एसपी श्री योगेश पटेल द्वारा मीडिया प्रतिनिधियों के साथ नवीन आपराधिक कानूनों और प्रावधानों पर सार्थक विचार-विमर्श किया गया।
इस अवसर पर आईजी श्री गर्ग ने कहा कि नवीन आपराधिक कानूनों के प्रति जन जागरूकता निर्मित करने में मीडिया को महत्वपूर्ण भूमिका है, इसलिए मीडिया समूह को नवीन आपराधिक कानून की दूरदर्शिता के बारे में अवगत कराना आवश्यक हैं। नवीन कानून 01 जुलाई 2024 से जिले सहित देश भर मे लागू हुए हैं, जिसके सम्बन्ध में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर आम जनता को जानकारी दी जा रही है। आमनागरिकों कों जागरूक करने में मीडिया का का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने बताया कि नवीन आपराधिक कानून में आम नागरिकों कों जीरो एफआईआर एवं ई एफआईआर की सुविधा प्रदान की गई हैं, जिसमे आम व्यक्ति किसी भी क्षेत्र के थाने मे अपनी शिकायत दर्ज कराने के साथ अपनी शिकायत सीधे ऑनलाइन दर्ज करा सकता हैं, अब थाना क्षेत्र की सीमा एवं तत्काल परोक्ष रूप से उपस्थित होकर अपनी शिकायत दर्ज कराना पीड़ित के लिए आवश्यक नही हैं, ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने के 03 दिवस के भीतर दर्ज शिकायत को हस्ताक्षरित करना आवश्यक है, जिससे दर्ज शिकायत पर प्रकरण पंजीबद्ध किया जा सकेगा। इसी तरह नवीन आपराधिक कानून में आमनागरिकों के प्रति जवाबदेही तय की गई हैं, पीड़ित की शिकायत पर की गई कार्यवाही के सम्बन्ध में 90 दिन मे पीड़ित को मामले में की गई कार्यवाही से अवगत कराने की समय सीमा का निर्धारण किया गया है। मामलों की वीडियोग्राफी, ऑडियोग्राफी जैसे महत्वपूर्ण साक्ष्य को प्राथमिक साक्ष्य के रूप शामिल किया गया है। अब साइबर अपराध, आतंकवाद, संगठित अपराध, मॉब लिन्चिंग सम्बन्धी अपराधों पर भी नवीन प्रावधान आपराधिक क़ानून मे शामिल किए गए हैं।
कलेक्टर सरगुजा श्री विलास भोस्कर ने कहा कि सार्थक एवं जनोपयोगी जानकारियों को लोगों तक पहुंचाने का सबसे बड़ा माध्यम मीडिया है। मीडिया में प्रकाशित और प्रसारित खबरों से जागरूक होकर आमनागरिक शासन की योजनाओं से लाभान्वित होते हैं। इसी कड़ी में नवीन आपराधिक कानूनों की जानकारी आम जनता तक आसान तरीके से पहुंचाने के लिए मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया है। नवीन कानून में तकनीकी एवं वैज्ञानिक विवेचना का समावेश किया गया है। न्याय व्यवस्था को पारदर्शी करने के साथ साथ मामलों के त्वरित निराकरण करने की दिशा में नवीन कानून आम जनता के लिए लाभदायक साबित होंगे।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए एसपी श्री योगेश पटेल ने कहा कि नवीन कानून संहिता में भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्य संहिता स्थापित की गई है। नवीन कानून संहिता में दंड की बजाय न्याय पर जोर दिया गया है। नवीन क़ानून में किए गए प्रावधानों की जानकारी आमजन तक पहुंचाने की जिम्मेदारी हम सबकी है। जिसके लिए मीडिया कार्यशाला एवं संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। मीडिया के माध्यम से जनजागरूकता बढ़ाना सरल और सहज माध्यम है। नवीन आपराधिक कानून में पुलिस की जांच विवेचना को वैज्ञानिक तकनीक के आधार पर किये जाने के प्रावधान शामिल किए गए हैं। सामुदायिक सेवा, ई-एफआईआर, जैसे प्रावधान किए गए हैं। 07 वर्ष से उपर के सजा के मामलों मे फॉरेंसिक टीम का घटनास्थल निरीक्षण के प्रावधान भी किये गए हैं जिसका लाभ पीड़ित को मिलेगा। यह अपराध में शामिल आरोपियों की दोषसिद्धि में सहायक साबित होगा।
सहायक लोक अभियोजन अधिकारी अम्बिकापुर श्री राजेश सिंह द्वारा मीडिया प्रतिनिधियों को नवीन आपराधिक कानूनों के बारे मे विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई जिसमें उन्होंने बताया कि नवीन कानूनों के प्रावधान के तहत 90 दिनों के अंदर शिकायतकर्ता को प्रकरण में की गई कार्यवाही की सूचना देना आवश्यक है। पुलिस के साथ साथ माननीय न्यायालय की कार्यवाही पर भी समयसीमा निर्धारित करने के प्रावधान किए गए हैं। अब 60 दिनों के अंदर आरोप तय करने होंगे। बच्चों के माध्यम से अपराध करवाने वाले व्यक्तियों पर सख्त प्रावधान किए गए है। छोटे प्रकार के 06 अपराधों मे सामुदायिक सेवा का दंड शामिल किया गया है।
इस एक दिवसीय कार्यशाला में अपर कलेक्टर श्री सुनील नायक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री अमोलक सिंह ढिल्लों, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस ग्रामीण श्री अमित पटेल, उप निरीक्षक अभय सिंह (एम), मीडिया प्रतिनिधिगण, पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारीगण शामिल रहे।