AMBIKAPUR: शहर में बनेगा राष्ट्रीय स्तर का संग्रहालय…………….संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय ने शुरू की तैयारी
अंबिकापुर में देश का पहला राष्ट्रीय स्तर का संग्रहालय बनाया जाएगा, जो सभी आयु वर्ग के लिए उपयुक्त होगा, संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय द्वारा इसका निर्माण किया जाएगा। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं और जमीन की तलाश भी जारी है।
शहर से लगभग 15 किमी दूर स्थित नवीन परिसर में संग्रहालय का निर्माण नहीं होगा, इसलिए संग्रहालय के लिए शहर के आसपास जमीन खोजी जा रही है। संग्रहालय की डीपीआर नागपुर के विशेषज्ञ भुजंग बाबड़े द्वारा तैयार की जाएगी। संत गहिरा गुरु के कुल सचिव शारदा प्रसाद त्रिपाठी ने शुक्रवार को संग्रहालय विशेषज्ञों और अन्य विशेषज्ञों से इस मुद्दे पर चर्चा की। चर्चा के बाद, शहर के एक होटल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुल सचिव और भुजंग बाबड़े ने इस संबंध में जानकारी साझा की।शुक्रवार को संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय के कुल सचिव शारदा प्रसाद त्रिपाठी ने इस मुद्दे पर संग्रहालय विशेषज्ञों और अन्य जानकारों से चर्चा की। चर्चा के उपरांत, शहर के एक होटल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने और भुजंग बाबड़े ने इस संबंध में जानकारी दी। भुजंग बाबड़े ने कहा कि शिक्षा में रुचि उत्पन्न करने के लिए संग्रहालय की आवश्यकता है। उन्होंने आगे बताया कि जब संग्रहालयों को शिक्षा के क्षेत्र से नहीं जोड़ा जाता है, तो वहां लोगों की उपस्थिति भी कम हो जाती है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर का होगा संग्रहालय
अंतरराष्ट्रीय वस्तु संग्रहालय समिति के सदस्य डा भुजंग बोबडे ने बताया कि अंबिकापुर में स्थापित होने वाला आर्यावर्त सांस्कृतिक संग्रहालय व अनुसंधान केंद्र अंतरराष्ट्रीय स्तर का होगा। जो परिकल्पना की गई है उसके तहत आर्टिफिशियल इंटिलिजेंस तकनीक का भी इसमें समावेश किया जाएगा। हम प्राचीन भारतीय इतिहास,कला, विज्ञान को पूरी प्रमाणिकता के साथ प्रस्तुत करेंगे। यह शास्वत सत्य है कि वेद प्रामाणिक है। हम वेद को वैज्ञानिकता के साथ प्रस्तुत करेंगे। यदि ऋषि पाराशर ने प्राचीन काल में उन्नत खेती की बात कही थी तो आज के समय में कृषि विज्ञानी उसी अवधारणा की बात कर रहे हैं। हम इसे भी बताएंगे कि भारतीय ज्ञान और संस्कृति, सभ्यता कितनी ऊर्जावान रही है। यह रोजगार देने वाला संग्रहालय होगा।
युवा पीढ़ी भी आर्टिफिशयल इंटिलिजेंस के कारण जुड़ेगी
अंतरराष्ट्रीय वस्तु संग्रहालय समिति के सदस्य डा भुजंग बोबडे ने बताया कि यह देश का पहला संग्रहालय होगा जहां आर्टिफिशियल इंटिलिजेस का उपयोग होगा। युवाओं की सोच क्या है उसे यह तकनीक स्वयंमेव पकड़ लेगी। यदि किसी युवा को फुटबाल से प्रेम है तो संग्रहालय में प्रवेश करते ही उसके लिए ऐसा वातावरण निर्मित होगा कि उसके लिए फुटबाल, खिलाड़ी और मैदान सब कुछ तैयार है।आर्टिफिशियल इंटिलिजेस तकनीक में वह फुटबाल भी खेल सकेगा। यह इतना हाईटेक होगा कि स्वामी विवेकानंद के शिकागो में दिए गए उद्बोद्धन को यदि वह सुनना चाहता है तो क्यूआर कोड स्कैन करेगा तो उसे पूरा उद्बोद्धन सुनाई देगा।