AMBIKAPUR: सैनिक स्कूल में हिंदी पखवाड़ा का हुआ भव्य समापन……………………संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अशोक सिंह के आतिथ्य में आयोजित हुआ कार्यक्रम
संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अशोक सिंह के आतिथ्य में सैनिक स्कूल अम्बिकापुर में हिंदी पखवाड़े का समापन हुआ। पखवाड़े के अन्तर्गत अनेक कार्यक्रम आयोजित हुए जैसे हिंदी वाद-विवाद, हिंदी अभिभाषण, हिंदी कहानी लेखन आदि। परन्तु मुख्य आकर्षण का केन्द्र था काव्य पाठ प्रतियोगिता। उक्त सभी प्रतियोगिताएं कनिष्ठ और वरिष्ठ वर्ग में विभाजित कर आयोजित की गई।
वरिष्ठ वर्ग में हिंदी कहानी लेखन में द्वितीय स्थान प्राप्त किया कैडेट नितिन भटपहरी और प्रथन स्थान प्राप्त किया कैडेट सिद्धार्थ कुमार सिंह ने। इसी प्रकार कनिष्ठ वर्ग में क्रमषः प्रथम एवं द्वितीय स्थान पर कैडैट पेमू एंजेल, कैडेट अविनाष सिन्हा रहे। हिंदी अभिभाषण में क्रमशः कैडेट हर्ष पटेल ने द्वितीय स्थान और कैडेट आयुष प्रसाद ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। इसी प्रकार कनिष्ठ वर्ग में क्रमशः कैडेट आयुष कुर्रे ने द्वितीय स्थान और कैडेट आषुतोष पटेल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
हिंदी काव्य पाठ प्रतियोगिता के कनिष्ठ वर्ग में द्वितीय स्थान कैडेट सर्वेष कुमार एवं प्रथम स्थान कैडेट अभिषेक वर्मा ने प्राप्त किया और वरिष्ठ वर्ग में द्वितीय स्थान कैडेट समर कुमार ने प्राप्त किया और प्रथम स्थान कैडेट अभिदीक्षित ने प्राप्त किया। काव्य पाठ प्रतियोगिता विद्यालय के सभी कर्मचारियों के लिए भी आयोजित की गई। जिसमें प्रथम स्थान श्री रवीन्द्र तिवारी, द्वितीय स्थान श्री सुनील कुमार दुबे एवं तृतीय स्थान श्री सौरभ कुमार जैन ने प्राप्त किया।
अंत में विजेता सदन को ट्राॅफी और विजेता कैडेटों को प्रमाण पत्र और पुरस्कार से सम्मानित किया गया। हिंदी पखवाड़ा के विजेता सदन मानेकशॉ और अरिहंत सदन को ट्राॅफी से सम्मानित किया गया सभी पुरस्कार और प्रमाण पत्र मुख्य अतिथि प्रोफेसर अषोक सिंह, कुलपति, संत गहिरा गुरू विष्वविद्यालय के कर कमलों द्वारा दिया गया।
कुलपति जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि हिंदी जन-जन की भाषा है और हम सबका कर्तव्य है कि हम इसे जन-जन तक पहुंचाएं। उन्होंने कैडेटों के लिए भी पांच सूत्र दिए – दृढ़ संकल्प, अनुशासन, समर्पण समय की पाबंदी और धैर्य। इन पांच सूत्रों के माध्यम से हम अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं। सपने देखना जरूरी है। लेकिन सपनों को साकार करना भी जरूरी है। उन्होंने अपने उद्बोधन का अंत हरिवंश राय बच्चन की कविता ‘दिन जल्दी-जल्दी ढलता है’ के साथ किया। विद्यालय के उप प्राचार्य महोदय लेफ्टिनेंट कर्नल (डाॅ) पी श्रीनिवास ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए ‘कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती’ कविता सुनाई और सभी को हिंदी दिवस की अनेक शुभकामनाएं दीं।