AMBIKAPUR: सरगुजा के सांस्कृतिक विरासतों के संरक्षण पर संभागस्तरीय कार्यशाला का हुआ शुभारंभ…….सरगुजा सांसद श्री चिंतामणि महाराज ने ने किया उद्घाटन

अंबिकापुर जिला पुरातत्व संग्रहालय में संचालनालय पुरातत्व, अभिलेखागार एवं संग्रहालय, रायपुर के तत्वावधान में 21 से 24 अक्टूबर तक चलने वाली पांच दिवसीय संभागस्तरीय कार्यशाला का शुभारंभ सरगुजा सांसद श्री चिंतामणि महाराज ने मां सरस्वती के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर किया। इस अवसर पर अंबिकापुर विधायक श्री राजेश अग्रवाल, लुण्ड्रा विधायक श्री प्रबोध मिंज, सरगुजा आयुक्त श्री जी आर चुरेंद्र, और पूर्व कुलपति प्रो. एल एस निगम भी उपस्थित रहे।
प्रमुख पुरास्थलों की जानकारी पर जोर
मुख्य अतिथि श्री चिंतामणि महाराज ने सरगुजा के ऐतिहासिक पुरास्थलों जैसे रामगढ़, महेशपुर, और डीपाडीह की जानकारी साझा की। उन्होंने प्रतिभागियों को विषय विशेषज्ञों से सीखने और संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने का आह्वान किया। श्री महाराज ने जोर देकर कहा कि सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण में हर नागरिक का योगदान जरूरी है।

विशेषज्ञों और प्रतिभागियों की उपस्थिति
कार्यशाला में कई महत्वपूर्ण अतिथि और विशेषज्ञ शामिल हुए, जिनमें भाषाविद डॉ. सुधीर पाठक, शिक्षाविद डॉ. राजेश सिंह, इतिहासविद डॉ. ममता गर्ग, और जिला पुरातत्व संघ के सदस्य श्री कमलाकांत शुक्ला शामिल थे। साथ ही, संयुक्त कलेक्टर बलरामपुर श्री आर एन पांडेय भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। बिलासपुर संभाग के बिलासपुर, कोरबा, कवर्धा, जांजगीर-चांपा और सरगुजा संभाग के सूरजपुर, अंबिकापुर, जशपुर, बलरामपुर जिलों से लगभग 80 विद्यार्थी और शोधार्थी भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

संरक्षण के व्यावहारिक उपायों पर फोकस
कार्यशाला के दौरान सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण की चुनौतियों और उनके समाधान पर विशेष चर्चा की जाएगी। प्रतिभागियों को प्राचीन वास्तुकला और शिल्पकला को संरक्षित करने के महत्व के बारे में जागरूक किया जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य सांस्कृतिक धरोहरों के प्रबंधन और संरक्षण के लिए व्यावहारिक कार्ययोजना तैयार करना है।
ज्ञान और अनुभवों के आदान-प्रदान का अवसर
कार्यशाला प्रतिभागियों को सांस्कृतिक विरासतों के संरक्षण के ज्ञान, कौशल और अनुभव साझा करने का महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगी। इस दौरान संरक्षण के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श के साथ-साथ क्षेत्रीय धरोहरों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने पर भी जोर दिया जाएगा।